श्रीनगर 25 मई। जम्मू कश्मीर पहुंचे सेना प्रमुख बिपिन रावत ने आज कहा कि हम लोग सीमा पर शांति चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान लगातार युद्ध विराम का उल्लंघन कर रहा है.
सेना प्रमुख ने मेजर लितुल गोगोई के संबंध में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में कोई भी व्यक्ति किसी भी रैंक पर हो, अगर वह गलत करता है और यह हमारे ध्यान में आत है हम उसके खिलाफ कठोर कदम उठाते हैं. अगर मेजर गोगोई ने कुछ गलत किया होगा तो हमलोग उन्हें सजा देंगे और सजा ऐसी होगी जो एक उदाहरण बन सके.
मेजर लितुल गोगोई को श्रीनगर में पुलिस ने एक होटल के बाहर हिरासत में लिया था।
If anyone in Indian Army, at any rank, does any wrong & it comes to our notice then strictest action will be taken. If Major Gogoi has done something wrong then I can say that he will be given due punishment & the punishment will be such that it will set an example: Army Chief pic.twitter.com/vO2hdeqilx — ANI (@ANI) May 25, 2018
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से युद्ध विराम का उल्लंघन किये जाने से लोगों की जान जा रही है और संपत्ति को नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि हम ऐसे मामलों मेें पलटवार करते हैं.
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान शांति चाहता है तो हमलोग उसकी ओर से पहल की उम्मीद करेंगे. इसके लिए पहले उसे अपनी ओर से होने वाली घुसपैठ को रोकना होगा.
सेना प्रमुख ने कहा कि हमलोगों ने आमलोगों के लिए माहौल बनाने के लिए ऑपरेशन को रोका. हमें लगता है कि इससे लोग खुश हुए, हम चाहते हैं कि यह समान तरीके से चले. ताकि हम संघर्ष को रोक सकें, लेकिन अगर आतंकी गतिविधियां नहीं रुकेंगी तो हमारे लिए यह संभव नहीं है.
सेना प्रमुख ने कहा आतंकी गतिविधियों में सीजफायर को फॉलो करना मुश्किल
सेना प्रमुख जनरल रावत शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में थे और वह यहां पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे।
जनरल रावत ने यहां पर आतंकियों को कड़ा संदेश दिया और साथ ही साथ घाटी में जारी युद्धविराम की स्थिति पर भी कड़ा रुख अख्तियार किया।
जनरल रावत ने यहां पर कहा कि आतंकी गतिविधियों के जारी रहने की स्थिति में सीजफायर जैसे निर्देश का पालन नहीं किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते केंद्र सरकार की ओर से सेना और सुरक्षाबलों को घाटी में रमजान माह के दौरान सभी तरह के ऑपरेशन सस्पेंड करने का निर्देश दिया था।
शांति से खुश हैं घाटी के लोग
आर्मी चीफ जनरल रावत ने श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमने सभी ऑपरेशंस को इसलिए सस्पेंड किया था ताकि लोगों को शांति का माहौल नजर आए। मुझे लगता है कि लोग इससे खुश हैं। लेकिन अगर चीजें इसी तरह से जारी रहीं तो फिर सेना निको यानी नॉन-इनीशिएशन ऑफ कॉम्बेट ऑपरेशंस के बारे में भी सोच सकती है।’
उन्होंने आगे कहा कि अगर आतंकी गतिविधियां जारी रहीं तो फिर सेना ऐसा नहीं कर सकती है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार की उस रिक्वेस्ट को मान लिया है जिसमें रमजान माह के दौरान सुरक्षाबलों से ऑपरेशन रोकने की बात कही गई थी।
केंद्र सरकार ने मानी महबूबा की रिक्वेस्ट
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से बताया गया है कि सरकार ने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बात को मानते हुए रमजान माह में युद्धविराम की रिक्वेस्ट मान ली है।
गृह मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षाबलों को आदेश दिया गया है कि जम्मू कश्मीर में रमजान के पवित्र माह में कोई ऑपरेशन लॉन्च न करें। बयान में आगे कहा गया है कि सेना और सुरक्षाबलों के पास यह अधिकार है कि हमले के समय लोगों की जान बचाने के लिए आतंकियों को उन्हीं के अंदाज में जवाब दे सकती हैं।
साल 2000 में हुआ था सीजफायर
आखिरी बार केंद्र सररकार ने सुरक्षाबलों को रामजान माह में सीजफायर का आदेश साल 2000 में दिया था और उस समय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार केंद्र में थी। घाटी में उस समय जब सुरक्षाबलों ने सीजफायर किया तो उससे पहले आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन की ओर से भी सीजफायर का ऐलान किया था। महबूबा ने हालांकि अमरनाथ यात्रा के लिए भी सीजफायर की मांग की है। यह भी दिलचस्प बात है कि बीजेपी ने महबूबा के इस बयान से उस समय खुद को अलग कर लिया था।attacknews.in