अयोध्या 05 अगस्त । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर के लिये भूमि पूजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये जिस आत्मविश्वास की जरूरत थी, उसका शुभारंभ आज हो रहा है।
श्री भागवत ने बुधवार को कहा “ मंदिर निर्माण का संकल्प लेने पर सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने हमे याद दिलाया था कि इसके लिये 30 साल काम करना होगा तब यह काम होगा। हमने यह किया और आज संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है।
उन्होने कहा कि मंदिर आंदोलन के लिये अनेक लोगों ने बलिदान दिए हैं जो सूक्ष्म रूप में यहां उपस्थित है। कई ऐसे भी हैं जो यहां आ नहीं सकते। आडवाणी जी अपने घर में बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। पूरे देश में आनंद की लहर है सदियों की आस पूरे होने की आनंद है सबसे बड़ा आनंद है।
राम के धर्म की ध्वजा लेकर सुख शांति देने वाला भारत बनाना है: भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने आज कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के साथ ही लोगों को अपना मन भी अयोध्या की तरह बनाना है और श्री राम के आदर्शों पर आधारित सबको जोड़ने वाले, ऊपर उठाने वाले, सबकी उन्नति करने वाले तथा सबको अपना मानने वाले धर्म की ध्वजा को अपने कंधे पर लेकर संपूर्ण विश्व को सुख-शांति देने वाले भारत का निर्माण करना है।
डॉ भागवत ने यहां श्री राम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के पूर्व भूमिपूजन अनुष्ठान में शामिल होने के बाद उपस्थित संत समुदाय एवं अन्य प्रमुख लोगों को संबोधित किया। सरसंघचालक ने कहा कि आज हम सबके लिए आनंद का क्षण है। तत्कालीन संघ के सरसंघचालक बाला साहब देवरस ने कहा था कि बहुत लग के बीस-तीस साल काम करना पड़ेगा। तब कभी ये काम होगा और यही हुआ। तीसवें साल के प्रारंभ में हमको संकल्प पूर्ति का आनंद मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में जी-जान से अनेक लोगों ने बलिदान दिए हैं। वे प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित नहीं हो सकते पर सूक्ष्म रूप में यहां उपस्थित हैं।