इलाहाबाद, 15 फरवरी । राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के उद्देश्य से 13 फरवरी को अयोध्या से निकली ‘रामराज्य रथयात्रा’ आज यहां पहुंची। इस यात्रा के लिए करीब 40 लाख रुपये की लागत से रथ का निर्माण कराया गया है और इसे तैयार करने में छह महीने लगे।
श्री रामदास मिशन युनिवर्सल सोसाइटी द्वारा निकाली जा रही इस यात्रा के अन्य चार उद्देश्यों में रामराज्य की पुनर्स्थापना, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में रामायण को शामिल करना, रविवार के स्थान पर गुरुवार को राष्ट्रीय साप्ताहिक अवकाश घोषित करना और एक विश्व हिंदू दिवस की घोषणा करने की सरकार से मांग शामिल है।
रामराज्य रथ यात्रा के राष्ट्रीय महासचिव शांतानंद महर्षि ने यहां जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “राम के बिना रामराज्य असंभव है। कर्नाटक में स्वामी विवेकानंद जयंती मनाने की मनाही है। वहां सिद्धरमैया की सरकार टीपू सुल्तान जयंती मना रही है…उसे स्वतंत्रता सेनानी बता रही है।” उन्होंने कहा, “इसी तरह केरल में वामपंथियों की सरकार है…वह एक इस्लामिक राज्य बन गया है जहां लव जिहाद चल रहा है। हम किसी सरकार के लिए वोट मांगने के उद्देश्य से यह यात्रा नहीं निकाल रहे हैं…जिस भी पार्टी को सरकार की कुर्सी चाहिए उसे राम के पीछे आना ही पड़ेगा।” महर्षि ने भरोसा जताया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर उच्चतम न्यायालय में चल रहे मामले में फैसला राम मंदिर के पक्ष में आएगा क्योंकि खुदाई में वहां पहले से राम मंदिर होने के साक्ष्य मिले हैं।
हिंदू संगठनों के सहयोग से यह रामराज्य रथयात्रा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु होते हुए 25 मार्च को रामनवमी के दिन केरल के तिरुवनंतपुरम में संपन्न होगी। इस यात्रा के तहत 6,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की जाएगी।attacknews.in