लाहौर, 10 अक्टूबर । पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों में प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के शीर्ष चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई इन संगठनों के पूरे शीर्ष नेतृत्व को कठघरे में खड़ा करने वाली है।
लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किये गये शीर्ष चार नेताओं के नाम प्रोफेसर जफर इकबाल, याहिया अजीज, मुहम्मद अशरफ तथा अब्दुल सलाम हैं।
पेरिस में 12 से 15 अक्टूबर तक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की होने वाली पूर्ण बैठक से पहले यह कार्रवाई की गयी है।
पेरिस स्थित एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था। उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए एक कार्ययोजना सौंपी गयी थी। इसमें विफल रहने पर ईरान तथा उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाले जाने की चेतावनी दी गयी थी।
आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के एक प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) में महत्वपूर्ण प्रगति देखी गयी है और प्रतिबंधित जमात तथा लश्कर संगठनों के मुख्य नेताओं को सीटीडी पंजाब ने आतंकवाद के लिए आर्थिक मदद देने के आरोपों में गिरफ्तार किया है।
सीटीडी ने कहा, ‘‘लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद आतंकवाद के वित्तपोषण के अपराध के मामले में मुकदमा का सामना कर रहे हैं और जेल में हैं। अब जमात/लश्कर के पूरे शीर्ष नेतृत्व पर मुकदमा चलेगा।’’
विभाग ने कहा कि सीटीडी पंजाब आतंकवाद के वित्तपोषण के अपराधों की जांच कर रही है जहां इन आरोपियों ने आतंकवाद के वित्तपोषण के जरिये मिले धन का इस्तेमाल कर संपत्तियों का निर्माण कर लिया था।
उसने कहा, ‘‘इन संदिग्धों ने इन संपत्तियों का इस्तेमाल आगे आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए और धन जुटाने में किया। कई संपत्तियों को दान करने वाले भी जांच के घेरे में हैं।’’
सीटीडी ने 17 जुलाई को सईद को गिरफ्तार कर लिया था। वह लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है।