नयी दिल्ली, 28 सितंबर । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को अल-कायदा के संदिग्ध आतंकी समीम अंसारी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया।
एनआईए अधिकारियों के अनुसार मुर्शिदाबाद के जलंगी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले नंदपारा कालीगंज निवासी समीम अंसारी को मुर्शिदाबाद न्यायिक अधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पेश किया गया और उसको ट्रांजिट रिमांड पर ले लिया गया है।
इसके बाद अब उसे दिल्ली में एनआईए की विशेष अदालत के सामने पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि एनआईए ने केरल के एर्नाकुलम जिले तथा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न जगहों से 19 सितंबर को अल कायदा के नौ संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी समीम अलकायदा मॉड्यूल का 10वां आतंकी है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों का संपर्क पाकिस्तान से है और इनकी नयी दिल्ली समेत देश के कई सरकारी संस्थानों को निशाना बनाने की योजना थी। उनसे कई विस्फोटक उपकरण और जिहादी साहित्य बरामद किये गये थे।
एनआईए को मिली अल-कायदा आतंकवादी के पास से लेथ मशीन
मुर्शिदाबाद से खबर है कि, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का मानना है कि गिरफ्तार किया गया आतंकवादी अबू सूफिया मुल्ला अल-कायदा के भारत मॉड्यूल का मास्टरमाइंड था।
एजेंसी के अनुसार अबू के घर में एक बंकर और एक गुप्त कमरा था जहां एक लेथ मशीन भी बरामद हुई है जो संभवत: हथियार बनाने के काम आती थी।
एनआईए ने गत रविवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के रानीनगर इलाके से अबू (44) समेत छह आतंकवादियों को पकड़ा था।अबू के घर में सीमेंट का एक बंकर बना हुआ था जिसमें से हथियार भी बरामद किए गए थे।
एनआईए के अधिकारियों के मुताबिक अबू के घर में मिले बंकर में कई टन विस्फाेटक और गोला बारूद रखा जा सकता था।
एनआईए ने कारपेंटर का काम करने वाले अबू के घर से अब एक लेथ मशीन बरामद की है। एजेंसी ने जब अबू के घर पर छापेमारी की थी तब वह दीवार कूदकर भागने की कोशिश कर रहा था।
अबू के घर से बरामद हुई बुलेट प्रूफ जैकेट और देसी पिस्तौलें संभवत: उसी लेथ मशीन से बनाई गयी थीं। एनआईए वहां से बरामद किए गए हथियारों की जांच कर रही है।
गिरफ्तार किए गए अलकायदा के छह आतंकवादियों को अदालत के आदेश के बाद हिरासत में भेजा गया जिसके बाद उन्हें लेकर एनआईए की टीम नयी दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय आई और तीन अन्य लोगों के साथ पूछताछ भी की।
एनआईए प्रवर्तन निदेशालय की मदद से गिरफ्तार किए गए संदिग्धों को मिलने वाली आर्थिक मदद की भी जांच कर रही है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए अल मैमून कमाल एक मदरसा चलाकर इन आतंकवादियों के लिए धन एकत्र करता था।