दिल्ली हाईकोर्ट ने दस्तावेजों की अनिवार्य ई-फाइलिंग के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण( NCLAT) को नोटिस जारी attacknews.in

नयी दिल्ली ,22 मई । दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच न्यायाधिकरण मेंं दस्तावेजों की अनिवार्य ई-फाइलिंग के खिलाफ एक याचिका पर राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने 20 मई के अपने आदेश में कहा, “मुझे हालांकि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता की दलीलों में दम लगता है, क्योंकि प्रतिवादी की ओर से कोई पेश नहीं होता है, इस संबंध में इस स्तर पर कोई आदेश पारित नहीं किया जा रहा है।”

इसके बाद पीठ ने एनसीएलएटी को नोटिस जारी कर 27 मई तक जवाब मांगा।

महामारी के बीच केवल ई-फाइलिंग की अनुमति देने की मांग करते हुए एक अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) इस बात पर जोर दे रहा है कि दलीलों की हार्ड कॉपी दायर की जाए। अधिवक्ताओं/ वादियों को निजी तौर पर ट्रिब्यूनल की रजिस्ट्री के लिए आने और खुद को कोविड-19 संक्रमितों के संपर्क में आने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया कि अधिकांश न्यायिक निकायों ने न केवल ऑनलाइन सुनवाई की, बल्कि वादियों और अधिवक्ताओं को घरों और अपने कार्यालयों से मामले और दस्तावेज दर्ज कराने के लिए ई-फाइलिंग प्रणाली भी शुरू की है।

उन्होंने कहा कि अगर जरुरी हो तो न्यायाधिकरण कामकाज शुरू करने के बाद, वादी/प्रतिवादी अपनी हार्ड कॉपी दाखिल करेंगे।

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद को भंग किया, 12 एवं 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा attacknews.in

काठमांडू ,22 मई । नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने शनिवार तड़के संसद को भंग कर दिया तथा 12 एवं 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा भी कर दी।

इससे पूर्व राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक राष्ट्रपति की ओर से तय डेडलाइन की अवधि समाप्त होने तक शुक्रवार तक ना तो कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और ना ही विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा नयी सरकार के गठन का दावा ही पेश कर सके।

दावे के खारिज होने के बाद श्री ओली ने शुक्रवार मध्यरात्रि को अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलायी तथा संसद भंग करने की सिफारिश कर दी।

वक्तव्य के मुताबिक इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 76 (7) के मुताबिक संसद को भंग कर दिया गया तथा फिर से चुनाव कराने की तिथियां घोषित की गयीं।

गौरतलब है कि यह दूसरी बार है जब श्री ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति श्रीमती भंडारी ने संसद भंग की है।

इससे पहले फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने संसद को भंग करने के कदम को रद्द कर दिया था।

अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन ने मध्यप्रदेश को 6 हजार सिंगल यूज सेल्फ-पावर्ड वेंटिलेटर और 3 हजार मॉनीटर उपलब्ध कराये जो जेरोक्स से प्राप्त किये गये attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) ने मध्यप्रदेश को 6 हजार सिंगल यूज सेल्फ-पावर्ड वेंटिलेटर और 3 हजार मॉनीटर उपलब्ध कराये हैं। जो जेरोक्स से प्राप्त किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इनका उपयोग दूरस्थ स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों के हित में किया जाएगा।

वेंटीलेटर डिस्पोजेबल, हाथों से मुक्त उपकरण है, जिन्हें बिजली या बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है।

डॉ. चौधरी ने उक्त महत्वपूर्ण उपकरण प्रदेश को प्राप्त होने पर एआईएफ के श्री जोसफ से वर्चुअल चर्चा की और उनका आभार माना।

चर्चा में श्री चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर आने से संक्रमण शहरों से ग्रामीण स्तर तक फैला है। कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के लिये जन-भागीदारी से अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। साथ ही किल-कोरोना अभियान चलाकर डोर-टू-डोर संभावित रोगियों का सर्वे किया जा रहा है। शहरों में कोरोना सहायता केन्द्र बनाकर संक्रमित की पहचान की जा रही है और उनका समुचित इलाज भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में संक्रमण की दर में भी कमी आयी है और रिकवरी भी बढ़ रही है।

मध्यप्रदेश में शनिवार को 3 हजार से अधिक कोरोना मरीज मिले, 89 की मौत;अबतक संक्रमितों की संख्या 7,60,963 और मृतकों की संख्या 7483 हुई attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश में आज तीन हजार से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।आज इस महामारी से 89 लोगों की मौत हो गयी।

मध्यप्रदेश के लिए राहत की खबर है कि कोरोना संक्रमण दर 20 प्रतिशत से घटकर अब 4़ 8 पर पहुंच गयी है।

राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले में 79,737 लोगों की जांच की गई।

इस जांच सैंपल रिपोर्ट में 3,844 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये हैं।

जबकि 75,893 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाये गये और 297 कोरोना टेस्ट रिजेक्ट हुए है।

आज पॉजीटिविटी रेट आज (संक्रमण दर) घटकर 4़ 8 प्रतिशत दर्ज की गयी।

कोरोना संक्रमण की चपेट में आये 9,327 लोग संक्रमण से मुक्त होकर घर रवाना हुए है।

अब राज्य भर में सक्रिय मरीजों की संख्या अब 62,053 पहुंच गयी है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने अब तक 7,60,963 लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया है।

राहत की खबर है कि इनमें से अब तक 6,91427 ठीक होकर घर पहुंच गये है।

इस महामारी ने अब तक प्रदेश भर में 7483 लोगों की जान ले चुका है।

आज 89 लोगों मौत कोरोना संक्रमण से हुई है।

राज्य 52 जिलों में आज भी सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मरीज इंदौर जिले में मिले हैं।इंदौर जिले में आज 863 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये।

वहीं दूसरे स्थान पर भोपाल जिले में 649 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

इसके अलावा ग्वालियर में 139, जबलपुर में 136, उज्जैन में 114, रतलाम में 132, रीवा में 127 नये कोरोना मरीज मिले है।

