उत्तराखंड के हिमालय पर्वत पर स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य अगले छह माह के लिये खोले गये attacknews.in

केदारनाथ धाम, 17 मई उत्तराखंड के हिमालय पर्वत पर स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य अगले छह माह के लिये खोले गये। मन्दिर में पहला रुद्राभिषेक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से विश्व शांति की कामना के साथ हुआ।

कोरोना संक्रमण के कारण सीमित संख्या में मन्दिर के प्रतिनिधियों, चारधाम देवस्थानम परिषद के अधिकारियों और जिला अधिकारी की उपस्थिति में सुबज पांच बजे ग्रीष्मकाल के लिये कपाट खोले गये।

कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह तीन बजे से प्रारम्भ हुई। रावल भीमाशंकर एवं मुख्य पुजारी बागेश लिंग तथा देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने पूरब द्वार से मंदिर के मुख्य प्रांगण में प्रवेश किया।

इसके बाद मुख्य द्वार पर पूजा अर्चना की मन्त्रोच्चारण के पश्चात ठीक पांच बजे मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में भगवान केदार धाम के कपाट खोल दिये गए।

मध्यप्रदेश में सोमवार को कम।हुआ संक्रमण:5 हजार से अधिक कोरोना के नये मरीज मिले, 77 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,37306 और मृतकों की संख्या 7069 हुई attacknews.in

भोपाल, 17 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की लहर के बीच आज पांच हजार से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित मिले है।इस महामारी से आज 77 लोगों की जान चली गई।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार दिनों दिन घट रही है।

आज कोरोना संक्रमण की दर घटकर 9़ 1 पहुंच गयी।

प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण 6 हजार से कम हो गए हैं, वहीं 20 जिलों में कोरोना की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से कम हो गई है।

भोपाल मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस म्यूकोमाइकोसिस बीमारी के 50, इंदौर मेडिकल कॉलेज में 60, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 38, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में 5 तथा रीवा मेडिकल कॉलेज में 09 मरीज हैं।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में 64,741 लोगों की कोरोना जांच सैंपल रिपोर्ट में 5,921 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं।

पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 9़ 1 प्रतिशत दर्ज की गयी।

इस महामारी को आज मात देकर राज्य भर में 11,513 लोग घर रवाना हुए है।

वर्तमान में अवस्था में सक्रिय मरीजों की संख्या 88,983 है।

प्रदेश भर में अब तक 7,37306 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।

इनमें से 641254 लोग ठीक हो चुके है।

इस वैश्विक महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7069 लोगों की जान ले चुका है।

आज 77 लोगों की मौत हो गयी।

राज्य के इंदौर में जिले में आज 1307 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं राजधानी भोपाल जिले में 657 लोग पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 201, जबलपुर में 421, उज्जैन में 232, रतलाम में 190, रीवा में 190, सागर जिले में 195 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 6 से लेकर 114 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया:मध्यप्रदेश में निरंतर घट रहा है कोरोना संक्रमण;नए कोरोना प्रकरण 6 हजार से कम हुए, 20 जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से कम हुई attacknews.in

भोपाल, 17 मई मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण निरंतर कम हो रहा है। प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण 6 हजार से कम हो गए हैं, वहीं 20 जिलों में कोरोना की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से कम हो गई है।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना‍नियंत्रण कोर ग्रुप के सदस्यों से चर्चा तथा प्रदेश के जिलों में कोरोना की‍स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में ‘म्यूकॉरमाइकोसिस’ ब्लैक फंगस बीमारी का प्रारंभिक स्तर पर ही जाँच कर उपचार किया जाए। इसके‍लिए आवश्यक उपकरण ‘नेजोएन्डोस्कोप’ तथा इंजेक्शन एवं दवाएँ उपलब्ध कराई जाएँ। इसे जन-आंदोलन का रूप दिया जाए। शिविर लगाकर ब्लैक फंगस की जाँच की जाए तथा हर मरीज का इलाज किया जाए। इसमें निजी ई.एन.टी. चिकित्सकों की भी पूरी सेवाएँ ली जाएँ। प्रारंभिक स्तर पर ही जाँच करें तथा तुरंत इलाज प्रारम्भ हो।

बैठक में कोर ग्रुप के सदस्य, मंत्री, अधिकारी, जिलों के प्रभारी मंत्री, अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में ब्लैक फंगस रोग के संबंध में ई.एन.टी. विशेषज्ञ डॉ. एस.पी. दुबे द्वारा विशेष प्रजेन्टेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि यह बीमारी नाक से आँख में तथा आँख से मस्तिष्क तक पहुँचती है। यदि इसे नाक के स्तर पर ही रोक लिया जाए तो बीमारी आगे नहीं बढ़ती।

डॉ. दुबे ने सलाह दी कि पोस्ट कोविड मरीज की ‘नेजोएक्डोस्कॉपी’ कार्रवाई जाए। ब्लैक फंगस पाए जाने पर उनका तुरंत ऑपरेशन हो तथा ‘एम्फोटैरिसिन बी’ इंजेक्शन दिया जाए, यह रोग बिल्कुल ठीक हो जाएगा। ‘एम्फोटैरिसिन बी’ इंजेक्शन की कीमत 5 से 7 हजार रूपए है।

