नयी दिल्ली 30 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंदोलनकारी किसानों को बातचीत की पेशकश दोहराते हुए आज कहा कि सरकार कृषि सुधार कानूनाें के मुद्दे पर अपने 22 जनवरी के प्रस्ताव पर अब भी कायम है और कृषि मंत्री को एक फोन कॉल करके बातचीत को बढ़ाया जा सकता है।
श्री मोदी ने यह बात यहां संसद के बजट सत्र के मौके पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि सरकार खुले दिमाग से कृषि कानूनों के मुद्दे पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का रुख वैसा ही है, जैसा 22 जनवरी को था, और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह द्वारा दिया गया प्रस्ताव अभी भी कायम है। उन्होंने दोहराया कि कृषि मंत्री को सिर्फ एक फोन कॉल करके बातचीत को आगे बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “श्री तोमर ने किसानों से जो कहा, उसे हम दोहराना चाहते हैं। हमने कहा है कि हम आम सहमति तक नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन हम आपको प्रस्ताव दे रहे हैं और आप विमर्श कर सकते हैं। मैं सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हूं। सरकार का प्रस्ताव अब भी वही है। कृपया इसे अपने अनुयायियों तक पहुंचाएं। इसका समाधान बातचीत के जरिए ही निकलेगा। हम सभी को राष्ट्र के बारे में सोचना होगा।”
बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा 26 जनवरी कोई किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा एवं तोड़फोड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का उल्लेख करने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून अपना काम करेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार बैठक में नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विस्तृत चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने संसद के सुचारू कामकाज और सदन के पटल पर व्यापक बहस के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि सदन में बार-बार होने वाले व्यवधानों के कारण छोटे राजनीतिक दलों को पर्याप्त रूप से खुद को व्यक्त करने का अवसर नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि बड़े राजनीतिक दलों यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद सुचारू रूप से चले, कोई व्यवधान न हो और इस प्रकार, छोटे दल संसद में अपने विचार रखने में सक्षम हों।
श्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की भलाई के लिए कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने देशवासियों के कौशल और साहस का उल्लेख किया, जो वैश्विक समृद्धि को गुणात्मक रूप से बढ़ाने के लिए एक ताकत हो सकती है।
प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि हमें उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आज सुबह अमेरिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुँचाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि नफरत का ऐसा माहौल हमारी दुनिया के लिए स्वागत योग्य नहीं है।
बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना सांसद विनायक राउत, शिरोमणि अकाली दल के बलविंदर सिंह भुंदड़, जनता दल यूनाइटेड के सांसद आरसीपी सिंह आदि शामिल थे।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने उठाया था किसानों का मुद्दा:
संसद में बजट 2021-22 पेश किए जाने से पहले सत्र के सुचारु संचालन के लिए सभी दलों से सहयोग लेने के वास्ते सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दलों के नेता शामिल हुए तथा जल्द से जल्द किसानों के मुद्दे को सुलझाने का सरकार से आग्रह किया।
विपक्षी दलों ने सरकार को दो माह से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार को उनसे बात करने का आग्रह किया और कहा कि जब तक किसान सड़कों पर हैं तब तक किसी भी दल के लिए संसद सत्र में सुचारू रूप से कामकाज करना आसान नहीं होगा।
बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराया जाए: बीजद
बीजू जनता दल (बीजद) ने सरकार से मांग की है कि संसद के बजट सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया जाए।
सर्वदलीय बैठक के दौरान लोकसभा में बीजद दल के नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को राज्य सभा से पारित हुए 10 साल हो गए हैं, ऐसे में समय आ गया है कि अब ये विधेयक लोकसभा से भी पारित हो।