बाकी अन्य जिलों में भी 4 से लेकर 90 के बीच कोरोना संक्रमित मिले है।

चक्रवात ‘ताउते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता,नौसेना ने शवों की तलाश के लिए गोताखोर टीमों को तैनात किया attacknews.in

मुंबई, 22 मई । चक्रवात ‘ताउते’ की चपेट में आने के छह दिन बाद भी बजरा पी305 के 15 और टगबोट नौका वाराप्रदा के 11 कर्मी अब भी लापता हैं जिनका पता लगाने के लिए नौसेना ने शनिवार को मुंबई अपतटीय क्षेत्र में विशेष गोताखोर टीमों को तैनात कर दिया।

नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “बजरा पी305 और नौका वाराप्रदा के लापता चालक दल को खोजने के लिए चल रहे खोज एवं बचाव अभियान को बढ़ाने के लिए साइड-स्कैन सोनार के साथ आईएनएस मकर और आईएनएस तरासा पर सवार होकर विशेष गोताखोर टीम आज सुबह मुंबई से रवाना हुईं।”

सोमवार को अरब सागर में बजरा पी305 के डूबने से मरने वालों की संख्या 11 और शवों की बरामदगी के साथ शुक्रवार को 60 तक पहुंच गई, जबकि नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे से 15 और वाराप्रदा से 11 लापता कर्मियों की तलाश जारी रखी।

संपर्क करने पर, एक अधिकारी ने कहा कि रात भर चले अभियान पर नयी सूचना की प्रतीक्षा है।

इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि लापता लोगों के जीवित होने की उम्मीद अब कम हो रही है।

पी305 बजरा पर सवार 261 कर्मियों में से अब तक 186 को बचाया जा चुका है। वाराप्रदा में सवार 13 लोगों में से दो को बचा लिया गया है।

मुंबई पुलिस ने कहा है कि वह इस बात की जांच करेगी कि चक्रवात ‘ताउते’ की चेतावनी के बावजूद बजरा अशांत क्षेत्र में क्यों रुका रहा।

पुलिस ने बजरे पर सवार कर्मियों की मौत के मामले में भी दुर्घटनावश हुई मौत का मामला दर्ज किया है।

मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ दर्ज कर दिया एससी/एसटी कानून के तहत प्रकरण पर हाईकोर्ट ने 23 मई तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक; पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के लगाए थे आरोप attacknews.in

मुंबई, 21 मई । बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस को शुक्रवार को निर्देश दिया कि वह एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत दर्ज मामले में मुंबई पुलिस के आयुक्त रह चुके परमबीर सिंह को 23 मई तक गिरफ्तार नहीं करे।

सिंह ने अदालत में याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने और मामले की सीबीआई जांच कराए जाने का अनुरोध किया था। न्यायूमर्ति एस जे कथावाला और न्यायमूर्ति एस पी तावडे की खंडपीठ ने शुक्रवार देर रात इस याचिका पर सुनवाई की।

सिंह के अधिवक्ता ने दलील दी कि पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके कारण उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन सरकार ने कहा कि शिकायत में अपराध का खुलासा हुआ था, जिसके कारण प्राथमिकी दर्ज की गई। बहरहाल, पीठ ने प्राथमिकी दर्ज किए जाने के समय पर सवाल उठाया।

पीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी और तब तक परमबीर सिंह को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किए जाने का पुलिस को निर्देश दिया।

महू सैन्य छावनी से विदेशी कनेक्शन और जासूसी के आरोप में हिरासत में ली गई सेना के सेवानिवृत्त कर्मी की 2 बेटियों हिना और कौसर सहित 3 से पूछताछ प्रारंभ, NIA ने किया गिरफ्तार  attacknews.in

 

इंदौर, 22 मई । मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र महू की दो युवतियों सहित तीन लोगों से पुलिस और सेना की गुप्तचर शाखा (मिलेट्री इंटेलिजेंस) ने संदिग्ध गतिविधियों के संबंध में हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारंभ कर दी है।

इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हरिनारायणचारी मिश्र ने  बताया कि दोनों युवतियां महू के गवली पलासिया क्षेत्र की निवासी हैं। संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर दोनों युवतियों और इनके पिता से पूछताछ की जा रही है।

श्री मिश्र ने बताया कि फ़िलहाल कार्रवाई केवल पूछताछ तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि तीनों के संपर्कों को खंगाला जा रहा है। आईजी ने इस मामले में किसी की भी गिरफ्तारी से इनकार किया है।

उधर सूत्रों ने दावा किया कि बीते तीन दिनों से जांच एजेंसियां दोनों युवतियों और इनके पिता से पूछताछ कर रही है। इनके मोबाइल फोन, लेपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खंगाला जा रहा है।

युवतियों के पिता सेना से सेवानिवृत्त बताये जा रहे हैं। युवतियों के पड़ोसी देश के कुछ लोगों के संपर्क में होने की सूचनाएं भी आयी हैं।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पूछताछ की जा रही है।

NIA ने किया गिरफ्तार:

इधर एक अन्य रिपोर्ट में इंदौर में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने दो सगी बहनों को गिरफ्तार किया है।साथ ही उनपर आरोप भी लगाया गया है कि वह भारत से पाकिस्तान सैन्य जानकारिया भेज रही थी.वहीं वह यह जानकरी इंदौर की महू में स्थित सैन्य छावनी की जानकारी पाकिस्तान को भेज रही थी. जिसकी भनक लगते ही एनआईए ने इनपर निगरानी रखी और इनके खिलाफ ठोस जानकरी मिलते ही इन्हे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही इनसे एनआईए पूछताछ भी कर रही है।

वहीं जानकरी के अनुसार दोनों बहने इंदौर के गवली पलासिया क्षेत्र की रहने वाली थी. जो कई दिनों से पाकिस्तान में किसी से सम्पर्क में थी. साथ ही उसे यहां की सैन्य जानकारी पहुंचा रही थी. वहीं एक दिन यह पाकिस्तान में फोन पर बात करते हुए छावनी के पास से जा रही थी. तभी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इनकी फ्रीक्वेंसी को पकड़ लिया. जिसके बाद इनके ऊपर नजर रखी जाने लगी. जिसके बाद इन्हे गोपनीय तरिके से गिरफ्तार कर लिया गया।

