मुंबई/पुणे/नागपुर 03 जनवरी । भीमा कोरेगांव में विजय पर्व के समय सोमवार को एक दलित की मौत के बाद कुछ दलित संगठनों के महाराष्ट्र बंद के आह्वान के कारण मुंबई समेत राज्य के अन्य जिलों में आज जनजीवन प्रभावित हुआ।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की जीवन रेखा लोकल ट्रेन को विरार, मालाड, गोरेगांव और ठाणे में कुछ समय के लिए रोक दिया गया जिससे लोगों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ा।
मुंबई के कार्यालयों में लाखों लोगों को खाना पहुंचाने वाले डिब्बा वाले ने आज अपने सेवाएं बंद रखी।
महाराष्ट्र में फैली जातीय हिंसा के बाद प्रकाश आंबेडकर ने बंद वापस ले लिया है। इस दौरान जगह-जगह लोगों ने तोड़फोड़ की। गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए गए। लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। भीमा कोरेगांव में दलितों और मराठियों के बीच हिंसा फैल गई थी। 200 साल पुराने युद्ध की सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर तनाव उत्पन्न हो गया था।
प्रदर्शनकारियों ने कलानगर इलाके (बांद्रा), धारावी, कामराज नगर, संतोष नगर, डिंडोशी और हनुमान नगर में ‘बेस्ट’ की 13 बसों में तोड़फोड़ की। मुंबई में घाटकोपर स्टेशन पर आज सुबह दलित कार्यकर्ताओं ने उपनगरीय रेल सेवा को बाधित किया। मध्य रेलवे की छत्रपति शाहुजी महाराज टर्मिनस की तरफ जाने वाली मुख्य लाइन पर रेल सेवा प्रभावित रहीं जिससे ऑफिस जाने वाले हजारों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच दिल्ली में महाराष्ट्र सदन की सुरक्षा बढ़ाई गई। उधर, ठाणे म्यूनिसिपल ट्रांसपोर्ट की दो बसों और एक ऑटो रिक्शा में कोलीवाडा एरिया में तोड़फोड़ की गई। इसमें चार यात्री घायल हो गए। घाटकोपर मेट्रो स्टेशन और असालफा के बीच प्रदर्शनकारियों ने मेट्रो सर्विस रोक दी है।
महाराष्ट्र के पुणे में दो दिन पहले हुई हिंसा और उसके बाद अलग अलग इलाकों में हुये विरोध प्रदर्शनों के बाद आज बुलाये गये बंद के दौरान सरकारी परिवहन की बसों पर पथराव की छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो स्थिति सामान्य रही। बंद की वजह से कई स्कूलों तथा बाजारों को आज बंद रखा गया ।
राज्य में दलित नेताओं के बंद के आह्वान के बीच आज मुंबई में एक बार फिर बसों को निशाना बनाया गया। दलित नेता भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं सालगिरह के दौरान भड़की हिंसा का विरोध कर रहे थे।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की आपदा प्रबंधन इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कलानगर इलाके (बांद्रा), धारावी, कामराज नगर, संतोष नगर, डिंडोशी और हनुमान नगर में ‘बेस्ट’ की 13 बसों में तोड़फोड़ की। पूर्वी उपनगरों में कल प्रदर्शनों के कारण शहर में सड़क यातायात बाधित रहा।
मुंबई में घाटकोपर स्टेशन पर आज सुबह दलित कार्यकर्ताओं ने उपनगरीय रेल सेवा को बाधित किया। मध्य रेलवे की छत्रपति शाहुजी महाराज टर्मिनस की तरफ जाने वाली मुख्य लाइन पर रेल सेवा प्रभावित रहीं जिससे ऑफिस जाने वाले हजारों यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बंद को देखते हुये रेलवे ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये।
मुंबई में मशहूर डिब्बेवालों ने भी आज अपनी सेवाएं ना देने का फैसला किया ।
बीएमसी की आपदा प्रबंधन इकाई के वरिष्ठ अधिकारी महेश नार्वेकर ने पहले कहा था कि बेस्ट की बसें कांदिवली-अकुरली, डिन्डोशी-हनुमान नगर, चांदिवली-संघर्ष नगर, खैरानी रोड-साकीनाका, सहर कार्गो, मुलुंड चेक नाका और जीजामाता नगर समेत कुछ संवेदनशील मार्गों पर नहीं चलीी ।
स्कूल बस मालिक संघ (एसबीओए) के अध्यक्ष अनिल गर्ग ने कहा, ‘‘सुरक्षा कारणों से आज राज्य में हमारी 99 फीसदी बसें सड़कें पर नहीं उतरी। केवल एक या दो प्रतिशत बसें सड़कों पर चलाई गई । हमने आज सुबह स्कूल बसें ना चलाने का फैसला लिया और अगर परिस्थितियां ठीक रही तो हम दूसरी पाली में बसें चलाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति हमारे नियंत्रण में नहीं है, ऐसे में हम जोखिम नहीं उठा सकते।’’ राज्य में एसबीओए की करीब 40,000 स्कूल बसें हैं।
गर्ग ने यह भी दावा कि मुंबई में आज प्रदर्शनकारियों ने कुछ स्कूल बसों को भी नुकसान पहुंचाया लेकिन पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है।
