गोरखपुर, कन्नौज, देवरिया, आगरा (उप्र) जयपुर (राजस्थान), 15 फरवरी । पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के महाराजगंज और कन्नौज जिलों के शहीदों के परिवार वालों की मांग है कि शहादत का कड़ा प्रतिशोध लिया जाना चाहिए ।
महाराजगंज में फरेंदा थाना क्षेत्र के हरपुर मिश्रा गांव के निवासी पंकज त्रिपाठी (35) छुटिटयां बिताने गांव आये थे और तीन दिन पहले ही डयूटी जाने के लिए लौटे थे। उनके परिवार में रोहिणी और तीन साल का एक बेटा है।
आतंकी हमले के बारे में सूचना देने के लिए कल आया फोन पंकज के परिवार वालों पर ही नहीं बल्कि पूरे गांव पर दु:खों का पहाड़ लेकर टूटा ।
पंकज के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि किसी अधिकारी ने बेटे के बारे में फोन पर सूचना दी । हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे पुत्र ने मातृभूमि के लिए अपने जीवन की कुर्बानी दी लेकिन सरकार को हमलावरों के खिलाफ कडी कार्रवाई करनी चाहिए । अब बातचीत का समय नहीं रहा, प्रतिशोध लेने का समय है । पंकज यहां आया था और हमारे साथ दो महीने से अधिक समय रहा था ।
समूचा गांव दु:ख और सदमे में है । खबर मिलने के बाद से किसी के घर में खाना नहीं बना । सब प्रतिशोध की मांग कर रहे हैं । बीच बीच में ‘शहीद पंकज अमर रहें, बदला लो बदला लो, पाकिस्तान से बदला लो’ जैसे नारे सुनायी देते हैं ।
पंकज के भाई शुभम त्रिपाठी ने कहा कि जब उनका भाई छुटि्टयों में आया था तो उन्होंने कहा था कि उनका दिल्ली तबादला हो जाएगा और वह अप्रैल में यहां फिर आएंगे । ‘मैंने भाई खोया है । कोई चीज उसकी भरपायी नहीं कर सकती । नेताओं को खूब सुरक्षा मिलती है जबकि सैनिक मोर्चे पर रखे जाते हैं । उनके हाथ बंधे हुए होते हैं । उन्हें ऐसी घटनाओं के प्रति कार्रवाई की आजादी नहीं होती ।’
कन्नौज जिले में तिरवा थाना क्षेत्र के अजान सुखसेनपुर गांव में भी ऐसा ही नजारा है । यहां का बेटा प्रदीप कुमार यादव उस बस पर सवार था, जो आतंकी हमले में नष्ट हो गयी ।
प्रदीप यादव भी दस फरवरी को गांव से गये थे । उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।
देवरिया के भटनी थाना क्षेत्र में जयदेव छपिया गांव के शहीद विजय कुमार मौर्य :30: के पिता आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को कडा जवाब देने की मांग कर रहे हैं ।
रामायण मौर्य ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, जिसने देश के लिए जीवन कुर्बान किया लेकिन सरकार को पाकिस्तान को जल्द से जल्द करारा जवाब देना चाहिए । कार्रवाई इतनी कडी होनी चाहिए कि पाकिस्तान कभी भी हमारी जमीन पर घुसपैठ कर हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत ना करने पाये ।
सीआरपीएफ की 92वीं बटालियन के विजय नौ साल पहले इस बल में शामिल हुए थे। उनका 2014 में विवाह हुआ था । विजय के परिवार में पत्नी विजयलक्ष्मी और डेढ साल की बेटी है । वह छुटि्टयां पूरी करने के बाद नौ फरवरी को ही जम्मू के लिए रवाना हुए थे ।
समूचे गांव में जबर्दस्त गुस्सा है । पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी हो रही है । सैकडों लोगों की भीड शुक्रवार सुबह से ही शहीद के घर के सामने एकत्रित है ।
शहीद की पत्नी ने कहा कि वह अपना पति खो चुकी हैं और उनकी बेटी ने पिता खोया है । जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, कई सारे लोग भावनाएं व्यक्त करते हैं लेकिन चार पांच दिन बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है और सरकार कभी कुछ नहीं करती
आगरा के कौशल के परिवार पर दुखों का पहाड़:
पुलवामा आतंकी हमले में आगरा के जवान कौशल कुमार रावत भी शहीद हो गए। उनका परिवार चाहता है कि सरकार आंतकवाद को पूरी तरह खत्म कर दे।
कहरई गांव के कौशल कुमार रावत (48) सीआरपीएफ में नायक (एएसआई) के पद पर तैनात थे। वह 115 बटालियन में सिलिगुड़ी में नियुक्त थे। कुछ दिन पहले ही कश्मीर में 76 बटालियन में तैनाती हुई थी। इसमें ज्वाइन करने के लिए ही पहुंचे थे कि आतंकी हमला हो गया। वह तीन दिन पहले छुट्टी से लौटे थे।
कौशल कुमार की नई बटालियन में ज्वाइनिंग बृहस्पतिवार को ही होनी थी। वह इसी के लिए जा रहे थे लेकिन ज्वाइनिंग के दिन ही उनकी शहादत हो गई।
शहीद कौशल कुमार रावत के पिता गीताराम रावत और मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
कौशल कुमार की पत्नी और बच्चे गुडग़ांव में रहते हैं। उनके तीन बच्चों में दो बेटे और एक बेटी है। बेटी अपूर्वा सबसे बड़ी है। उसकी शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा अभिषेक रूस से एमबीबीएस कर रहा है। छोटा बेटा विकास गुडग़ांव में ही मां के साथ रहता है। शहादत की खबर आते ही परिजन पैतृक निवास कहरई के लिए रवाना हो गए।
उनके भाई कमल कुमार रावत ने कहा कि अब अंतिम वक्त है, सरकार को आतंकवाद खत्म कर देना चाहिये। अब और जवान शहीद नहीं होने चाहिये। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ये करने में सक्षम है और जवानों की शहादत का बदला लेने का समय है।
परिवार को जब कौशल रावत की शहादत की खबर मिली तो सभी शोक में डूब गये।
उनकी बहादुरी की कहानी परिवार का सीना चौड़ा कर देती है। कौशल कुमार 1990 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनकी शादी 1992 में हुई। ज्यादातर समय वे श्रीनगर में तैनात रहे थे। कश्मीर में कई बार आतंकी वारदातों में उन्होंने अपनी टीम के साथ डटकर मुकाबला किया था। गांव में उनकी बहादुरी के किस्से हर किसी की जुबान पर हैं। उनकी टीम ने कई आतंकी ढेर किये थे।
राजस्थान के 5 जवान शहीद:
आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों में पांच राजस्थान के हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हमले की निंदा की है।
शहीद हुए जवानों में राजस्थान के शाहपुरा (जयपुर) के रोहिताश लांबा, सांगोद (कोटा) के हेमराज मीणा, सुंदरावली (भरतपुर) के जीतराम गुर्जर, राजाखेडा (धौलपुर) के भागीरथ कसाना और बिनोल (राजसमंद) के नारायण लाल गुर्जर शामिल हैं। ये सभी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में थे।
मुख्यमंत्री गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है।
राजस्थान पुलिस ने भी शुक्रवार को शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग के नेतृत्व में अधिकारियों व पुलिस कर्मियों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की
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