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परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान के पास नहीं है रैबीज का इलाज और दूसरी बीमारी पोलियो ग्रस्त हो रहा है देश attacknews.in

कराची,18 सितम्बर। कश्मीर पर भारत को तरह-तरह की गीदड़ भभकी और बार-बार परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तान के अस्पतालों में आवारा कुत्तों के काटने पर रैबीज के इलाज के काम में आने वाला टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। 


लरकाना में मंगलवार को एक अस्पताल में रैबीज का टीका नहीं होने की वजह से उपचार नहीं हो पाया और 10 वर्ष के बच्चे की मौत हो गई!


पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मीर हसन को आवारा कुत्ते ने काट लिया। उसे इलाज के लिए शिकारपुर के अस्पताल ले जाया गया किंतु उसे वहां इलाज नहीं मिल सका क्योंकि अस्पताल में रैबीज का टीका उपलब्ध नहीं था।


हसन के अभिभावकों ने बताया कि बाद वह उसे लरकाना शहीद बेनजीर भुट्टो अस्पताल ले गए किंतु वहां भी उपचार के लिए जरुरी टीका उपलब्ध नहीं था जिसकी वजह से बच्चे की मौत हो गई। 


उधर इस्लामाबाद की एक रिपोर्ट के अनुसार पोलियो के दो नये मामले सामने आये हैं जिन्हें मिलाकर इस वर्ष अब तक पोलियों के 48 मामले सामने आ चुके हैं।


पाकिस्तान में बुधवार को पोलियों के दो और मामले सामने आये जिसके बाद देश में पोलियों से प्रभावित बच्चों की संख्या बढ़कर 64 हो गयी है।


विश्व स्वास्थय संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पोलियों से प्रभावित देशों की सूची में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही शामिल है। 


इस सूची में होने की वजह से वर्ष 2014 से पाकिस्तान के हर नागरिक को विदेशी देश जाने के लिए पोलियों टीकाकरण का प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर जाना जरूरी है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 30 माह की बच्ची और एक 23 महीने के बच्चे की पोलियों रिपोर्ट्स में इस बीमारी की पुष्टि हुयी है। इस देश में इस वर्ष पोलियों के अब तक 48 मामले दर्ज किये जा चुके हैं।


डान के अनुसार एक एक पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के अधिकारी ने कहा, “ बच्ची को पैर में लकवा है और वह लक्की मारवत जिले की निवासी है। पोलियों के वाइरस की वजह से वह इस बीमारी से प्रभावित हुयी है। इसके अलावा 23 महीने का बच्चा तोरघर जिले का है जो इससे प्रभावित है।”


उन्होंने बताया की दोनों ही मामलों में अभिभावकों ने बच्चों को पोलियों का टिका नहीं लगवाया था।


उल्लेखनीय है कि पोलियों का विशेष रूप से पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों पर असर होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। यह वाइरस शरीर के तंत्रिका तंत्र में प्रवेश कर जाता है जिसकी वजह से शरीर का कोई भी हिस्सा लकवा गस्त हो सकता है और यहां तक की मौत भी हो सकती है।

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