बहरहाल, सरकार ने स्कूलों में छुट्टी घोषित नहीं की है लेकिन कई अभिभावकों ने खुद बच्चों को स्कूल नहीं भेजा।
हिंसा पर कांग्रेस का वॉकआउट-
महाराष्ट्र के पुणे स्थित भीमा-कोरेगाँव में हुई हिंसा पर कांग्रेस ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की माँग को लेकर आज जोरदार हंगामा किया तथा उनकी माँग स्वीकार नहीं किये जाने पर सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्ष के हंगामे के बीच पहले 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने के बाद दोपहर बाद 12.45 बजे जब कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तो कांग्रेस सदस्यों ने फिर शोर-शराबा शुरू कर दिया।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा “मैं प्रधानमंत्री से जवाब चाहता हूँ।
जातीय हिंसा में सुलगा महाराष्ट्र-
दो सौ साल पुरानी जंग की वर्षगांठ पर भड़की हिंसा की वजह से महाराष्ट्र एक बार फिर जातिगत तनाव के मुहाने पर खड़ा है। राज्य सरकार द्वारा दलितों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा रोकने में विफल रहने पर आज एक राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया ।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि दलित प्रदर्शनकारियों ने आज सुबह ठाणे रेलवे स्टेशन पर ट्रकों को रोकने की कोशिश की लेकिन उन्हें जल्द ही खदेड़ दिया गया तथा मध्य रेलवे लाइन पर यातायात बाधारहित है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने गोरेगांव उपनगर में पश्चिमी लाइन पर रेल यातायात भी बाधित करने की कोशिश की।
दक्षिण मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में आज 11वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी ।
प्रकाश अंबेडकर का बयान-
भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) के नेता और डॉ. बी आर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने दो दिन पहले पुणे जिले के भीमा कोरेगांव गांव में हिंसा रोकने में राज्य सरकार की ‘‘विफलता’’ के विरोध में आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया था ।
अंबेडकर ने इस हिंसा के लिए हिंदू एकता अघाड़ी को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र लेफ्ट फ्रंट और करीब 250 अन्य संगठनों ने बंद का समर्थन किया ।attacknews.in
बहरहाल, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि उसने स्कूलों में छुट्टी घोषित नहीं की ।
स्कूल बस मालिकों के संघ के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम छात्रों की सुरक्षा का जोखिम नहीं उठा सकते। अगर हम दूसरी पारी में बस चला सकते हैं तो इस पर स्थिति देखने के बाद फैसला लेंगे।’’
जिग्नेश मेवाणी ने कहा-
गुजरात से विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले पुणे जिले में दलितों पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थकों ने हमले किए थे। मेवाणी कल मुंबई में थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ये संगठन आधुनिक युग के पेशवा हैं जो सबसे खराब रूप में ब्राह्मणवाद का प्रतिनिधित्व करते हैं। दो सौ साल पहले हमारे पूर्वज पेशवा के खिलाफ लड़े। आज मेरी पीढ़ी के दलित नए पेशवा के खिलाफ लड़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दलित शांतिपूर्ण रूप से भीमा कोरेगांव युद्ध की वर्षगांठ क्यों नहीं मना सकते? हमलावरों ने ऐसे तरीके अपनाए क्योंकि वे दलित आह्वान से भयभीत हैं।’’attacknews.in
पुलिस ने कहा-
पुणे पुलिस ने कल रात कहा कि उन्हें मेवाणी और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ शिकायत मिली है। ऐसा आरोप है कि उन्होंने 31 दिसंबर को पुणे में एक कार्यक्रम में ‘‘भड़काऊ’’ भाषण दिया।
मेवाणी और खालिद पुणे के शनिवार वाड़ा में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह मनाने के लिए आयोजित ‘‘एल्गर परिषद’’ में शामिल हुए।
कैसे भड़़की हिंसा-
पुणे जिले में उस समय हिंसा भड़क उठी जब दलित संगठन भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह मना रहे थे। इस युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हरा दिया था।
दलित नेता ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उस समय अछूत माने जाने वाले महार समुदाय के सैनिक कंपनी की सेना का हिस्सा थे। पेशवा ब्राह्मण थे और इस लड़ाई को दलित की जीत का प्रतीक माना जाता है।attacknewe.in