नयी दिल्ली, 24 जनवरी । अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने तेल-से-रासायन कारोबार के लिए अलग इकाई बनाने का काम पूरा लिया है। कंपनी का कहना है कि इस कदम से उसे रणनीतिक साझेदारों के साथ वृद्धि के अवसरों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कंपनी की तेल-से-रसायन इकाई में परिशोधन संयंत्र, पेट्रोरसायन इकाइयां और खुदरा ईंधन विपणन कारोबार शामिल है। इसमें केजी-डी6 जैसे तेल व गैस उत्पादक क्षेत्र तथा कपड़ा व्यवसाय शामिल नहीं है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पहली बार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों में तेल-से-रसायन व्यवसाय की एकीकृत कमाई की जानकारी दी। इससे पहले परिशोधन व पेट्रोरसायन व्यवसाय की कमाई का ब्योरा अलग-अलग दिया जाता था, जबकि खुदरा ईंधन विपणन व्यवसाय के परिणाम कंपनी के खुदरा कारोबार के तहत जारी किये जाते थे।
दिसंबर तिमाही के परिणाम में कंपनी ने परिशोधन और पेट्रोरसायन के साथ-साथ खुदरा ईंधन विपणन कारोबार का परिणाम एक इकाई के तौर पर पेश किया। इसका परिणाम हुआ कि कंपनी ने परिशोधन से आय की जानकारी नहीं दी, जो कि कंपनी के तेल परिशोधन व्यवसाय के प्रदर्शन का आकलन करने के लिये सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ा हुआ करता था।
कंपनी ने परिणाम जारी करने के बाद निवेशकों के समक्ष एक प्रस्तुति में कहा, ‘‘परिशोधन तथा पेट्रोरसायन कारोबार को तेल-से-रसायन इकाई के रूप में पुनर्गठित करने से नयी रणनीति के साथ ही प्रबंधन के नये रुख का पता चलता है।’’
कंपनी ने कहा कि यह समग्र व तेजी से निर्णय लेने की सुविधा देगा और इसके साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी के साथ वृद्धि के आकर्षक अवसरों को आगे बढ़ाने की सहूलियत भी प्रदान करेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सऊदी अरामको जैसी कंपनियों को हिस्सेदारी की संभावित बिक्री के लिये तेल-से-रसायन व्यवसाय को अलग इकाई बनाने का काम पिछले साल शुरू किया था। कंपनी के तेल-से-रसायन व्यवसाय का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर किया गया था। कंपनी सऊदी अरब ऑयल कंपनी (अरामको) के साथ 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिये बातचीत कर रही थी।
हालांकि, कंपनी ने अरामको के साथ चल रही बातचीत का उल्लेख नहीं किया है।