यह मामला सबके सामने तब आया जब दोनों बहनों के घर के सामने कई गाड़िया आती रही. जिसके बाद आस पास के लोगों की इसकी जानकारी हुई. वहीं दोनों बहनों का नाम कौसर और हिना बताया जा रहा है. जिनसे गोपनीय विभाग लगातार पूछताछ कर रहा है. साथ ही उनके घर से आईएनए को उनका लैपटाप और मोबाइल फोन मिला है. जिसे जब्त कर लिए गया है. साथ ही बताया जा रहा है कि इन दोनों को मारीशस से फंडिंग की जा रही थी।

बताया जाता है कि इन्हें मारीशस से फंडिंग हो रही थी। इनके पिता सेना में नौकरी कर चुके थे और बाद में इंदौर में एसबीआइ की एक शाखा में सुरक्षाकर्मी भी रहे। उनकी मृत्यु हो चुकी है।

विभिन्न जगह पर काम कर जुटाती थीं जानकारी

दोनों बहनें कई जगह नौकरी कर चुकी हैं। वे कहीं भी ज्यादा दिनों तक नहीं रहतीं थीं। हिना महू में बिजली कंपनी में कांट्रेक्ट पर काम करती रही। बिजली कंपनी से मिली सूचना के मुताबिक हिना पिछले छह महीनों से कंप्यूटर आपरेटर के तौर पर प्राइम वन एजेंसी के जरिए काम कर रही थी। बाद में उसे हटा दिया गया। ऐसा बताया जाता है कि ये कई जगहों पर काम करके अलग-अलग जानकारियां एकत्रित करती थीं।

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को 31 मई तक कोरोनामुक्त करने का लक्ष्य देते हुए कहा कि;स्थितियां नियंत्रण में रहीं, तो 1 जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कर्फ्यू में राहत दी जा सकती है attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में आ गयी हैं, लेकिन साथ में उन्होंने चेताते हुए कहा कि इसके बावजूद जरा सी लापरवाही से फिर स्थितियां काबू से बाहर जा सकती हैं।

श्री चौहान ने संकेत दिए कि यदि स्थितियां इसी तरह नियंत्रण में रहीं, तो एक जून से क्रमिक तरीके से कोरोना कफ्यू में राहत दी जा सकती है। लेकिन इस दौरान स्थानीय स्थितियों पर ध्यान देकर निर्णय लिया जाएगा।

श्री चौहान ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना संबंधी महत्वपूर्ण बैठक के जरिए राज्य के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को संबोधित किया।

श्री चौहान ने कोरोना टेस्ट और बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में सभी 52 जिलों को 31 मई तक कोराेनामुक्त करने के प्रयास किए जाएं। हालाकि कुछेक मामले आ सकते हैं, लेकिन जिस तरह से हमने अब तक दिनरात प्रयास कर कोरोना पर काबू पाया है, उसी प्रकार कार्य करके 31 मई तक जिलों को कोरोनामुक्त किया जा सकता है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस बहुरूपिया की तरह है। अर्थात उसकी प्रकृति का अनुमान लगाना कठिन है। इसके मामले कम होते होते फिर से अचानक बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मिलकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, बेहतर गुणवत्ता के मॉस्क लगाएं और कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना रोकने के लिए उपयुक्त व्यवहार) का पालन करें, तो कोरोना को बढ़ने से आसानी से राेका जा सकता है।
श्री चौहान ने कहा कि किसी भी नागरिक को जरा सी सर्दी, खांसी या इस तरह के लक्षण हों तो वे तुरंत सामने आएं और अपनी कोरोना संबंधी जांच कराएं। वहीं अन्य नागरिक और प्रशासन भी ऐसे लोगों पर नजर रख तुरंत उनके इलाज की व्यवस्था करें। ऐसा करके कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। यदि हम यह सब करने में सफल रहे तो तीसरे लहर को भी आने से रोका जा सकता है।

मध्यप्रदेश में ब्लैक फंगस के कम से कम छह सौ मामले;मरीजों की बढ़ती संख्या, इलाज के इंजेक्शन तथा अन्य दवाइयों की कमी के कारण चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी attacknews.in

भोपाल, 22 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काे नियंत्रण में करने के प्रयासों के बीच ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या और इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन तथा अन्य दवाइयों की कमी के चलते बेहद चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी हुयी हैं।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार ने ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में विशेष वार्ड बनाए हैं। इसके अलावा कुछ निजी अस्पतालों में भी इस तरह के मरीजों का उपचार चल रहा है। सरकार सभी को इसके इलाज के लिए उपयोग में आने वाले एम्फोटेरिसिन बी मुहैया कराने की भरसक कोशिश में है। सरकार की तरफ से तैयार कराए गए वार्डों में मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है।

भोपाल में हमीदिया के अलावा कुछ निजी अस्पतालों में इस रोग से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें से अधिकांश वे लोग हैं, जो कोरोना से पीड़ित हुए थे और उससे ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के शिकार हो गए। कम से कम एक सौ लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। मरीजों के आश्रितों को एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कराने के लिए हमीदिया अस्पताल परिसर में पंक्तियों में लगे हुए देखा जा रहा है।

इसी तरह इंदौर में 164 मरीज ब्लैक फंगस के हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनके इलाज के दौरान मरीज को जटिल शल्य क्रिया से भी गुजरना पड़ रहा है। आंख और चेहरे के अन्य हिस्से इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। कमोवेश यही स्थितियां ग्वालियर, जबलपुर में हैं। इसके अलावा दमोह, सिवनी, पन्ना और कुछ अन्य जिलों से भी ब्लैक फंगस के मरीज मिलने की सूचनाएं सामने आयी हैं।

पन्ना से रिपोर्ट के अनुसार पन्ना शहर निवासी एक 45 वर्षीय व्यक्ति को ब्लैक फंगस ने अपनी चपेट में लिया है। इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी पन्ना डॉ. आर. एस. पाण्डेय ने की है। पीड़ित मरीज का जबलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि पन्ना निवासी संक्रमित मरीज सुगर के मरीज हैं। बीते माह उनकी कोरोना जाँच हुई थी और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। पॉजिटिव आने के बाद वे अपने घर में ही क्वारेंटाइन थे। बाद में तबियत बिगड़ने पर पीड़ित के परिजन उपचार के लिए उन्हें जबलपुर ले गए।

