मुरैना, 08 मई । सरसों (पीला सोना) की खेती के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में सरसों की पैदावार इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में पच्चीस फीसदी अधिक होने के बाद भी शुद्ध सरसों तेल की कीमत आसमान पर है।
चंबल संभाग का मुरैना जिला सरसों की पैदावार के लिये देश-विदेश में अपनी अलग ही पहचान के लिये जाना जाता है।
लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार इसके तेल की कीमत दोगुने कीमत पर है।
इसके तेल की मांग देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी रहती है।
इसलिये पिछले वर्ष कोरोना महामारी के दौरान इसके तेल की कीमत 80 से लेकर 85 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी।
वहीं इस वर्ष इसकी कीमत बढ़कर 185 रुपये प्रति किलोग्राम पर है।
जानकारी के अनुसार तेल की कीमतें बढ़ने के पीछे का कारण यह है कि इस बार किसानों ने अपनी सरसों व्यापारियों को न बेचते हुए घर में ही स्टॉक कर रखी है, जिससे वे कोरोना महामारी जैसी आपदा में आगे चलकर इसे ऊंचे भाव पर बेच सकें।
इसी कारण इसके तेल के भाव आसमान पर जा पहुंचे हैं।
एक तेल मिल संचालक ने यहां बताया कि किसान अपनी सरसों को बेचने बाजार नहीं ला रहे हैं।
फिर भी कुछ तेल व्यवसाइयों द्वारा मिलावटी तेल को शुद्ध सरसों के तेल के नाम पर उपभोक्ताओं को ऊंचे भाव पर खुले तौर पर बेचा जा रहा है।