नयी दिल्ली, 19 नवंबर । संसद की एक समिति ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा द्वारा उच्चतम न्यायालय और प्रधान न्यायाधीश को निशाना बनाते हुए किए गए ‘भद्दे’ ट्वीट को लेकर बृहस्पतिवार को ट्विटर से सवाल-जवाब किया और कहा कि यह सोशल मीडिया कंपनी सात दिनों के भीतर इस मामले पर जवाब दे।
डाटा संरक्षण विधेयक संबंधी संसद की संयुक्त समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने यह जानकारी दी।
इससे पहले, ट्विटर ने लद्दाख को गलत ढंग से चीन में दर्शाने के लिए इस समिति के समक्ष लिखित माफी मांगी थी।
‘ट्विटर इंडिया’ के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को समिति के समक्ष अपनी बात रखी।
लेखी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘यह शर्मनाक है कि ट्विटर अपने मंच का इस्तेमाल ऐसे भद्दे ट्वीट के लिए करने दे रहा है जो स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा ने उच्चतम न्यायालय और प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ किए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ट्विटर उच्चतम न्यायालय और प्रधान न्यायाधीश जैसी शीर्ष संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ अपशब्द कहे जाने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग होने दे रहा है।’’
भाजपा सांसद के मुताबिक, समिति के सदस्यों ने इस मुद्दे पर ट्विटर के प्रतिनिधियों से सवाल-जवाब किया। इन सदस्यों में कांग्रेस के विवेक तन्खा, बसपा के रितेश पांडे और बीजू जनता दल के बी महताब शामिल थे।
लेखी ने बताया कि ट्विटर की ओर से हैंडल एवं ट्वीट को प्रतिबंधित करने के बारे में दिया गया स्पष्टीकरण पर्याप्त नहीं है।
उधर, कामरा ने अपने विवादित ट्वीट वापस लेने से इनकार किया है।
इससे पहले एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कामरा के खिलाफ अवमानना के मामले में प्रक्रिया आरंभ करने की सहमति दे दी है।