नयी दिल्ली , 24 मई । सरकार ने तटीय व्यापार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जहाज किराया लेने पर भारतीय नागरिकों और कंपनियों के लिए लाइसेंस लेने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज यह जानकारी दी।
गडकरी ने कहा कि आयात – निर्यात कंटनेरों की ढुलाई के लिए देश में पंजीकृत सहकारी संस्था , कंपनी या देश को नागरिक को किराये पर जहाज लेने में लाइसेंस लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है।
उन्होंने कहा , ‘‘ इस कदम से न सिर्फ भारतीय कंटेनरों को विदेशी बंदरगाहों की तरफ रुख करने से रोका जा सकेगा बल्कि यह जहाज ढुलाई परिचालन क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। इससे सेना व नौसेना के पूर्व जवानों समेत छोटे जहाजों को किराया पर लेने से अवगत नागरिकों को तेजी से उभरते क्षेत्र का हिस्सा बनने का भी अवसर मिलेगा। ’’
गडकरी ने कहा कि इससे न केवल कारोबार सुगम होगा बल्कि रोजगार के भारी अवसर भी सृजित होंगे।
उन्होंने कहा , ‘‘ भारतीय कार्गो की विदेशी बंदरगाहों से ढुलाई से वहां परिवहन भी बढ़ता है और रोजगार सृजित होता है। इसके साथ ही इससे राजस्व और विदेशी मुद्रा की हानि होती है क्योंकि विदेशी बंदरगाहों द्वारा भारतीय निर्यातकों – आयातकों से शुल्क वसूला जाता है। ’’
नौवहन सचिव गोपाल कृष्णा ने कहा कि यह इस क्षेत्र में 1958 के बाद उठाया गया सबसे बड़ा कदम है।attacknews.in