नयी दिल्ली, 15 सितंबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वच्छता के लिये सेवा’ को ‘ईश्वर की सेवा’ के समान बताते हुए शनिवार को कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले चार वर्ष में जितना काम हुआ, उतना पिछले 60-65 वर्ष में नहीं हो पाया ।
प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ पहल की शुरूआत करने और नरेन्द्र मोदी एप एवं वीडियो लिंक के माध्यम से स्वच्छाग्रहियों से संवाद करते हुए कहा, ‘‘ कोई ये सोच सकता था कि भारत में चार वर्ष में करीब नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण हो जाएगा? क्या किसी ने ये कल्पना की थी कि चार वर्ष में लगभग 4.5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे?’’ उन्होंने कहा कि क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 450 से ज्यादा जिले खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे? क्या किसी ने कल्पना की थी कि चार वर्ष में 20 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे? उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्ष में स्वच्छता के क्षेत्र में उतनी प्रगति हुई है जितनी 60…65 वर्ष में भी नहीं हुई थी।
मोदी ने कहा, ‘‘ यह भारत और भारतवासियों की ताकत है। यह लोगों के योगदान से हो पाया है।’’ इस दौरान प्रधानमंत्री ने आम लोगों के साथ ही अभिनेता अमिताभ बच्चन , उद्योगपति रतन टाटा, आध्यात्मिक गुरू सद्गुरू, श्री श्री रविशंकर, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की।
उन्होंने कहा कि सिर्फ शौचालय बनाने भर से भारत स्वच्छ हो जाएगा, ऐसा नहीं है। टॉयलेट की सुविधा देना, कूड़ेदान की सुविधा देना, कूड़े के निस्तारण का प्रबंध करना, ये सभी सिर्फ माध्यम हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ स्वच्छता एक आदत है जिसको नित्य के अनुभव में शामिल करना पड़ता है। ये स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ है जिसमें देश का जन-जन, आप सभी अपनी-अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं ।’’ मोदी ने कहा कि अस्वच्छता, गंदगी विशेषतौर पर गरीबों के जीवन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, उसे बीमारी के दलदल में धकेल देती है। डायरिया जैसी अनेक बीमारियों का सीधा संबंध गदगी से है। ये बीमारियां लाखों जीवन हमसे छीन लेती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इस बात का संतोष होना चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते डायरिया के मामलों में बहुत कमी आई है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘साफ सफाई के प्रति जन जागरण एक बात है लेकिन जो कचरा हम पैदा करते हैं, उसका निपटान हमारे रास्ते का एक बड़ा रोड़ा है। ऐसे में कचरा प्रबंधन को हमें और प्रभावी बनाना होगा ।
उन्होंने कहा कि वे इस अभियान के लिये मीडिया का धन्यवाद अदा करते हैं जिनके प्रयास ना सिर्फ जागरूकता तक सीमित रहे, बल्कि इसको रोज़गार सृजन का भी माध्यम बनाया है ।
मोदी ने आईटीबीपी के जवानों को उनके योगदान के लिये धन्यवाद दिया और कहा कि देश को आपकी, सेना के जवानों की जहां भी ज़रूरत पड़ती है आप सबसे पहले हाज़िर रहते हैं ।
उन्होंने कहा, ‘‘सीमा पर दुश्मनों से मोर्चा लेना हो, बाढ़ के संकट से निपटना हो, हर बार आपने देश को ऊपर रखा है। अब स्वच्छता के लिए आपका यह योगदान भी देश को गौरवान्वित कर रहा है । सच में स्वच्छता के लिए सेवा, ईश्वर की सेवा के समान है। बल्कि हमारा तो पारंपरिक और सांस्कृतिक संदेश भी यही रहा है ।’
स्वच्छता अभियान में लोगों से श्रमदान की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भविष्य में इस जन आंदोलन के बारे में जब भी लिखा या पढ़ा जाएगा तो सभी स्वच्छाग्रहियों का नाम सुनहरे अक्षरों में आएगा ।
‘किया संवाद:
स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरूआत करने के बाद नरेन्द्र मोदी एप एवं वीडियो लिंक के जरिये स्वच्छाग्रहियों से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा उत्साह उफान पर है, हमारा विश्वास चरम पर है और हमारा संकल्प सिद्धि के लिए है। आप सभी श्रमदान के लिए तैयार और तत्पर हैं। ’’ गंगा की सफाई के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आप सभी साथियों के इस प्रयास को नमन करता हूं। मां गंगा की सेवा का ये पुण्य जो आप कर रहे हैं, उसका लाभ देश को होने वाला है। गंगा किनारे बसे गांवों में खुले में शौच से मुक्ति मां गंगा की निर्मलता के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है । ’’
मोदी ने कहा कि गंगा हमारी संस्कृति है , विरासत है, पहचान है। मां गंगे के प्रति समर्पण और सम्मान गंगोत्री से गंगा सागर तक ना सिर्फ दिखना चाहिए, बल्कि उसे कष्ट देने की मानसिकता को दिमाग से निकालना भी चाहिए ।
उन्होंने लोगों का आह्वान किया, ‘‘ मैं गंगा तट पर बसे हर भाई-बहन से आग्रह करना चाहता हूं। क्या आप सभी इस स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के दौरान मिलकर गंगा सफाई के लिए श्रमदान कर सकते हैं? ।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता का समूह भावना से बहुत निकट का संबंध है। ट्रेन के डिब्बे में लिखा होता हैं कि भारतीय रेल, जनता की सम्पत्ति है। यह इसलिए लिखा जाता हैं क्योंकि लोग अपनेपन से उस संपदा की तरफ देखें और उसका संरक्षण करें ।
उन्होंने कहा कि देश के इतने बड़े रेल नेटवर्क को स्वच्छ रखने, यात्रियों के लिए सुविधा संपन्न रखने में रेलवे के सभी कर्मचारियों की भूमिका अहम है। आज रेलवे में साफ-सफाई को लेकर जो भी सुधार देखने को मिल रहा है उसके पीछे इन सभी का योगदान हैं ।
उन्होंने कहा कि देशभर के स्वच्छाग्रहियों के संकल्प और समर्पण को जानने, सुनने का अनुभव अभूतपूर्व रहा। स्वच्छता के प्रति सवा सौ करोड़ देशवासियों के इस आंदोलन को पूरी दुनिया नज़दीक से देख रही है ।
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने माता अमृतानंदमयी के प्रति आभार प्रकट किया ।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संवाद के दौरान मोदी ने कहा कि शौचालयों के निर्माण में उत्तर प्रदेश ने बहुत तेज गति से प्रगति की है। करीब दो वर्षों के भीतर दोगुने से भी अधिक शौचालयों का निर्माण, सच में विराट उपलब्धि है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्दी यूपी के 22 करोड़ से अधिक जन खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर देंगे । ’’ उन्होंने योगी आदित्यनाथ को बधाई देते हुए कहा कि वो गांव-गांव में साफ सफाई के अभियान से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। पहले गोरक्षपीठ के मुखिया के नाते, जनप्रतिनिधि के तौर पर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनका प्रयास दिख रहा है ।
प्रधानमंत्री ने ब्रह्मकुमारी संस्थान का स्वच्छाग्रह से जुड़ने के लिए आभार प्रकट किया । उन्होंने स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिये अभिनेता अमिताभ बच्चन, उद्योगपित रतन टाटा, श्री श्री रविशंकर, श्री सदगुरू समेत आम लोगों के प्रति आभार जताया ।attacknews.in