श्री चौहान ने वी.सी. में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा के मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से भी इस बीमारी से संबंधित व्यवस्थाओं के विषय में बातचीत की। भोपाल मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस म्यूकोमाइकोसिस बीमारी के 50, इंदौर मेडिकल कॉलेज में 60, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 38, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में 5 तथा रीवा मेडिकल कॉलेज में 09 मरीज हैं।

प्रदेश में आज कोरोना के 5921 नए मरीज आए हैं और 11 हजार 513 मरीज स्वस्थ हुए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या घटक 88 हजार 983 रह गई है। प्रदेश की ग्रोथ रेड 1.1 प्रतिशत तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 12 प्रतिशत है। आज की पॉजिटिविटी दर 9.1 प्रतिशत है।

प्रदेश में कोविड के 24 हजार 102 मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से 16 हजार 165 का शासकीय अस्पतालों में, 2515 का अनुबंधित अस्पतालों में तथा 5422 का मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत सम्बद्ध निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में मरीजों के इलाज पर शासन द्वारा आज की‍स्थिति में 4 करोड़ 4 लाख 43 हजार व्यय हुआ।

प्रदेश के 5 जिलों में ही अब 200 से अधिक तथा 12 जिलों में 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 1307, भोपाल में 657, जबलपुर में 421, उज्जैन में 232, ग्वालियर में 201, सागर में 195, रतलाम में 190, रीवा में 170, शिवपुरी में 114, नरसिंहपुर में 113, सीहोर में 106 तथा दमोह में 104 नए प्रकरण आए हैं।

प्रदेश के 20 जिलों होशंगाबाद, देवास, विदिशा, बालाघाट, टीकमगढ़, मुरैना, छिंदवाड़ा, छतरपुर, श्योपुर, मंडला, गुना, आगर मालवा, बड़वानी, अशोकनगर, झाबुआ, निवाड़ी, भिण्ड, खण्डवा, बुरहानपुर तथा अलीराजपुर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से कम है।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि देश में आने वाले तूफान ‘ताऊ ते’ के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, अत: यह सुनिश्चित किया जाए कि हर अस्पताल में इंनवर्टर अथवा जनरेटर चालू रहें। गेहूँ उपार्जन केन्द्रों पर उपार्जित गेहूँ खुले में न रहे।
श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना को मात देने के‍लिए हर मरीज की पहचान कर उसका उपचार सुनिश्चित करने के लिए ‘किल कोरोना’ अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही ‘योग से निरोग’ अभियान तथा ‘मैं कोरोना वॉलेंटियर’ अभियान भी प्रभावी हो।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में लगाए जा रहे सभी ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की माइक्रो मॉनीटरिंग की जाए तथा जल्दी से जल्दी कार्य पूरा किया जाए। बड़े ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के भी प्रयास किए जाएँ। वर्तमान में प्रदेश में 95 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं।

श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोविड के कारण जिन बच्चों के माँ-बाप नहीं रहे हैं, ऐसे बच्चों की सूची सभी जिले भिजवाएँ, जिससे उन्हें तुरंत योजना का लाभ देते हुए 5000 रूपए प्रतिमाह पेंशन व अन्य सुविधाएँ प्रदान की जा सकें। प्रभारी अधिकारी ने बताया कि धार जिले में 125 तथा अलीराजपुर में 90 ऐसे बच्चे हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर घटकर 9% और रिकवरी रेट बढ़कर 87% होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिवराज सिंह चौहान ने दूरभाष पर कोरोना की स्थिति से अवगत कराया attacknews.in

भोपाल, 17 मई मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण दर (पॉजीटिविटी रेट) घटकर नौ प्रतिशत पर पहुंचने और रिकवरी रेट (स्वस्थ होने वालों की संख्या) बढ़कर 87 प्रतिशत होने के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दूरभाष पर चर्चा कर राज्य में कोरोना की स्थिति से अवगत कराया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में अब स्थिति नियंत्रण में है। आज पॉजीटिव केस 5921 आए और 11,513 मरीज स्वस्थ हुए। रिकवरी रेट 87 प्रतिशत पहुंच गया है। संक्रमण दर जो बढ़कर 25 प्रतिशत के आसपास पहुंच गयी थी, अब घटकर 09 प्रतिशत आ गयी है। उन्होंने राज्य में चलाए जा रहे ‘किल कोरोना अभियान’ और वैक्सीनेशन के बारे में भी श्री मोदी को बताया।

श्री चौहान ने राज्य में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार के सहयोग के लिए श्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने ब्लैक फंगस बीमारी के संबंध में भी श्री मोदी को अवगत कराया। राज्य में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए पांच शहरों में विशेष वार्ड बनाए गए हैं और मरीजों का नि:शुल्क इलाज कराया जा रहा है। श्री मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य को इन बीमारियों से निपटने में हरसंभव सहयोग करेगी।