जबलपुर में व्हाइट (सफेद) फंगस का एक मरीज सामने आया है। इस तरह का यह प्रदेश का पहला मामला माना जा रहा है। चिकित्सकों के अनुसार 15 मई को एक व्यक्ति को सफेद पदार्थ मुंह और नाक से निकलने पर भर्ती कराया गया। उसकी जांच के बाद शल्य चिकित्सा की गयी और उसे सफेद फंगस निकला। अब वह मरीज ठीक हाे रहा है और उसे शीघ्र ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। चिकित्सकों का कहना है कि ब्लैक फंगस की तुलना में व्हाइट फंगस से पीड़ित मरीज का इलाज आसान है।

ब्लॉकबस्टर फिल्मों- ‘मैंने प्यार किया’, ‘हम आपके हैं कौन’ और ‘हम साथ साथ हैं’ के दिग्गज संगीतकार विजय पाटिल (राम लक्ष्मण) का नागपुर में निधन attacknews.in

नागपुर ,22 मई । राम-लक्ष्मण से नाम से जाने जाने वाले दिग्गज सगीत निर्देशक विजय पाटिल का शनिवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से उनके आवास पर निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे और कुछ दिनों से बीमार थे।

संगीतकार पाटिल के पुत्र अमर ने यह जानकारी दी। श्री पाटिल ने छह दिन पहले काेविशील्ड कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी। उस समय उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन जब वह घर पहुंचे तो उन्हें कमजोरी महसूस हाेने लगी और तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने उन्हें घर आकर देखा। उनका आज तड़के दो बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

श्री पाटिल के परिवार में पत्नी शोभा पाटिल, पुत्र अमर, दो बेटी और परिवार के अन्य सदस्य और दोस्त हैं।

पाटिल को सिनेमा जगत में संगीतकार की जोड़ी में लोग राम-लक्ष्मण से जानते है जिसमें वह ‘लक्ष्मण’ और उनके जोड़ीदार सुरेन्द्र हेन्द्रे राम के रूप में जाने जाते हैं।

राम-लक्ष्मण ने राजश्री फिल्म्स ‘एजेंट विनोद’ के साथ हिंदी फिल्म जगत में शुरुआत की। दोनों ने दादा कोंडके की लगभग सभी फिल्मों के लिए संगीत दिया, दादा कोंडके ने उन्हें राम-लक्ष्मण नाम दिया था।
वर्ष 1976 में सुरेंद्र का निधन हो गया, लेकिन पाटिल ने उसी नाम से संगीत रचना का काम जारी रखा, इसे थोड़ा बदलकर राम-लक्ष्मण कर दिया। राम-लक्ष्मण एक संगीतकार, पियानोवादक, संगीतकार और गीतकार थे।

राजश्री प्रोडक्शंस की ब्लॉकबस्टर फिल्मों- ‘मैंने प्यार किया’ (1989), ‘हम आपके हैं कौन’ (1994) और ‘हम साथ साथ हैं’ (1999) के साथ ही राम-लक्ष्मण को उनके काम के बूते राम-लक्ष्मण के रूप में जाने जाना लगा। राम-लक्ष्मण ने हिन्दी, मराठी और भोजपुरी की लगभग 75 फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कादर ऑर्केस्ट्रा से की थी और बाद में वह मुंबई आ गए थे।

इंदौर की सुपर फ़ास्ट वेंटीलेटर एक्सप्रेस की देश भर में मांग;एक टीम ने तमाम सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर को इंस्टाल करने की एक मुहिम शुरू की और अब ये सीमा पार कर देश भर में फैल गई attacknews.in

इंदौर, 22 मई । कोविड महामारी के मौत के तांडव के बीच मध्य प्रदेश के तीन इंजीनियरों की एक टीम ने तमाम सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर को इंस्टाल करने की एक मुहिम शुरू की और अब ये मुहिम राज्य की सीमा पार कर देश भर में फैल रही है।

इंदौर के ‘थ्री इडियट्स’ दोस्तों ने एक फेसबुक पोस्ट से उपजे आइडिया की सफलता से उत्साहित होकर ‘अपनी गाड़ी, अपना ईंधन, अपनी मेहनत और अपनी काबिलियत से जनसेवा का एक अनूठा अभियान’ ‘वेंटिलेटर एक्सप्रेस’ शुरू किया जिससे जुड़ने के लिए अब देश के दूसरे हिस्सों के लोग भी आतुर हैं।

इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पंकज क्षीरसागर, चिराग शाह और शैलेन्द्र सिंह की यह टीम ‘वेंटीलेटर एक्सप्रेस’ इंदौर से चलकर मध्यप्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में पीएम केअर बीईएल वेंटिलेटर्स को निशुल्क इंस्टाल करने के साथ उनके सामान्य कनेक्टिंग पार्ट्स भी निशुल्क उपलब्ध करवाती है। यह टीम अब तक सौ से अधिक मशीनों को इंस्टाल कर चुकी है।

श्री क्षीरसागर ने बताया कि सामान्य समस्याओं वाली मशीनों को ‘जुगाड़’ से ठीक करते आ रहे हैं। एक मशीन में यूपीएस, वेंटिलेटर, मॉनिटर एवं कंप्रेसर ये तीन मुख्य पार्ट्स होते हैं। किसी का कुछ ठीक नहीं है किसी का कुछ खराब। कहीं ऑक्सीजन लाइन में प्रेशर की चुनौती तो कहीं कनेक्टर नहीं है। अप्रैल माह में जब से इन मशीनों की बेहद जरूरत थी तभी से यह टीम रेड जोन में तक जाकर काम करती रही।
उन्होंने बताया कि इंदौर के दो बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा तुकोजीराव अस्पताल, सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के साथ साथ महू, धार, शाजापुर, राजगढ़, सागर, दमोह, कटनी मंडला और शहडोल जिलों में वेंटिलेटर एक्सप्रेस अपनी सेवाएं दे चुकी है। अब महाराष्ट्र के नासिक और कर्नाटक में हुबली से बुलावा है। टीम में वाराणसी से एक नये साथी नित्यानंद 12 मशीनें वहां ठीक कर चुके हैं। पटना एवं हुबली शहरों की इंजीनियर टीम जुड़ गई है।

