नयी दिल्ली 18 मार्च । कांगेस और अन्य प्रमुख विपक्षी दलों के बहिर्गमन के बीच राज्यसभा ने गुरुवार को बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी की सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और संबंधित कंपनियों का स्वामित्व ‘विदेशियों’ को देने की अनुमति प्रदान करने वाले ‘बीमा संशोधन विधेयक 2021’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
इससे पहले विधेयक को स्थायी समिति में भेजने की मांग करते हुए कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दलों ने सदन में भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही लगभग एक घंटे के भीतर चार बार स्थगित करनी पड़ी।
सदन में लगभग चार घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में बीमा क्षेत्र को विस्तार की जरुरत है जिससे गरीब लोगों तक बीमा सेवायें पहुंच जाए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।
उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र बहुत नियंत्रित हैं और इसमें कोई भी कंपनी देश से बाहर पूंजी नहीं ले जा सकती। उन्होंने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि प्रीमियम से प्राप्त राशि का निवेश देश के भीतर ही करना होगा।
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी का नियंत्रण ‘भारत में निवास’ करने वाले व्यक्ति के हाथ में होगा जिससे उसे जिम्मेदार बनाया जा सके। कंपनी में 50 प्रतिशत स्वतंत्र निदेशक होंगे जो प्रबंधन के कामकाज पर बेहतर निगरानी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि देश में जीवन एवं सामान्य बीमा की कुल 68 कंपनियां है जो आबादी के अनुसार अपर्याप्त हैं। देश में बीमा कंपनियों में सवा तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इनके साथ 21 लाख से अधिक एजेंट भी जुड़े हैं।
वित्त मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी नरसिम्हा राव और डा. मनमोहन सिंह तथा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बयानों और नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विधेयक तैयार करने से पहले सभी संबद्ध पक्षों के साथ विस्तृत विचार विमर्श किया गया है। इनमें उद्योग, उद्योग संगठन, आयोग, विशेषज्ञ और आम जनता शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश आने से क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बाजार में नये उत्पाद आएगें। गरीब लोगों तक बीमा सेवा पहुंचाने में मदद मिलेगी।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की नीति आत्मनिर्भर भारत अभियान के खिलाफ नहीं है बल्कि इससे भारत के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। पूंजी और प्राैद्योगिकी उपलब्ध होने से देश में बीमा का दायरा बढ़ेगा और बेहतर सुविधायें मिल सकेंगी।