श्री चौहान ने श्री मोदी को बताया कि गांव गांव में पंचायत स्तर तक क्राइसिस मैनेजमेंट टीम का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं और इस पर अमल भी कराया जा रहा है। काेरोना कफर्यू को सफलतापूर्वक लागू करवाया जा रहा है। राज्य में पाेस्ट कोविड सेंटर भी खोले जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण अप्रैल माह में बहुत भयानक स्थितियां बन गयी थीं। औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत के पार हो गयी थी और कई जिलों में यह 50 प्रतिशत तक हो गयी थी। एक्टिव केस बढ़कर एक लाख 11 हजार को भी पार कर गए थे, जो अब घटकर 90 हजार के आसपास आ गए हैं। हालाकि मृत्यु के मामले अब भी अपेक्षा के अनुरूप कम नहीं हो पा रहे हैं। कम से कम 70 व्यक्तियों की मृत्यु प्रतिदिन दर्ज की जा रही है।

मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया गया attacknews.in

भोपाल, 17 मई ।मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए कोरोना कर्फ्यू काफी मददगार साबित हुआ है और इसी को ध्यान में रखते हुए सभी 52 जिलों में संबंधित जिला आपदा प्रबंधन समिति के निर्णय उपरांत कोरोना कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी गयी है।

राज्य के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने आज यहां बताया कि इस संबंध में संबंधित जिला कलेक्टरों ने आदेश जारी किए हैं। बुरहानपुर जिले में कोरोना कर्फ्यू की अवधि 20 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ायी गयी है। भोपाल समेत 25 जिलों में कर्फ्यू 24 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया है। इनमें जबलपुर, रीवा, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, सिंगरौली, सतना, सीधी, अशोकनगर, धार, मंदसौर, राजगढ़, टीकमगढ़, पन्ना, खरगोन, गुना, बड़वानी, शाजापुर, निवाड़ी, खंडवा, छतरपुर, झाबुआ, कटनी, हरदा और दतिया जिले शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा अलीराजपुर, नरसिंहपुर, बैतूल, अनूपपुर और रतलाम जिलों में कर्फ्यू 25 मई की सुबह छह बजे तक बढ़ाया गया है। जबकि आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले में 25 मई की सुबह सात बजे तक और इंदौर में 29 मई की रात्रि तक कर्फ्यू की अवधि बढ़ायी गयी है।

इसके अलावा ग्वालियर समेत 19 जिलों में कर्फ्यू 31 मई की सुबह छह बजे तक लगाया गया है। इन जिलों में उज्जैन, शिवपुरी, सागर, मुरैना, नीमच, शहडोल, उमरिया, देवास, आगरमालवा, रायसेन, भिंड, बालाघाट, श्योपुर, सिवनी, सीहोर, विदिशा, मंडला और दमोह शामिल हैं।

डॉ राजौरा ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग की ओर से 10 मई को ग्राम, विकासखंड, वार्ड स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स के गठन के संबंध में आदेश जारी किए गए थे। अब तक 50, 846 ग्रामों में ग्राम स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया जा चुका है, जिनमें 5,34,627 सदस्य हैं। इसके अलावा 301 विकासखंड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन हुआ है, जिनमें 5784 सदस्य हैं।

उन्होंने बताया कि इसी तरह नगर निगमों के 884 वार्डों में, नगरपालिकाओं के 2218 वार्डों में और नगर परिषदों के 4190 वार्डों में, कुल 7292 नगरीय निकायों के वार्डों में वार्ड स्तरीय संकट प्रबंधन समूहों का गठन किया गया है। इनमें 1,16,932 सदस्य हैं। गांवों, कस्बों और शहरों में यह समूह कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए सक्रियता से जुट गए हैं। वहीं सभी 52 जिलों में जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समितियां पिछले एक वर्ष से क्रियाशील हैं।

मध्यप्रदेश में कोविड संकटकाल के दौरान दिवंगत हुए कर्मचारियों के लिए अनुकंपा नियुक्ति योजना की घोषणा attacknews.in

भोपाल, 17 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संकटकाल के दौरान दिवंगत हुए राज्य के कर्मचारियों के लिए आज मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुकंपा नियुक्ति के साथ ही प्रत्येक ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह राशि के रूप में पांच पांच लाख रुपए देने की घाेषणा की।

श्री चौहान ने वीडियाे संदेश के जरिए यहां यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारी राज्य सरकार के अभिन्न अंग हैं। कोरोना संकटकाल में जहां हम लोगों से घरों में रहने के लिए कह रहे हैं, वहीं इन कर्मचारियों ने घर से बाहर निकलकर बेहतर कार्य किया और व्यवस्थाएं बिगड़ने नहीं दीं। ये कर्मचारी दिन रात जनता की सेवा में लगे हुए हैं। जान हथेली पर रखकर कार्य कर रहे हैं

लॉकडाऊन में बंद दुकान हड़पकर किसी ने ‘बेच‘ दी,त्रस्त व्यापारी ने बीवी-बच्चों समेत पुलिस आयुक्तालय में खुदकुशी की कोशिश की attacknews.in

लुधियाना, 17 मई ।लॉकडाऊन के दौरान बंद दुकान हड़पकर बेच दिये जाने व पुलिस के कोई कार्रवाई न करने से आहत एक व्यापारी ने आज पत्नी व दो बच्चों के साथ पुलिस आयुक्त कार्यालय में खुदकुशी की कोशिश की।

