नयी दिल्ली, नौ जनवरी । भारत में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकारकरण अभियान शुरु होगा। इसका फैसला शनिवार को देश में कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति और टीकाकरण के मद्देनजर राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों की तैयारियों का जायजा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया।
प्रधानमंत्री ने इस टीकाकरण अभियान को विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान बताया और कहा कि इसमें करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की इस बैठक में मोदी ने कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की भी विस्तृत समीक्षा की।
मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘आगामी लोहड़ी, मकर संक्रांति, पोंगल और माघ बिहू जैसे त्योहारों के मद्देनजर विस्तृत समीक्षा के बाद फैसला लिया गया कि कोविड-19 टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, 2021 से आरंभ किया जाएगा।’’
बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य सचिव सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बयान में कहा गया कि करीब तीन करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों एवं अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के करीब 27 करोड़ व्यक्तियों और अन्य बीमारियों से ग्रसित 50 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक 50 वर्ष की आयु की पहचान के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों की मतदाता सूची का इस्तेमाल किया जाएगा।
बाद में मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कोविड-19 के खिलाफ जंग में भारत 16 जनवरी को महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी दिन भारत में टीकाकरण अभियान आरंभ हो जाएगा। हमारे बहादुर चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों सहित सफाईकर्मियों को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी।’’
प्रधानमंत्री सोमवार को टीकाकरण अभियान के सिलसिले में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद भी करने वाले हैं।
एक डिजिटल टीका आपूर्ति प्रबंधन प्रणाली टीके के भंडार, भंडारण तापमान, लाभार्थियों के संबंध में जानकारी देगा तथा डिजिटल प्लेटफार्म स्वत: सत्र आवंटित करने, सत्यापन और टीकाकरण के बाद व्यक्तियों को प्रमाणपत्र प्रदान करने में मदद करेगा।
भारत के औषधि नियामक ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को पिछले रविवार को मंजूरी दे दी थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ये टीके कोरोना वायरस से बचाव और प्रतिरोधक क्षमता को मजूबती देंगे।
इस बीच, देश में कोविड-19 के 18,222 नए मामले सामने आने के बाद शनिवार को कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,04,31,639 हो गई। वहीं, अब तक 1,00,56,651 मरीजों के स्वस्थ होने के बाद देश में रोगियों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 96.41 फीसदी तक पहुंच गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 2,24,190 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है, जो कि कुल संक्रमितों का 2.16 फीसदी हैं।
हाल के दिनों में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बहुत कमी आई है। पूरे विश्व में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। अमेरिका में अब तक दो करोड़ से अधिक मामले आ चुके हैं जो कि भारत से लगभग दो गुना अधिक है। अमेरिका में अब तक कोरोना से 3.7 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत इस मामले में ब्राजील के बाद तीसरे नम्बर पर है।
हालांकि, संक्रमण से ठीक होने की दर के मामले में भारत पहले नंबर पर है।
भारत में कोरोना का पहला मामला पिछले साल जनवरी में केरल में दर्ज किया गया था।
पिछले ही साल दिसंबर में ब्रिटेन ने सबसे पहले कोरोना के टीकाकरण की शुरुआत की थी। इसके बाद अमेरिका, बेलारूस, अर्जेंटीना सहित कई अन्य देशों में भी टीकाकरण की शुरुआत हुई।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को देशभर में टीकाकरण अभियान को लेकर तीन चरणों में किए गए पूर्वाभ्यास के बारे में भी अवगत कराया गया।
प्रधानमंत्री को को-विन, वैक्सीन वितरण प्रबंधन प्रणाली के बारे में भी बताया गया। इस पर अभी तक 79 लाख से ज्यादा लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं और टीकाकरण कर्मियों की प्रशिक्षण प्रक्रिया का भी निर्धारण हो चुका है।
बयान के मुताबिक, टीकाकरण अभियान के लिए 2360 लोगों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राज्य टीकाकरण अधिकारी, प्रशीतन श्रृंखला अधिकारी, आईईसी अधिकारी तथा अन्य भागीदार शामिल हैं।
बयान में कहा गया कि इसके अलावा 61 हजार से ज्यादा कार्यक्रम प्रबंधन, दो लाख टीकाकरण कर्मी तथा तीन लाख 70 हजार अन्य कर्मियों को राज्य, जिला और खण्ड स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चुका है।
इससे पहले, 16वें प्रवासी दिवस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक नहीं, बल्कि दो ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वायरस टीकों के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है और दुनिया न केवल कोविड-19 से बचाव के लिए भारत के टीकों का इंतजार कर रही है बल्कि इस पर भी निगाह लगाए है कि कैसे वह विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाता है।
कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘महामारी के इस दौर में भारत ने फिर दिखा दिया कि हमारा सामर्थ्य क्या है और हमारी क्षमता क्या है।’’
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आज भारत दुनिया के सबसे कम मृत्यु दर और सबसे अधिक लोगों के स्वस्थ होने वाले देशों में शामिल है।
मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत एक नहीं, बल्कि दो ‘मेड इन इंडिया’ कोरोना वायरस टीकों के साथ मानवता की सुरक्षा के लिए तैयार है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसा इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश जिस एकजुटता के साथ खड़ा हुआ है, उसकी मिसाल दुनिया में नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारत ने जो नई व्यवस्थाएं विकसित की हैं उनकी कोरोना वायरस के इस संकट में वैश्विक संस्थाओं ने प्रशंसा की है।