इस विचार का बीज कैसे पड़ा, यह पूछे जाने पर श्री क्षीरसागर ने बताया कि उन्होंने 13 अप्रैल की रात फेसबुक पर एक पोस्ट में एक निजी अस्पताल सांसों के लिए संघर्ष करते अपने दोस्त की असहाय स्थिति को देखकर हताशा जाहिर की। उस रात लंबे समय से भर्ती उस दोस्त की बेटी ने रात 11:00 बजे फोन किया और कहा कि पिताजी सांस नहीं ले रहे हैं। वह बेटी भी पॉजिटिव थी। दोस्त की पत्नी और उनका बेटा भी।

इस पोस्ट को पढ़कर उनके फेसबुक मित्र चिराग शाह ने मैसेंजर पर एक संदेश भेजा। इस पर उन्होंने चिराग शाह को अस्पताल पहुंचने का आग्रह किया।

श्री क्षीरसागर ने जब दोस्त को वहां सांसों के लिए संघर्ष करते देखा तो जीवन की सच्चाई सामने आ गई। ऐसा लग रहा था मानो उस दोस्त से आखरी बार मुलाकात हो रही है। उसने अलविदा की मुद्रा में हाथ हिलाया। इसने सबको बहुत दुखी कर दिया।

श्री क्षीरसागर अगले दिन श्री शाह के साथ दोपहर में महाराजा यशवंत राव चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ पी एस ठाकुर के कक्ष में मिले। दोनों ने तय किया कि इंदौर के सरकारी अस्पतालों में जिन वस्तुओं या संसाधनों की कमी हो रही है उन्हें जुटाते हैं। इंदौर के पास औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर से नाता रखने वाले वरिष्ठ एडवोकेट श्री गिरीश पटवर्धन एवं अन्य लोगों ने इस समन्वय के लिए श्री चिराग शाह को अधिकृत किया था।

डॉ ठाकुर ने कहा कि आप बाइपैप मशीनें दीजिए। कोई इंजीनियर हो बताएं हमें वेंटीलेटर इंस्टॉल भी करवाने हैं। इस पर श्री क्षीरसागर ने कहा हमें मशीन दिखाएं। हम कर लेंगे। तब पंकज और चिराग डॉ पी एस ठाकुर के साथ महाराजा तुकोजीराव अस्पताल पहुंचे। जो एक बड़ा सरकारी कोविड हॉस्पिटल है। जिसके अधीक्षक भी डॉक्टर ठाकुर ही हैं। वहां इन दोनों ने अपने तीसरे दोस्त शैलेंद्र सिंह को बुला लिया। जो एक पर्यावरण इंजीनियर और वेस्ट ट्रीटमेंट के जानकार हैं।

श्री शैलेंद्र सिंह अपने घर से औजार लेकर आए थे। श्री शाह के पास अपनी गाड़ी में औजार थे। तीनों के लिए जीवन में बॉक्स के अंदर रखे हुए वेंटिलेटर पार्ट्स देखने का पहला अनुभव था। एक बॉक्स में वेंटिलेटर असेंबली का ड्राइंग मिला। उसे दीवार पर पैकिंग टेप से लगाया गया। एक एक बॉक्स को खोला गया। कौन सी चीज क्या है यह समझा गया। एक एक पार्ट को जोड़ने की शुरुआत हुई। पहली मशीन तकरीबन चार घंटे में पूरी तैयार होकर प्लग-इन के लिए रेडी थी।

महाराजा तुकोजीराव अस्पताल की पांचवी मंजिल के रेड जोन में लिफ्ट के पास खाली जगह पर नौ मशीनों के बॉक्सेस लाकर रखे गए। देर रात तक नौ नई मशीनों को इंस्टाल किया गया। तीन को ठीक किया गया। जब मशीन इंस्टॉल कर रहे थे तब इस बात का अंदेशा नहीं था कि कोरोना की यह लहर इतना विकराल रूप लेने वाली है। अगली सुबह अस्पताल के तकनीकी स्टाफ भूपेंद्र यादव ने बताया कि सभी मशीनों पर अब जिंदगी सांस ले रही है। उन्होंने तस्वीरें भी भेजीं।

इसके अगले ही दिन इंदौर के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के प्रमुख डॉक्टर सुमित शुक्ला से बात हुई। फिर वहां की मशीनों को ठीक किया गया। टेक्निकल टीम के साथ मशीनों को इंस्टालेशन पूरा हुआ।

इसके बाद वेंटिलेटर एक्सप्रेस ने धार, शाजापुर, राजगढ़ जिलों की यात्रा की। सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मशीनों के मेंटेनेन्स और ऑक्सीजन सप्लाई को जांचा परखा। महू के साथ दमोह कटनी में मशीनों को इंस्टॉल किया। ठीक भी किया। शहडोल में 15 वेंटीलेटर्स को चालू करवाने में सहायता की। मंडला में वीडियो कॉल से मशीनों को ऑपरेट करना सिखाया।

श्री क्षीरसागर का कहना है कि अब उनकी टीम लगातार काम करने अब एक घंटे में एक वेंटिलेटर इंस्टाल कर देती है। जबकि उन्हें पहली मशीन इंस्टॉल करने में पसीना आ गया था और तकरीबन चार घंटे लगे थे।

श्री क्षीरसागर ने बताया कि यह टीम वेंटीलेटर एक्सप्रेस मरीजों को दवाइयां उपलब्ध कराने, वेंटिलेटर बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ-साथ बुजुर्गों को घर घर जाकर उपचार दिलाने में सहयोग भी कर रही है। उनकी टीम नये लोगों को जोड़ना चाहती है और इस मुहिम को देश भर में फैलाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि भारत में छोटे शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल की सुविधाएं नगण्य हैं। पीएम केयर्स के माध्यम से वेंटिलेटर एवं अन्य मशीनों को भेजा जा रहा है। लेकिन वहां इन मशीनों का इस्तेमाल एक चुनौती बनी हुई है। हमारी वेंटिलेटर एक्सप्रेस इस कमी को पूरा करेगी और महामारी के बाद भी देश में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने में योगदान देती रहेगी।