सीआरपीएफ कालोनी निवासी सतिंदरपाल सिंह ने पत्रकारों को अपनी व्यथा सुनाते हुए खुद पर और बीवी-बच्चों पर पेट्रोल डाल दिया था और आग लगाने जा रहा था कि पत्रकारों में से ही किसीने माचिस छीन ली। मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन पर पानी डाला गया और पुलिस आयुक्त के कमरे में ले जाया गया।

लॉकडाउन के दौरान बंद दुकान हड़पकर बेच दिये जाने व पुलिस के कोई कार्रवाई न करने से आहत एक व्यापारी ने आज पत्नी व दो बच्चों के साथ पुलिस आयुक्त कार्यालय में खुदकुशी की कोशिश की।

सतिंदरपाल सिंह के अनुसार काली सड़क पर उनकी भाटिया ऑटो पार्ट्स नाम से दुकान है। पिछले साल 22 मार्च को कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया तो उनकी दुकान बंद हो गई थी। इस दौरान वह कुछ और काम करने लगे हालांकि बीच-बीच में वह दुकान पर जाते थे और सफाई आदि कर लेते थे। आखिरी बार 28 जनवरी को गये थे और 28 मार्च को उन्हें भाई का फोन आया कि दुकान कोई पेंट करवा रहा है। पड़ोसी खोके वाले ने बताया कि दुकान किराए पर दे दी गई है। बाद में उन्हें पता चला कि दुकान विक्की नामक किसी आदमी को बेच दी गई है।

सिंह ने थाना बस्ती जोधेवाल में एसआई जसविंदर सिंह को शिकायत दी। अगले दिन जांच के बाद उनके बयान हुए पर उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसीपी से बात की गई तो उन्होंने जांच के बाद थाना प्रभारी गोल्डी वीर्दि को जांच के आदेश जारी कर दिए। उसके बाद कुछ अकाली नेता बीच बचाव के लिए आ गए। कोई कार्रवाई नहीं हुई और उन पर समझौता करने का दबाव डाला जाने लगा।

सिंह का आरोप है कि थाना प्रभारी ने उनके साथ बदजुबानी भी की। उन्होंने पुलिस आयुक्त से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।

नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में अवैधानिक रूप से धन इकट्ठा करने पर मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी ने खुद की गिरफ्तारी का प्रयास किया attacknews.in

कोलकाता ,17 मई । तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से उन्हें भी गिरफ्तार करने की मांग की है।

नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने सुश्री बनर्जी के दो वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी को शहर के निज़ाम पैलेस में गिरफ्तार किया था।

सीबीआई द्वारा नारद मामले में विधायक मदन मित्रा सहित तृणमूल कांग्रेस के तीन नेताओं को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री बनर्जी मध्य कोलकाता में निजाम महल पहुंचीं।

सूत्रों ने दावा किया कि सुश्री बनर्जी ने सीबीआई अधिकारी को स्पष्ट तौर पर कहा कि कि अगर तीनों को गिरफ्तार किया गया तो उन्हें भी गिरफ्तार करना होगा। इस मामले में पूर्व शहर मेयर सोवन चटर्जी को भी गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निजाम पैलेस की 15वीं मंजिल पर थी जहां तृणमूल नेताओं को गिरफ्तार कर रखा गया हैं। सुश्री बनर्जी ने कहा कि तृणमूल नेताओं को गैरकानूनी ढंग से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जब तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक वह यहां से बाहर नहीं जाएंगी। उन्होंने कहा कि विधायक को गिरफ्तार करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेना जरूरी है, जो कि इस मामले में नहीं ली गई है।
उन्होंने कहा कि आरोप पत्र को राज्यपाल की मंजूरी दिया जाना एक प्रकार से अवैध है।

क्या है ब्लैक फंगस या फंगल संक्रमण या म्यूकोर्मिकोसिससे, कैसे होता है?इसका कोरोना से क्या संबंध है?सामान्य लक्षण क्या हैं इलाज कैसे किया जाता है?और इसे कैसे रोकें? attacknews.in

नईदिल्ली 17 मई ।अब जब हम खुद को कोविड-19 से बचाने और उससे लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं,फंगस से पैदा होने वाला एक और खतरा सामने आया है जिसके बारे में हमें जानना चाहिए एवं उस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

म्यूकोर्मिकोसिस, एक फंगल संक्रमण है जोकुछ कोविड-19 मरीजों में बीमारी से ठीक होने के दौरान या बाद में पाया जा रहा है।

दो दिन पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, राज्य में इस फंगल संक्रमण से पहले ही 2000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं; 10 लोगों ने तो इसकी चपेट में आकर दम भी तोड़ दिया। कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी भी चली गई।

म्यूकोर्मिकोसिस कैसे होता है?

