नयी दिल्ली 25 अप्रैल । देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयासों में सरकार ने देशभर में 551 प्रेशर स्विंग एबजोर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन जेनेरेशन संयंत्र लगाने की आज घोषणा की जिसके लिए पीएम केयर्स से धनराशि आवंटित की जाएगी।
सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्देश दिया है कि ये संयंत्र शीघ्रातिशीघ्र बना कर परिचालित किये जायें तथा इनके माध्यम से देश के हर जिले में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बहुत बल मिले।
इन संयंत्रों की खरीद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी और फिर इन्हें विभिन्न राज्यों में जिला मुख्यालयों में स्थित चिह्नित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा।
पीएम केयर्स कोष ने इसी साल पहले भी 162 अतिरिक्त पीएसए मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 201.58 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में रविवार को कहा कि पीएम केयर्स कोष ने इन संयंत्रों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इन संयंत्रों को जल्द से जल्द क्रियान्वित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता को बल मिलेगा।
इन संयंत्रों की स्थापना विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के जिला मुख्यालयों में चिह्नित अस्पतालों में की जाएगी और केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय यह काम करेगा।
पीएम केयर्स कोष से इससे पहले से देश के विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य केंद्रों में 162 पीएसए चिकित्सीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
ताजा मंजूरी के साथ ही देश भर के सभी जिला मुख्यालयों में जहां-जहां सरकारी अस्पताल हैं, में अब ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमओ का बयान साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए देश के हर जिले में ऑक्सीजन संयंत्र…एक महत्वपूर्ण निर्णय जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को मजबूती प्रदान करेगा और देश भर के लोगों की मदद करेगा।’’
बयान में कहा गया, ‘‘जिला मुख्यालयों के सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि इनमें से प्रत्येक अस्पतालों में कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बनी रहे।’’
बयान के मुताबिक इस तरह से अपने स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन सुविधा से इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
बयान में कहा गया, ‘‘इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) कैप्टिव ऑक्सीजन उत्पादन के ‘टॉप अप’ के रूप में काम करेगा। इस तरह की प्रणाली यह सुनिश्चित कर सकेगी कि जिले के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान न उत्पन्न हो सके और कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंद मरीजों के लिए निर्बाध रूप से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके।’’
उल्लेखनीय है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था।