देशभर में स्थापित नये 22 में से 18 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए वरदान साबित हुए,प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत शुरू किए गए नए एम्स राज्यों में उन्नत कोविड स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं attacknews.in

नईदिल्ली 22 मई । प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) की घोषणा अगस्त 2003 में तृतीयक स्वास्थ्य सेवा अस्पतालों की उपलब्धता से जुड़े असंतुलन को दूर करने और देश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए की गयी थी। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।

इस योजना को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वंचित राज्यों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के सपने को पूरा करने के लिए एक नया प्रोत्साहन मिला, और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत कई नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित किए जा रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक 22 नए एम्स की स्थापना को मंजूरी दी गयी है, जिनमें से भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश में छह एम्स पहले से ही पूरी तरह से काम कर रहे हैं। अन्य सात एम्स में ओपीडी की सुविधा और एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हो गई हैं जबकि पांच अन्य संस्थानों में केवल एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू हुई हैं।

पीएमएसएसवाई योजना के तहत स्थापित किए गए या स्थापित किए जा रहे इन क्षेत्रीय एम्स ने पिछले साल की शुरुआत में महामारी की शुरुआत से ही कोविड के प्रबंधन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उनका योगदान इस लिहाज से महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं जहां स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा कमजोर था।

इन संस्थानों ने अपनी जिम्मेदारी पर खरा उतरते हुए मध्यम और गंभीर रूप से बीमार कोविड मरीजों के इलाज के लिए बिस्तर क्षमता का विस्तार करके कोविड-19 की दूसरी लहर की चुनौती का भी सराहनीय जवाब दिया है।

अप्रैल 2021 के दूसरे सप्ताह से, इन संस्थानों में 1,300 से अधिक ऑक्सीजन बेड और कोविड के इलाज के लिए समर्पित लगभग 530 आईसीयू बेड जोड़े गए हैं और लोगों के लिए उपलब्ध ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की वर्तमान उपलब्धता क्रमशः लगभग 1,900 और 900 है।

बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल-मई, 2021 के दौरान रायबरेली और गोरखपुर के एम्स में कोविड के इलाज की सुविधाएं शुरू कर दी गयीं, जिससे उत्तर प्रदेश राज्य को फतेहपुर, बाराबंकी, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अम्बेडकर नगर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बलिया, मऊ और आजमगढ़ जैसे दूरदराज के जिलों के मरीजों की सक्रिय रूप से सेवा करने में मदद मिली है।

नए एम्स में कोविड के लिए समर्पित बिस्तरों की वर्तमान उपलब्धता इस प्रकार है:

क्रम संख्या – संस्थान – नए एम्स में कोविड के लिए समर्पित बिस्तरों की मौजूदा उपलब्धता -गैर आईसीयू ऑक्सीजन बेड -वेंटिलेटर सहित आईसीयू बेड

1    एम्स, भुवनेश्वर   295    62

2     एम्स, भोपाल    300     200

3      एम्स, जोधपुर    120    190

4       एम्स, पटना       330     60

5       एम्स, रायपुर      406      81

6      एम्स, रिषिकेश    150      250

7     एम्स, मंगलागिरी     90      10

8      एम्स, नागपुर       125       10

9       एम्स, रायबरेली     30       20

10      एम्स, बठिंडा       45        25

11      एम्स, बीबीनगर     24       0

12        एम्स, गोरखपुर     10       0

कोविड मरीजों की देखभाल के लिए इन नए एम्स की क्षमताओं को भारत सरकार वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर जैसे अतिरिक्त उपकरणों के अलावाअन्य उपभोग्य सामग्रियों जैसे एन-95 मास्क, पीपीई किट और फेविपिराविर, रेमडेसिविर एवंटोसिलिजुमाब सहित आवश्यक दवाओं के आवंटन के माध्यम से मजबूत कर रही है।

तृतीयक स्वास्थ्य सेवा केंद्र होने के नाते, नए क्षेत्रीय एम्स ने कोविड मरीजों को अन्य महत्वपूर्ण गैर-कोविडस्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान कीं, जैसे कि डायलिसिस की आवश्यकता वाले या गंभीर हृदय रोग वाले मरीज, गर्भवती महिलाएं, बाल रोग मरीज।

अकेले एम्स रायपुर ने मार्च 2021 से 17 मई, 2021 तक कुल 9664 कोविड मरीजोंका इलाज किया है। संस्थान ने कोविड-19 से पीड़ित 362 महिलाओं की देखभाल की, उनमें से 223 की सुरक्षित प्रसव कराने में मदद की है। कोविड से पीड़ित 402बच्चों को बाल चिकित्सा देखभाल प्रदान की गयी। गंभीर हृदय रोगों वाले 898 कोविड मरीजों ने इलाज का लाभ उठाया, जबकि 272 रोगियों को उनके डायलिसिस सत्र में सहायता प्रदान की गयी।

दिल्ली के व्यापारी ने सुरक्षा कर्मी के कागजात पर कंपनी रजिस्टर्ड कराकर बैंक से करोड़ों का कर लिया लेनदेन,सुरक्षा कर्मी को पता चलने पर होश फाख्ता हुए attacknews.in

सोनीपत 22 मई । हरियाणा में सोनीपत के गांव तिहाड़ खुर्द निवासी एक युवक ने दिल्ली के एक कारोबारी के खिलाफ उसके दस्तावेजाें पर फर्म पंजीकृत कराकर 10-12 करोड़ रुपये का लेन-देन किए जाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है।

गांव तिहाड़ खुर्द निवासी जोगेंद्र सिंह ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक को दी शिकायत में बताया कि वह दिल्ली के रानी बाग निवासी उमंग गर्ग के पास निजी सुरक्षाकर्मी की नौकरी करता था।