म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फंगस, फंगल संक्रमण से पैदा होने वाली जटिलता है। लोग वातावरण में मौजूदफंगस के बीजाणुओं के संपर्क में आने से म्यूकोर्मिकोसिस की चपेट में आते हैं। शरीर पर किसी तरह की चोट, जलने, कटने आदि के जरिए यह त्वचा में प्रवेश करता है और त्वचा में विकसित हो सकता है।

कोविड-19 से उबर चुके हैं या ठीक हो रहे मरीजों में इस बीमारी के होने का पता चल रहा है। इसके अलावा, जिसे भी मधुमेह है और जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है, उसे इसे लेकर सावधान रहने की जरूरत है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा जारी किए गए एक परामर्श के अनुसार, कोविड-19 रोगियों में निम्नलिखित दशाओं से म्यूकोर्मिकोसिस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है:

अनियंत्रित मधुमेह

स्टेरॉयड के उपयोग के कारण

प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना

लंबे समय तक आईसीयू/अस्पताल में रहना

सह-रुग्णता/अंग प्रत्यारोपण के बाद/कैंसर

वोरिकोनाजोल थेरेपी (गंभीर फंगल संक्रमण का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाती है)

इसका कोविड-19 से क्या संबंध है?

यह बीमारी म्यूकोर्मिसेट्स नामक सूक्ष्म जीवों के एक समूह के कारण होती है, जो पर्यावरण में प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं, और ज्यादातर मिट्टी में तथा पत्तियों, खाद एवं ढेरों जैसे कार्बनिक पदार्थों के क्षय में पाए जाते हैं।

सामान्य तौर पर, हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसे फंगल संक्रमण से सफलतापूर्वक लड़ती है लेकिनहम जानते हैं कि कोविड-19 हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है। इसके अलावा, कोविड-19 मरीजों के उपचार में डेक्सामेथासोन जैसी दवाओं का सेवन शामिल है, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया पर असर डालता है। इन कारकों के कारण कोविड-19 मरीजों को म्यूकोर्मिसेट्स जैसे सूक्ष्म जीवों के हमले के खिलाफ लड़ाई में विफल होने के नए खतरे का सामना करना पड़ता है।

इसके अलावा, आईसीयू में ह्यूमिडिफायर का उपयोग किया जाता है, वहां ऑक्सीजन थेरेपी ले रहे कोविड मरीजों को नमी के संपर्क में आने के कारण फंगल संक्रमण का खतरा होता है।

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोविड मरीज म्यूकोर्मिकोसिस से संक्रमित हो जाएगा। जिन मरीजों को मधुमेह नहीं है, उन्हें यह बीमारी होना असामान्य है लेकिन अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह घातक हो सकता है। ठीक होने की संभावना बीमारी के जल्दी पता चलने और उपचार पर निर्भर करती है।

सामान्य लक्षण क्या हैं?

हमारे माथे, नाक, गाल की हड्डियों के पीछे और आंखों एवं दांतों के बीच स्थित एयर पॉकेट में त्वचा के संक्रमण के रूप में म्यूकोर्मिकोसिस दिखने लगता है। यह फिर आंखों, फेफड़ों में फैल जाता है और मस्तिष्क तक भी फैल सकता है। इससे नाक पर कालापन या रंग मलिन पड़ना, धुंधली या दोहरी दृष्टि, सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और खून की खांसी होती है।

आईसीएमआर ने सलाह दी है कि बंद नाक के सभी मामलों को बैक्टीरियल साइनसिसिस के मामलों के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, खासकर कोविड-19 रोगियों के उपचार के दौरान या बाद मेंबंद नाक के मामलों को लेकर ऐसा नहीं करना चाहिए। फंगल संक्रमण का पता लगाने के लिए चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए।

इसका इलाज कैसे किया जाता है?

जहां संक्रमण सिर्फ एक त्वचा संक्रमण से शुरू हो सकता है, यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। उपचार में सभी मृत और संक्रमित ऊतक को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी शामिल है। कुछ रोगियों में, इससे ऊपरी जबड़े या कभी-कभी आंख की भी हानि हो सकती है। इलाज में अंतःशिरा एंटी-फंगल थेरेपी का चार से छह सप्ताह का कोर्स भी शामिल हो सकता है। चूंकि यह शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित करता है, इसलिए इलाज करने के लिए सूक्ष्म जीवविज्ञानी, आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञों, न्यूरोलॉजिस्ट, ईएनटी विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, सर्जन और अन्य की एक टीम की आवश्यकता होती है।

म्यूकोर्मिकोसिसको कैसे रोकें?

मधुमेह को नियंत्रित करना आईसीएमआरद्वारा सुझाए गए सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है। इसलिए, मधुमेह से पीड़ित कोविड-19 रोगियों को अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

अपने आप दवा लेना एवं स्टेरॉयड की अधिक खुराक लेना घातक हो सकता है और इसलिए डॉक्टर की सलाह का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने स्टेरॉयड के अनुचित उपयोग के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में कहा: “स्टेरॉयड कभी भी कोविड-19 के शुरुआती चरण में नहीं दिया जाना चाहिए। संक्रमण के छठे दिन के बाद ही इसका सेवन करना चाहिए। मरीजों को दवाओं की उचित खुराक पर टिके रहना चाहिए और डॉक्टरों द्वारा सलाह के अनुसार दवा को तय समय तक लेना चाहिए। दवा के प्रतिकूल दुष्प्रभावों से बचने के लिए दवाओं का विवेकपूरण उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “स्टेरॉयड के अलावा, टोसिलिजूमोब, इटोलिजूमाब जैसी कोविड-19 दवाओंका उपयोग भी प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर डालता है। और जब इन दवाओं का उचित उपयोग नहीं किया जाता है तो यह जोखिम को बढ़ा देता है, क्योंकि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली फंगल संक्रमण से लड़ने में विफल रहती है।”

