लखनऊ/भोपाल 21 जुलाई । मात्र 12 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ने वाले लालजी टंडन के जीवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का खास स्थान रहा है। करीब छह दशक के राजनीतिक करियर में उन्होने कई मौकाें पर सार्वजनिक रूप से श्री वाजपेयी को कभी पिता तो कभी भाई या साथी की संज्ञा से नवाजा।
मध्यप्रदेश के 85 वर्षीय राज्यपाल श्री टंडन का मंगलवार तड़के 0535 बजे उत्तर प्रदेश में अपने गृहनगर लखनऊ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कद्दावर नेता रहे श्री टंडन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह लखनऊ में समाज के हर वर्ग में पंसद किये जाते रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के बीच भी वह खासे लोकप्रिय रहे वहीं विपक्षी दल भी उनका सम्मान करते थे। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती लंबे समय तक उन्हे राखी बांधती रही। श्री टंडन उन्हे अपनी मुंहबोली बहन कहते थे। उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ बनी भाजपा की सरकार में श्री टंडन की भूमिका अहम रही थी।
श्री टंडन की पहचान लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उत्तराधिकारी के तौर पर भी मानी गयी। श्री टंडन को राजनीति में लाने का श्रेय श्री वाजपेयी को जाता है। वर्ष 1960 में उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुयी। वह कई बार सार्वजनिक रूप से श्री वाजपेयी को अपना सखा,पिता और भाई कहते रहे है।
भाजपा के दिवंगत नेता 1978 से 1984 तक और फिर 1990 से 96 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे जबकि 1991 में उन्हे मंत्री पद मिला । वर्ष 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार विधायक का चुनाव जीते वहीं 1997 में वह नगर विकास मंत्री रहे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में अस्वस्थता के चलते जब उन्हे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्थान पर लखनऊ संसदीय सीट का टिकट मिला तो वह सबसे पहले श्री वाजपेयी से आर्शीवाद लेने दिल्ली गये और लौट कर कहा कि वह अटल की खड़ांऊ लेकर आये है और उन्ही के आशीष से चुनाव लड़ेंगे।
अटल की तरह श्री टंडन को भी लखनऊ की जनता से सर आंखों पर बैठाया और वह भारी बहुमत से विजयी हुये। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा ने हालांकि उनकी बजाय मौजूदा रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पर भरोसा किया और बुजुर्ग नेता का उचित सम्मान देते हुये 21 अगस्त 2018 को बिहार के राज्यपाल बनाया गया जबकि 20 जुलाई 2019 को उन्हे मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
अपने राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव देखने वाले श्री टंडन के लिये 2004 का साल विषम परिस्थितियां लेकर आया जब लोकसभा चुनाव के दौरान अपने जन्मदिन के मौके पर वह महिलाओं को साड़ी बांट रहे थे कि अचानक भगदड़ मच गई और इस घटना में 21 महिलाओं की मौत हो गई। महिलाओं की मौत के मामले ने विरोधियों ने इसका आरोप श्री टंडन पर मढ़ दिया। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी और उन्हे चुनाव आयोग का भी सामना करना पड़ा था।
चुनाव के दौरान हुयी इस घटना से खफा चुनाव आयोग ने भाजपा को पार्टी की मान्यता रद्द करने की भी चेतावनी दे दी थी हालांकि मामला कुछ दिनों में शांत हो गया और कुछ समय बाद श्री टंडन भी इन आरोपों से मुक्त हो गए और उनका सफर फिर शुरू हुआ।
श्री टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में लखनऊ में हुआ था। उन्होंने स्नातक कालीचरण डिग्री कॉलेज लखनऊ से किया। उनका विवाह 26 फरवरी 1958 में कृष्णा टंडन के साथ हुआ। श्री टंडन के तीन पुत्रों में एक गोपालजी टंडन योगी सरकार में मंत्री हैं।
अयोध्या में मंदिर बनते नहीं देख सके टंडन
मघ्यप्रदेश के राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी के नेता लालजी टंडन का आज यहां निधन हो जाने से अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनते देखने की उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी ।
उत्तर प्रदेश में जब श्री कल्याण सिंह की सरकार थी तब श्री टंडन नगर विकास मंत्री के साथ अयोध्या मामले के प्रभारी भी थे । वो चाहते थे कि अयोध्या में जल्द भव्य राम मंदिर बने । राम मंदिर के लिये भूमि पूजन आगामी पांच अगस्त को प्रस्तावित है लिहाजा उनकी अंतिम इच्छा पूरी नहीं हो सकी ।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का तड़के हुआ था निधन:
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे।
मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ राकेश कपूर ने बताया, ‘ टंडन का सुबह पांच बजकर 35 मिनट पर हृदयगति रूकने से निधन हो गया।’
कपूर ने बताया कि टंडन 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती हुए थे। जांचों में पता लगा कि वह यकृत के रोग से ग्रसित थे। धीरे धीरे उनके गुर्दे और यकृत ने काम करना बंद कर दिया था।
उन्होंने बताया कि टंडन कई दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे और तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
टंडन के पुत्र एवं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ ने भी यह जानकारी दी ।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने टण्डन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
राजभवन के एक प्रवक्ता के मुताबिक राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा, “लालजी टण्डन शालीन, मृदुभाषी एवं जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति थे। उन्हें राजनीति का लम्बा अनुभव था। टण्डन के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘लालजी टंडन के निधन से देश ने एक लोकप्रिय जन नेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है।’
इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि टंडन को सांस लेने में दिक्कत, बुखार और पेशाब संबंधी समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मध्यप्रदेश में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के कारण राज्य में पांच दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार 21 जुलाई से 25 जुलाई तक राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान सरकारी इमारतों पर, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित फहराया जाता है, ध्वज आधा झुका रहेगा। इस अवधि में कोई भी शासकीय और मनोरंजन संबंधी आयोजन नहीं होंगे।
आदेश में कहा गया है कि दिवंगत राज्यपाल के सम्मान में आज राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में अवकाश रहेगा।
मंत्रिमंडल की बैठक लालजी टंडन के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद स्थगित
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को आज यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुयी मंत्रिमंडल की बैठक में श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उनके सम्मान में बैठक स्थगित कर दी गयी।
श्री चौहान ने विधिवत श्री टंडन के निधन की सूचना मंत्रिमंडल में दी और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री चौहान ने श्री टंडन के जीवन से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए और कहा कि श्री टंडन के निधन के कारण प्रदेश में राजकीय शोक घोषित किया गया है। इसके विधिवत आदेश जारी किए जा रहे हैं।
बैठक में दो मिनट का मौन रखा गया और दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह गहन दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना ईश्वर से की गयी। इसके बाद बैठक स्थगित कर दी गयी।
पंचतत्व में विलीन हुये टंडन
मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को लखनऊ में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।
गुलाला घाट पर शाम करीब साढ़े चार बजे श्री टंडन के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके छोटू पुत्र अमित टंडन ने दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के कई सहयोगी मौजूद थे।