उसने बताया था कि उसने उमंग गर्ग के पास जुलाई, 2019 से जून, 2020 तक नौकरी की थी। इस दौरान उमंग गर्ग ने उससे वेरीफिकेशन कराने के नाम पर उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड एवं पांच फोटो लिए थे। उसके बाद महेंद्रा पार्क दिल्ली स्थित एक बैंक की शाखा में उसका खाता खोला गया था। बाद में जून 2020 को उसे नौकरी से निकाल दिया गया था। जब वह जनवरी में इनकम टैक्स रिटर्न भरने गया तो उसे पता लगा कि उसके नाम से उमंग पॉलीमर्स नाम की फर्म रजिस्ट्रड कराकर उससे 10-12 करोड़ की ट्रांजेक्शन की गई है। उसके बाद फर्म को भी बंद कर दिया गया है।

पीड़ित को जब इसका पता लगा तो पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर आरोप लगाया कि उमंग गर्ग ने उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर उसके नाम से फर्म रजिस्ट्रड कराई है। उससे ट्रांजेक्शन करने के बाद फर्म को बंद कर दिया। उसने इसकी जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। जिस पर एसपी कार्यालय से थाने में आई शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

कोरोना महामारी में अपनी त्वचा का रखें ख़ास ख्याल;स्थितियां पहले से बेहतर हुई हैं फिर भी खतरा टला नहीं और जीवनशैली ही कोविड संबंधी सावधानियों के अनुसार ढल चुकी हैं attacknews.in

नयी दिल्ली, 22 मई । कोरोना महामारी का दौर चल रहा है। स्थितियां हालांकि पहले से बेहतर महसूस हो रहीं हैं लेकिन खतरा अभी टला नहीं है और इस अवधि के दौरान हम सभी की जीवनशैली ही मानो कोविड संबंधी सावधानियों के अनुसार ढल चुकी है।

इन सावधानियों में हाथों को लगातार सेनीटाइज करना, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाकर रखना आदि मूल रूप से शामिल हैं। चेहरे पर लगातार मास्क लगाये रखने और हाथों को लगातार सेनीटाइज़ करने से त्वचा पर असर भी पड़ रहा है। त्वचा का सख्त हो जाना, ड्राई होना या लगातार चेहरे पर मास्क लगाने से निशान पड़ना, मास्क वाली जगह लाल पड़ना आदि जैसी समस्याएं शामिल हैं।सावधानी के तौर पर ये दोनों बहुत ज़रूरी हैं।

सेलेब्रिटी मेकअप एक्सपर्ट, 7 शेड्स, मेक अप एंड अकैडमी पुनीती चौधरी का कहना है कि अभी के दौर में बेशक देखा गया है कि बहुत से लोग मास्क और सेनीटाइज़र के लगातार प्रयोग से अपनी त्वचा पर समस्या महसूस कर रहे हैं। साथ ही दिन भर चेहरे पर मास्क लगे रहने के कारण त्वचा के पोर्स खुली हवा के संपर्क में नहीं आ पाते जिससे एक्ने की समस्या हो सकती है, या पहले से एक्ने युक्त त्वचा की परेशानी बढ़ सकती है इसके अलावा गर्मियां आ गई हैं जिसके चलते इस तरह की अतिरिक्त समस्या सामने आ सकती है। इस दौर में भी त्वचा का ख्याल रखना उतना ही आसान है, ऐसे में निम्नलिखित कुछ बिन्दुओं का ख्याल रखें, लेकिन सबसे अहम् बात, यदि इन सभी उपायों से भी समस्या का निदान न हो तो बिना देरी के त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और समाधान की दिशा तय करें ।

उन्होंने कहा कि एलोवेरा जेल, प्राकृतिक माश्चराइज़र है, जब भी बाहर से घर वापस आएं तो हाथ और मुंह अच्छी तरह से धोकर और पोंछ कर एलोवेरा जेल लगाएं, इसे सीधे बिना किसी अतिरिक्त सामग्री के भी लगाया जा सकता है। लगाते वक़्त अच्छी तरह से दो से तीन मिनट तक मलें और सूख जाने पर धो लें और अच्छी गुणवत्ता वाली क्रीम लगा लें।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल हाथों की रूखी त्वचा रेफ्रेशिंग महसूस होती बल्कि इससे यह टैनिंग भी दूर करेगा। ठीक इसी प्रकार इसे रात को सोने से पहले चेहरे पर भी लगाया जा सकता है जिससे दिन भर मास्क लगाने के कारण हल्की-फुल्की रेडनेस भी दूर करने में मदद मिल सकती है।

सुश्री चौधरी ने कहा कि एलोवेरा बहुत से घरों में सुलभ नहीं है, ऐसे में दही इसका स्थान ले सकता है। फेस पैक और त्वचा की देखभाल में इस्तेमाल होने वाला यह एक बहुत ही आम सामग्री है। दही चोकर का मिक्सचर या दही, बेसन आदि के पैक हाथों व चेहरे पर लगाए जा सकते हैं। इन्हें लगाकर सूखने दें फिर हल्के हाथों की मदद से पानी से धो कर पोंछ लें और अच्छी गुणवत्ता वाला माइश्चराइज़र लगाएं। सप्ताह में दो बार इस तरह के पैक लगाये जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हाथों की त्वचा पर नींबू का रस और ग्लिसरीन बराबर मात्रा में मिलाकर हाथों पर अप्लाई किया जा सकता है और रात भर छोड़ा जा सकता है। इसे ड्राई स्किन वाले लोग चेहरे पर भी लगा सकते हैं लेकिन इसे आँखों के संपर्क में न आनें दें। इस प्रक्रिया को करने से पहले अच्छों को अच्छी तरह से धो कर पोंछ लें। नींबू के रस ग्लिसरीन का यह घोल बनाकर डब्बे में बंद करके फ्रिज में स्टोर करके भी रखा जा सकता है।