आईसीएमआर ने अपने दिशानिर्देशों में कोविड-19 मरीजों को इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का सेवन छोड़ने की सलाह दी है, जो एक ऐसा पदार्थ है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर देता है या दबा देता है। राष्ट्रीय कोविड-19 कार्यबल ने ऐसे किसी भी प्रतिकूल प्रभाव को रोकने के लिए टोसिलिजुमाब की खुराक में बदलाव किया है। उचित स्वच्छता बनाए रखने से भी फंगल संक्रमण को दूर रखने में मदद मिल सकती है।

ऑक्सीजन थेरेपी ले रहे मरीजों के लिए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ह्यूमिडिफायर में पानी साफ हो और उसे नियमित रूप से बार-बार डाला जाए। पानी का रिसाव न हो (गीली सतहों से बचने के लिए जहां फंगस प्रजनन कर सकते हैं) यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। मरीजों को अपने हाथों के साथ-साथ शरीर को भी साफ रखते हुए उचित स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।

कोविड से उबरने के बाद भी सावधानी बनाए रखें

कोविड-19 से उबरने के बाद, लोगों को गहराई से निगरानी करनी चाहिए और ऊपर उल्लिखित किसी भी चेतावनी संकेत एवं लक्षण को याद रखना चाहिए, क्योंकि फंगल संक्रमण कोविड-19 से उबरने के कई हफ्तों या महीनों के बाद भी उभर सकता है। संक्रमण के खतरे से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्टेरॉयड का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। बीमारी का जल्द पता लगने से फंगल संक्रमण के उपचार में आसानी हो सकती है।

बलात्कार पीड़िता नाबालिग के लापता होने की दशा में दिल्ली की अदालत ने बलात्कारी को अंतरिम जमानत देते हुए कहा” इस बात की कोई आशंका नहीं है कि आरोपी पीड़िता को धमकाता और प्रभावित करता था” attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मई । दिल्ली की एक अदालत ने 15 वर्षीय एक किशोरी के साथ बलात्कार करने के मामले में आरोपी एक व्यक्ति को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि आरोपी पीड़िता को धमकाता और प्रभावित करता था क्योंकि अभी तक पीड़िता का कोई पता नहीं चल पाया है।

अतिरिक्त सत्र के न्यायाधीश राजेश कुमार सिंह ने गोविंद सिंह को 10 लाख रुपये का निजी बॉन्ड तथा उतना ही मुचलका जमा कराने की शर्त पर 90 दिन की जमानत दे दी। सिंह को जबरन यौन संबंध बनाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

न्यायाधीश ने जांच अधिकारी की उस रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को जमानत दे दी, जिसमें कहा गया था कि पीड़िता का पता नहीं चल पा रहा है। न्यायाधीश ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि पीड़ित ने अपनी आंतरिक चिकित्सकीय जांच कराने से भी मना कर दिया था।

अतिरिक्त सत्र के न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ इस तथ्य पर गौर करते हुए कि इस बात की कोई आशंका नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता को धमकाया या बहकाया था। वहीं, कोविड-19 की वजह से भी स्थिति असाधारण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ सभी तथ्यों पर गौर करते हुए और मामले की स्थिति को देखते हुए , गोविंद सिंह को आज की तारीख से लेकर 90 दिन की जमानत दी जाती है।’’

पुलिस के अनुसार, घटना के समय पीड़िता 15 वर्ष से कम आयु की थी, जब आरोपी ने उसे अपने कमरे में बुलाकर दो से तीन बार यौन संबंध बनाए। मामले में सह-आरोपी शिवम को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

सिंह को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) की धारा छह और भादंवि की धारा 366 और 376 के तहत गिरफ्तार किया गया था।

शिल्पा मेडिकेयर ने डॉ रेड्डीज के साथ स्पुतनिक वी वैक्सीन के विनिर्माण के लिए समझैता किया,1 साल में 10 करोड़ खुराकें करना है तैयार attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मई । दवा कंपनी शिल्पा मेडिकेयर ने सोमवार को कहा कि उसकी शाखा ने रूस की कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक वी के विनिर्माण के लिए डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ एक बाध्यकारी समझौता किया है।

शिल्पा मेडिकेयर ने शेयर बाजार को बताया, ‘‘कंपनी ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई शिल्पा बायोलॉजिकल प्राइवेट लिमिटेड (एसबीपीएल) के माध्यम से डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ तीन साल के लिए एक बाध्यकारी समझौता किया है, जिसके तहत कंपनी कर्नाटक के धारवाड़ में स्थित अपने एकीकृत बायोलॉजिक्स आरएंडडी एवं विनिर्माण केंद्र से स्पुतनिक वी वैक्सीन का उत्पादन एवं आपूर्ति करेगी।’’

कंपनी ने कहा कि पहले एक साल में स्पुतनिक वी वैक्सीन की पांच करोड़ दोहरी खुराक (पांच करोड़ घटक एक और पांच करोड़ घटक दो) तैयार करने का लक्ष्य है।

