बड़वानी, खरगोन 12 अप्रैल कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र के कुछ नगरों में लॉकडाउन के मद्देनजर पिछले वर्ष की तरह वहां से आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से मध्यप्रदेश होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के लिये मजदूरों का पलायन आरंभ हो गया है।
महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों का जत्था बसों से मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र सीमा के बिजासन तक कल पहुंचा, लेकिन बसों को मध्यप्रदेश से गुजरने की अनुमति नहीं होने के चलते उन्हें वहीं रुकना पड़ा।
कोरोना संक्रमण के चलते महाराष्ट्र के कुछ नगरों में लॉकडाउन के मद्देनजर पिछले वर्ष की तरह वहां से आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग से मध्यप्रदेश होते हुए उत्तरप्रदेश, बिहार एवं राजस्थान के लिये हजारों की तादाद में मजदूरों का पलायन आरंभ हो गया है। लेकिन वे अपने गृह राज्यों तक पहुंचने की लिए भारी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।
दरअसल बस के जरिए इन मजदूरों को महाराष्ट्र से बिहार या उत्तर प्रदेश जाने के लिए मध्यप्रदेश से गुजरना होगा मगर मध्यप्रदेश की सीमा सील होने के कारण इन्हें बॉर्डर पर ही रुकना पड़ा है। कई मजदूरों के पास राशन भी खत्म हो गया है।
महाराष्ट्र के पुणे क्षेत्र में लॉकडाउन के मद्देनजर मजदूरों का जत्था बसों से मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र सीमा के बिजासन तक कल पहुंचा, लेकिन बसों को मध्यप्रदेश से गुजरने की अनुमति नहीं होने के चलते उन्हें वहीं रुकना पड़ा।
महाराष्ट्र के पुणे में वैल्डिंग का काम करने वाले फरीद ने बताया कि लॉकडाउन के चलते रोजगार नहीं होने पर वे अपने 17 साथियों के साथ उत्तरप्रदेश के बाराबांकी लौट रहे हैं।
एक अन्य मजदूर ने बताया कि वे पूना से अपने साथियों के साथ बस से मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर आकर सुबह से खड़े हैं, लेकिन उन्हें आगे जाने का साधन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनके पास राशन समाप्त हो गया था और मदद नहीं मिलने के चलते वह उत्तरप्रदेश वापस लौट रहे हैं।
बड़वानी से खबर है कि;देशभर के साथ महाराष्ट्र में कोरोना कहर बरपा रहा है. इस संक्रमण के प्रकोप के चलते एक बार फिर उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान के प्रवासी मजदूर मुश्किल में नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में लॉकडाउन के काराण मजदूर घर के लिए निकल पड़े हैं।
महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश के लिए यात्री बसें प्रतिबंधित होने और ट्रेने फुल चलने से परेशान मजबूर मजदूर दमघोटू वाहनों में ठूंस-ठूंसकर जानवरों की तरह घर जाने को मजबूर हैं.
मजदूरों को डर है कि पिछले वर्ष की तरह ही लंबा लॉकडाउन लग जाएगा और सेंधवा स्थित मप्र-महाराष्ट्र सीमा सील हो जाए तो वे वहीं फंस जाएंगे. यही वजह है कि कोई ऑटो तो कोई बाइक से ही हजारों किलोमीटर के सफर पर निकल पड़ा है.
रविवार को कोई ऑटो से घर के लिए रवाना हुआ तो कोई बाइक से जाते हुए नजर आया. जबकि कुछ मजदूर तो तपती दुपहरी में पैदल ही घर के लिए निकल निकल पड़े हैं।
मुंबई-आगरा हाइवे स्थित सेंधवा बायपास पर पहुंचे मजदूरों का कहना है वह बस से मप्र की बॉर्डर तक आ गए हैं, लेकिन यहां से बस को आगे नहीं जाने दिया जा रहा. अब वह आगे कैसे जाएंगे इस बात को लेकर परेशानी है. मजदूरों ने मांग की है कि सरकार बॉर्डर खोल दे, ताकि वह अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें।
इधर इंदौर के एबी रोड बायपास पर दर्जनों ऑटो रिक्शा दिख रहे हैं. जब ऑटो में सवार लोगों से पूछा गया कि कहा जा रहे हो ? इस सवाल पर लोगों का कहना था कि वह महाराष्ट्र के मुंबई, वसई, पुणे, नवी मुंबई, ठाणे और विरार से लौटकर अपने घर जा रहे हैं।
मजदूरों का कहना है कि महाराष्ट्र में कोरोना तेजी से फैल रहा है. सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. लिहाजा काम-धंधा नहीं होने और लंबे लॉकडाउन के डर से उन्होंने एक बार फिर अपने घर का रुख कर लिया है.
महाराष्ट्र में कोरोना बेकाबू
महाराष्ट्र और मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. रोज 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. शनिवार को महाराष्ट्र में 55,441 नए केस सामने आए और 309 लोगों की मौत हो गई वहीं मुंबई में शनिवार को कोरोना के 9327 नए मरीज मिले हैं, और 50 लोगों की मौत हुई. इसके पहले 24 अक्टूबर को मुंबई में 50 लोगों की मौत हुई थी और उस समय मरीजों की संख्या 1257 थी।