नयी दिल्ली, 29 नवम्बर ।मलयाली प्रख्यात लेखक अक्कितम अच्युतन नम्बूदिरी को 55वां ज्ञानपीठ पुरस्कार को दिए जाने की घोषणा की गयी है।
भारतीय ज्ञानपीठ की प्रवर समिति की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में मलयालम भाषा के शीर्ष कवि साहित्यकार को यह पुरस्कार दिए जाने का निर्णय लिया गया। पुरस्कार में 11 लाख रुपये, वाग्देवी की प्रतिमा प्रशस्ति पत्र एवं एक स्मृति चिह्न शामिल है।
आठ मार्च 1926 को केरल के पलाकड़ जिले के कुमर नल्लुर गाँव में जन्मे श्री अक्कितम को इस पुरस्कार का चयन ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता उडिया लेखिका प्रतिभा राय की अध्यक्षता वाली समिति ने किया।
समिति में प्रो. शमीम हनफी, हरीश त्रिवेदी, सुरंजन दास, चन्द्रकांत पाटिल, असगर वजाहत, माधव कौशिक एवं भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसुदन आनंद आदि शामिल थे।
भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री अक्कितम की बचपन से ही साहित्य, चित्रकला, संगीत और ज्योतिष में अत्यधिक रूचि रही है। कविता, नाटक, उपन्यास और अनुवाद में उनकी 40 से अधिक पुस्तकें छपी हैं। वे सकारत्मक समाजिक परिवर्तन के प्रस्तावक युगद्रष्ट कवि हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, मूर्ति देवी पुरस्कार, कबीर सम्मान, वल्लतोल सम्मान आदि मिल चुका है। उनकी रचनाओं के कई भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषा में अनुवाद हो चुका है।