शिल्पा मेडिकेयर ने कहा कि डॉ रेड्डीज एसबीपीएल को स्पुतनिक वी की तकनीक हस्तांतरित करेगी।

भारत में कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में अब तक के उच्चतम स्तर 10.49 प्रतिशत पर पहुंची attacknews.in

नयी दिल्ली, 17 मई । कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में अब तक के उच्चतम स्तर 10.49 प्रतिशत पर पहुंच गई।

इसके अलावा पिछले साल अप्रैल के कम आधार ने भी अप्रैल 2021 के दौरान मुद्रास्फीति में हुई बढ़ोतरी में योगदान दिया।

मार्च 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 7.39 प्रतिशत और अप्रैल 2020 में ऋणात्मक 1.57 प्रतिशत थी।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति में लगातार चौथे महीने तेजी हुई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘अप्रैल 2021 (अप्रैल 2020 के मुकाबले) में मासिक डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर 10.49 प्रतिशत थी।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘मुख्य रूप से कच्चे तेल, पेट्रोल और डीजल जैसे खनिज तेलों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते अप्रैल 2021 में मुद्रास्फीति की वार्षिक दर पिछले साल के इसी महीने की तुलना में अधिक है।’’

इस दौरान अंडा, मांस और मछली जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.92 प्रतिशत रही।

हालांकि, सब्जियों की कीमतों में 9.03 प्रतिशत की कमी हुई। दूसरी ओर अंडा, मांस और मछली की कीमतें 10.88 फीसदी बढ़ीं।

अप्रैल में दालों की महंगाई दर 10.74 फीसदी थी, जबकि फलों में यह 27.43 फीसदी रही।

इसी तरह ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति अप्रैल में 20.94 प्रतिशत रही, जबकि विनिर्मित उत्पादों में यह 9.01 प्रतिशत थी।

इजराइल ने गाजा सिटी पर फिर से अब तक के भीषण हवाई हमले किये; प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा”इजराइल पूरे ‘‘दम खम’’ से हमला जारी रखे हुए है,यह कुछ समय तक जारी रहेगा, हमास को ‘‘भारी कीमत चुकानी होगी’’ attacknews.in

गाजा सिटी (गाजा पट्टी), 17 मई (एपी) इजराइली युद्धक विमानों ने सोमवार सुबह गाजा सिटी के कई स्थानों पर भीषण हवाई हमले किए। इसके कुछ ही घंटे पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पर काबिज चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ चौथे युद्ध के जोर पकड़ने का संकेत दिया था।

करीब 10 मिनट तक विस्फोटों से शहर का उत्तर से दक्षिण का इलाका थर्रा उठा। एक बड़े इलाके पर भीषण बमबारी हुई और यह 24 घंटे पहले हुए हवाई हमले से भी भीषण थी जिसमें 42 फलस्तीनियों की मौत हो गयी थी। इजराइल और हमास संगठन के बीच हिंसा की इस हालिया घटना से पहले इजराइल के हवाई हमले में तीन इमारतें ध्वस्त हो गयी थीं।

स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि शहर के पश्चिम में मुख्य तटीय सड़क पर सुरक्षा परिसर और खुले स्थान सोमवार सुबह के हमले में निशाना बने। बिजली वितरण कंपनी ने बताया कि हवाई हमले में दक्षिणी गाजा सिटी के बड़े हिस्सों को बिजली पहुंचाने वाले एकमात्र संयंत्र से बिजली की एक लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी।

हालांकि हताहतों को लेकर तत्काल कोई सूचना नहीं है।

रविवार को टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में नेतन्याहू ने कहा था कि इजराइल पूरे ‘‘दम खम’’ से हमला जारी रखे हुए है और यह कुछ समय तक जारी रहेगा।’’ उन्होंने कहा कि हमास को ‘‘भारी कीमत चुकानी होगी।’’ इस दौरान एकजुटता दिखाने के लिए रक्षा मंत्री और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बेन्नी बेन्नी गैंट्ज भी उनके साथ थे।

इजराइली आपात सेवा ने बताया कि हमास ने भी गाजा में असैन्य इलाकों से इजराइल में असैन्य इलाकों की ओर रॉकेट दागे। एक रॉकेट दक्षिणी शहर अशकेलॉन में सिनेगॉग में प्रार्थना शुरू होने से कुछ देर पहले गिरा। हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों में 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

इजराइल के हमले में ध्वस्त हुए इमारत से सटे भवन में रहने वाली हया अब्देलाल (21) ने कहा कि जिस वक्त हवाई हमले हुए, वह सो रही थीं और इसके कारण उन्हें भागकर सड़क पर जाना पड़ा। उन्होंने इजराइल पर इस तरह के हमले से पहले वहां के लोगों को चेतावनी नहीं देने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें शांति चाहिए। अब हम और तबाही सहन नहीं कर सकते।’’

इजराइली सेना के प्रवक्ता के कार्यालय ने कहा कि हमले में हमास के ‘‘भूमिगत सैन्य ढांचों’’ को निशाना बनाया गया।

मरने वालों में शिफा अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन विभाग के प्रमुख और अस्पताल में कोरोना वायरस प्रबंधन समिति के वरिष्ठ सदस्य अयमन अैमान अबु अल-ओउफ शामिल हैं। हमले में ओउफ के दो बच्चे और परिवार का एक अन्य सदस्य भी मलबे में दब गए।

