नयी दिल्ली , 19 अप्रैल । केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामलों में जांच को बाधित करने वालों या , ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों के साथ सांठगांठ करने वाले पुलिस अधिकारियों पर राज्यों से सख्त कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने इस तरह के मामलों की समयबद्ध जांच पूरी करने की भी आज अपील की।
मेनका ने सुझाव दिया कि सिर्फ यौन अपराधों या बच्चों से यौन अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रकोष्ठ का गठन करना इस तरह के अपराधों पर रोक लगाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है।
उन्होंने राज्यों से यौन अपराधों के विभिन्न पहलुओं पर , खासतौर पर साक्ष्य के संग्रह और संरक्षण से जुड़े पहलुओं पर अपनी – अपनी पुलिस को पुन : प्रशिक्षित करने को भी कहा।
सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के मुख्यमंत्रियों को संबोधित एक पत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने उनसे सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश जारी करने को कहा है कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में कानून की समय सीमा के मुताबिक जांच पूरी किए जाने को अत्यधिक प्राथमिकता दी जाए।
जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय एक बच्ची से बलात्कार और हत्या तथा उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक अन्य नाबालिग लड़की से बलात्कार की घटना के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रोष के बीच यह पत्र जारी किया गया।
उन्होंने पत्र में कहा , ‘‘ राज्य सरकारों को अवश्य ही उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए , जो जांच में बाधा डालते या ऐसे मामलों को अंजाम देने वालों के साथ सांठगांठ करते पाए जाएंगे। ’’
उन्होंने सुझाव दिया कि सिर्फ यौन अपराधों या बच्चों से यौन अपराधों के खिलाफ एक विशेष प्रकोष्ठ का गठन करना इस दिशा में एक अहम कदम होगा।
मंत्री ने फोरेंसिक प्रयोगशालाएं खोलने में राज्य सरकारों की मदद करने की भी पेशकश की।
उन्होंने राज्यों को यौन अपराधों से बाल संरक्षण ( पोक्सो ) अधिनियम के तहत ‘ ई बॉक्स सेट अप ’ का इस्तेमाल करते हुए बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करने करने का भी अनुरोध किया।
अपने पत्र में मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया है कि हिंसा प्रभावित महिलाओं के लिए अब तक 175 वन स्टॉप सेंटर स्थापित किए गए हैं। यह उन महिलाओं की मदद के लिए खोले जा रहे हैं , जो संकट की स्थिति में पुलिस या मेडिकल सुविधा तक नहीं पहुंच पाती हैं।
पत्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि पोक्सो अधिनयिम की धारा 21 उन सभी मामलों में लागू होगी , जहां रिपोर्ट या रिकार्ड करने में नाकामी का जिक्र होगा।
मंत्री ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के तरीकों पर भी राज्य सरकारों से सुझाव मांगें हैं।attacknews.in