सुश्री चौधरी ने कहा कि इसके अलावा निम्न बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। अपने मास्क को नियमानुसार धोएं। दिन भर बाहर रहने पर चेहरे पर लगे मास्क में प्रदूषण, धूल आदि लगी होती है जो त्वचा के संपर्क में आकर नुकसान पहुंचा सकती है। एक से अधिक मास्क घर पर लाकर रखें जो धोये जा सकें, और नियम से धुले हुए मास्क लगाकर रखें, साथ ही एक व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किया गया मास्क अन्य व्यक्ति न लगाए, घर के हर सदस्य का अपने मास्क का सेट होना चाहिए। बहुत टाइट या बहुत ढीला मास्क न पहनें. क्योंकि टाइट मास्क से त्वचा का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है और निशान पड़ सकते हैं और बहुत ढीला पहनने से कवरिंग सही नहीं हो सकती। केवल अच्छी गुणवत्ता के मास्क ही इस्तेमाल करें।

उन्होंने कहा कि सेनीटाइज़र के साथ यदि साबुन या लिक्विड सोप का विकल्प मौजूद हो तो उससे हाथ धोना तुलनात्मक रूप से उचित है क्योंकि कोविड से सावधानी के नियमों के अनुसार संक्रमण से बचाव यह प्रक्रिया भी करती है, और साफ़ पानी से धुलने के बाद साबुन के हाथ पर ठहरने की सम्भावना भी नहीं होती, और उसके बाद माश्चराइजर लगाया जा सकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में जन-जीवन सामान्य कर,काम धंधे चालू होने के लिए मई अंत तक सभी जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी शून्य करने के दिए निर्देश attacknews.in

भोपाल, 21 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस माह के अंत तक प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी शून्य करना है, जिससे अगले माह से प्रदेश में जन-जीवन सामान्य कर सकें तथा काम धंधे चालू हो सकें।

श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एग्रेसिव टेस्टिंग करें। कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग करें तथा माइक्रो कंटनमेंट जोन बनाएं। कोरोना के एक-एक मरीज को ढूंढ़ निकालें, उसका इलाज करें तथा कोरोना संक्रमण को पूरी तरत समाप्त करें।

कोरोना मुक्ति के लिए आक्रमक टेस्टिंग रणनीति अपनाई जाये-शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति, कांटेक्ट ट्रेसिंग‍ और माइक्रो कंटेंनमेंट जोन बना कर प्रदेश में शेष रहे कोरोना प्रकरणों को जल्द समाप्त करना होगा। जहाँ आवश्यक हो, वहाँ एरिया स्पेसिफिक रणनीति लागू की जाये।

श्री चौहान ने भोपाल संभाग की कोविड-19 की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त बनाने के लिए क्राइसेस मेनेंजमेंट ग्रुप के सभी सदस्य और शासकीय अमला पूरी सजगता और सचेत होकर इस दिशा में कार्य करें। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी आवश्यक उपाय किये जायें और कोरोना संभावित व्यक्तियों को चिन्हित करने के लिए किल कोराना अभियान में घर-घर सर्वे का कार्य निरंतर जारी रहे। प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दवा दी जाये और उनकी स्थिति पर नजर रखा जाये।

ग्राम स्तर पर पंचायत प्रतिनिधि कोरोना युद्ध के सेनापति होंगे: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के विरुद्ध विकट युद्ध जारी है। ग्राम स्तर तक पहुँच चुका यह युद्ध पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग के बिना नहीं जीता जा सकता है। इस युद्ध में पंचायत प्रतिनिधि ही अपने-अपने क्षेत्र के सेनापति हैं। सभी को कोरोना कर्फ्यू, किल-कोरोना अभियान, टेस्टिंग, मेडिकल किट वितरण और टीकाकरण में हर संभव सहयोग करते हुए अपने गाँव और प्रदेश को 31 मई तक कोरोना मुक्त करने का लक्ष्य रख कर कार्य करना होगा।

श्री चौहान ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को कोविड-19 के नियंत्रण की रणनीति के संबंध में निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग द्वारा संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। कल 78 हजार 268 टेस्ट हुए, जिसमें 4 हजार 384 व्यक्ति ही पॉजिटिव आए हैं। एक्टिव प्रकरणों की संख्या लगातार घट रही है। कल यह संख्या 4 हजार 300 थी, जबकि 9 हजार 405 व्यक्ति स्वस्थ हुए। प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 5.6 प्रतिशत हो गई है। हमें यह ध्यान रखना है कि यह लड़ाई लम्बी है अत: लापरवाह होने का समय नहीं है। हमारा प्रदेश कठिन दौर से गुजरा है। कोरोना के प्रकोप से अस्पताल भरे थे, ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी। रेमडेसिविर इंजेक्शन का अभाव था। लगातार प्रयासों से व्यवस्थाएँ स्थापित हुई हैं। यदि लापरवाही बरती तो प्रदेश फिर कोरोना के दुष्चक्र में फँस जायेगा।

मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के आदेश जारी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में ऐसे बच्चों को आर्थिक, खाद्य एवं शिक्षा सहायता देने का निर्णय लिया है, जिनके माता-पिता की कोविड-19 से आकस्मिक मृत्यु हो गई है। ऐसे सभी बच्चों के लिये राज्य शासन ने मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल-कल्याण योजना के आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से योजना को प्रदेश में लागू कर दिया है।

महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना के उद्देश्य एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। योजना में परिवार से अभिप्राय पति-पत्नी और उन पर आश्रित बच्चों से है। बाल हितग्राही से अभिप्राय है ऐसे बालक, बालिका जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे कम है, परंतु स्नातक में अध्ययनरत रहने की स्थिति में, 24 वर्ष या स्नातक पाठ्यक्रम की निर्धारित अवधि तक इनमें से जो भी कम हो और जिनके माता-पिता की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता का निधन पूर्व में हो गया था तथा उनके वैध अभिभावक की कोविड-19 से मृत्यु हुई हो या माता-पिता में से किसी एक का पूर्व में निधन हो चुका है तथा अब दूसरे की कोविड -19 से मृत्यु हुई है। कोविड-19 से मृत्यु” का अभिप्राय ऐसी किसी भी मृत्यु से है, जो 1 मार्च, 2021 से 30 जून, 2021 तक की अवधि में हुई। 18 वर्ष से कम आयु के बाल हितग्राही के मामले में संरक्षक का चिन्हांकन योजना के अंतर्गत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।