नेतन्याहू की शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बातचीत हुई। बातचीत के दौरान क्या उन्होंने इमारत में हमास की मौजूदगी के सबूत के बारे में बताया, यह पूछे जाने पर नेतन्याहू ने कहा, ‘‘हमें अपने खुफिया अधिकारियों से इसकी सूचना मिली।

इस बीच मीडिया निगरानी संस्था ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय को समाचार एजेंसी ‘एपी’ के भवन पर इजराइल के बमबारी की जांच का अनुरोध किया है। इस भवन में कुछ अन्य मीडिया कार्यालय भी थे।

श्रीनगर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकवादी ढेर attacknews.in

श्रीनगर, 17 मई । जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच सोमवार को हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि शहर के बाहरी क्षेत्र के खोनमोह इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने वहां घेराबंदी की तथा तलाश अभियान चलाया।

पुलिस ने बताया कि इस दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया।

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में सोमवार को तलाश एवं घेराबंदी अभियान के दौरान मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने अल-बद्र के दो आंतवादियों को मार गिराया।

कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने कहा कि पुलिस द्वारा शहर के बाहरी इलाके खानमोह में दो आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली। इस सूचना की पुष्टि के बाद राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने आज तड़के संयुक्त रूप से घेराबंदी तथा तलाश अभियान शुरू किया।

श्री कुमार ने बताया कि क्षेत्र से बाहर जाने वाली सभी सड़कों और निकास बिंदुओं को बंद कर दिया गया है। अभियान के दौरान आज सुबह जब सुरक्षा बल के जवान एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे, तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने स्वचालित हथियार से गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके जवाब में सुरक्षा ने कार्रवाई की और मुठभेड़ शुरू हो गई।

सुरक्षा बलों के जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए। दोनों आतंकवादी अल-बद्र आतंकवादी समूह से जुड़े हुए थे। उन्होंने कहा कि दोनों आतंकवादियों के शव मिलने के बाद अभियान को समाप्त कर दिया गया।

पुलिस महानिदेशि (डीजीपी) ने कहा कि हमें दोनों आतंकवादियेां के मारे जाने की सूचना मिली है। उन्होंने इसके लिए सुरक्षा बलों सफलतापूर्वक अभियान को अंजाम देने के लिए बधाई दी है

पश्चिम बंगाल में नारद स्टिंग ऑपरेशन में कैमरे पर अवैध धन लेते हुए पकड़े गये ममता बनर्जी के म॔त्री फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी,मदन मित्रा,शोभन चटर्जी गिरफ्तार,IPS अधिकारी एसएमएच मिर्जा पांचवे आरोपी जमानत पर हैं attacknews.in

कोलकाता/नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) नारद स्टिंग मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने तृणमूल कांग्रेस के तीन विधायकों और पार्टी के एक पूर्व नेता को गिरफ्तार किया है।

जांच एजेंसी इन नेताओं और एक अन्य आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करेगी। अधिकारियों ने इस बारे में बताया।

नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले के संबंध में तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को कोलकाता में सोमवार सुबह गिरफ्तार किया।

उन्होंने बताया कि ये सभी चार नेता 2014 में कथित अपराध के दौरान मंत्री थे।

आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा मामले में पांचवे आरोपी हैं और फिलहाल वह जमानत पर हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरों द्वारा गिरफ्तार किये जाने के तुरंत बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर पहुंचीं और तृणमूल नेताओं को रिहा करने की मांग की, जो 2019 में तत्कालीन कोलकाता पुलिस के तत्कालीन आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने के सीबीआई के कदम के खिलाफ उनके विरोध की याद ताजा करती है।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि बनर्जी की कार्रवाई जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपे जाने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले में दखल के समान है।

दिल्ली में सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘सीबीआई ने आज पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री रहे चार (पूर्व) नेताओं को नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया…। आरोप है कि इन लोकसेवकों को स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कैमरे पर गैरकानूनी रूप से धन लेते हुए पकड़ा गया था।’’

उन्होंने बताया कि अभियोजन के लिए मंजूरी मिलने के बाद पांचों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा रहा है।

सीबीआई ने हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के अभियोजन की मंजूरी के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से संपर्क किया था।

उन्होंने बताया कि धनखड़ ने सात मई को सभी चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी जिसके बाद सीबीआई ने अपने आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया और उन्हें गिरफ्तार किया।

हकीम, मुखर्जी और मित्रा हाल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गये हैं जबकि चटर्जी ने भाजपा में शामिल होने के लिए तृणमूल को छोड़ा और उनके दोनों पार्टियों से संबंध हैं।

नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि हकीम ने स्टिंग ऑपरेटर से पांच लाख रुपये रिश्वत लेने की बात स्वीकारी जबकि मित्रा और मुखर्जी को कैमरे पर पांच-पांच लाख रुपये रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। चटर्जी को स्टिंग ऑपरेटर से चार लाख रुपये लेते हुए देखा गया।

सीबीआई के अनुसार मिर्जा को भी कैमरे पर पांच लाख रुपये लेते हुए पकड़ा गया।

यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।