भोपाल, 18 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना प्रकरणों में निरंतर गिरावट जारी है। संक्रमण लगातार कम हो रहा है तथा बड़ी संख्या में रोज मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। किल कोरोना अभियान के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में एक-एक मरीज की पहचानकर उसका इलाज किया जा रहा है।
श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अब हम एग्रेसिव स्ट्रेटेजी अपनाकर कोरोना को प्रदेश से शीघ्र समाप्त करें। शहरों एवं ग्रामों में मोबाइल टैस्टिंग यूनिट प्रारंभ करें तथा एग्रेसिव टैस्टिंग की जाए। अधिक से अधिक टैस्ट किए जाए। एक भी मरीज छूटे नहीं यह सुनिश्चित करें। साथ ही वैक्सीनेशन कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जाए।
केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर श्योपुर से वी.सी. में शामिल हुए। उन्होंने मध्यप्रदेश में कोरोना के प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान सहित पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने प्रदेश में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर आदि की उपलब्धता तथा श्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवाओं एवं अधोसंरचना के लिए श्री चौहान को धन्यवाद दिया।
प्रदेश के 4 जिलों में ही अब 200 से अधिक तथा 10 जिलों में 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 1262, भोपाल में 661, जबलपुर में 306, सागर में 201, ग्वालियर में 175, रतलाम में 170, रीवा में 168, उज्जैन में 154, अनूनपुर में 111 तथा शिवपुरी में 105 कोरोना के नए प्रकरण आए हैं।
प्रदेश में 5412 कोरोना के नए प्रकरण आए हैं, 11358 मरीज पिछले 24 घंटों में स्वस्थ हुए हैं। प्रदेश की कोरोना ग्रोथ रेट 1.00 फीसदी है तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी 11 फीसदी है। आज की पॉजिटिविटी 7.8 फीसदी है तथा साप्ताहिक प्रकरण 51486 हैं।
प्रदेश के 9 जिलों में 5 फीसदी से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है, वहीं 25 जिलों में 10 फीसदी से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। गुना, छिंदवाड़ा, भिंड, बड़वानी, बुरहानपुर, अशोकनगर, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा में 5 फीसदी से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है तथा इन जिलों सहित होशंगाबाद, देवास, सतना, रायसेन, बालाघाट, राजगढ़, मंदसौर, विदिशा, मंडला, छतरपुर, टीकमगढ़, मुरैना, हरदा, श्योपुर, आगर-मालवा तथा निवाड़ी में 10 से कम साप्ताहिक पॉजिटिविटी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कम संक्रमण वाले सभी जिलों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में ऐसे बच्चे जिनके माँ-बाप दोनों का निधन हो गया है, उनके लिए बनाई गई योजना का लाभ देना 1-2 दिन में प्रारंभ कर दिया जाए। प्रदेश के 28 जिलों में 155 ऐसे बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें योजना का लाभ दिया जाना है।
श्री चौहान ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले कोरोना वॉलेंटियर्स को सम्मानित किया जाए।
जबलपुर जिले की समीक्षा में बताया गया कि वहां 1925 करोना वॉलेंटियर्स सक्रिय है, जिनके द्वारा लावारिस कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार जैसे विभिन्न सेवा कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण न्यूनतम होने पर झाबुआ एवं खंडवा जिलों को बधाई दी। झाबुआ में साप्ताहिक पॉजिटिविटी 0.8 फीसदी तथा खंडवा में 0.2 फीसदी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यहां कोरोना संक्रमण शून्य करने के सघन प्रयास किए जाएं।
प्रदेश में कोविड के 23 हजार 445 मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से 15 हजार 112 का शासकीय अस्पतालों में, 2396 का अनुबंधित अस्पतालों में तथा 5937 का मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत सम्बद्ध निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में मरीजों के इलाज पर शासन द्वारा आज की स्थिति में 6 करोड़ 10 लाख 19 हजार 628 व्यय हुआ।
प्रदेश में नकली रेमडेसिविर बेचने वालों, कालाबाजारी करने वाले 67 व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा अधिक शुल्क लिए जाने पर अस्पतालों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। कुल 254 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए मरीजों के परिजनों को 97 लाख 29 हजार रूपए की राशि वापस दिलाई गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए एक नकली स्लॉट का मामला भी सामने आया है। उन्होंने इस संबंध में तुरंत जाँच कर दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए।
श्री चौहान ने निर्देश दिए कि जहाँ-जहाँ किसान गेहूँ, चने के उपार्जन से शेष रह गए हैं, उन खरीदी केन्द्रों पर खरीदी चालू रखी जाए।
नर्स अपनी सेवा से मरीजों में नवजीवन का संचार करें-शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवनियुक्त नर्सो से कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय यह पीड़ित मानवता की सेवा का महान अवसर है। आपको ‘सिस्टर’ के धर्म का पूरा निर्वाह करना है।
श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में नवनियुक्त नर्सों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय मरीज के साथ अस्पताल में अटैडेंट नहीं रहता। ऐसे में नर्स की ड्यूटी ओर बढ़ जाती है। उसे निरंतर मरीज के हैल्थ पैरामीटर्स चैक करने के अलावा उसकी निरंतर देखभाल करना तथा उसका मनोबल बढ़ाना भी आवश्यक है। अपने नवीन कार्य का प्रारंभ करें तथा अपनी सेवा से मरीजों में नवजीवन का संचार करें। प्रदेश में 1015 नर्सों की नियुक्ति की गई है।
श्री चौहान ने कहा कि नर्स को हम ‘सिस्टर’ अर्थात बहन कहते हैं। बहन स्नेह, प्रेम और आत्मीयता की प्रतिमूर्ति होती है। उनका परिवार के प्रति अद्भुत स्नेह होता है। इसी प्रेम, स्नेह एवं आत्मीयता से वे मरीजों की सेवा करें। उन्होंने सिस्टर सरोज यादव द्वारा कोरोना उपचार के दौरान उनकी की गई सेवा की सराहना भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल युद्ध काल जैसा है। हम पिछले लगभग 1.5 वर्ष से कोरोना के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना है। ऐसे में ‘सिस्टर’ पूरे धैर्य एवं संयम के साथ अपने पवित्र कर्तव्य का निर्वाह करें।
श्री चौहान ने एक कहानी के माध्यम से बताया कि कार्य के प्रति तीन प्रकार का दृष्टिकोण हो सकता है। पहला कार्य को मजबूरी अथवा बोझ मानना, दूसरा उसे केवल आजीविका मानना तथा तीसरा कार्य को सेवा का अवसर मानकर उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देना। हम कार्य को सेवा मानें तथा सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर कार्य करें।
श्री चौहान ने कहा कि आप में से कई ‘सिस्टर्स’ की ड्यूटी वैक्सीनेशन के लिए लगाई जाएगी। वैक्सीन हमारे लिए अमृत समान है। सभी ‘सिस्टर्स’ इस बात का ध्यान रखें कि वैक्सीन का एक भी डोज़ बेकार न जाए।
ब्लैक फंगस के उपचार के लिये टॉस्क फोर्स बनाई जाये-शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि ब्लैक फंगस ‘म्यूकॉरमाइकोसिस’ के उपचार संबंधी व्यवस्थाओं के लिये एक डेडिकेटेड टॉस्क फोर्स बनाई जाये, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, संबंधित विभागों के ए.सी.एस./पी.एस., ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एस.पी. दुबे, डॉ. लोकेन्द्र दवे तथा अन्य एक्सपर्ट रहेंगे। टास्क फोर्स तुरंत कार्य करना प्रारंभ कर दें।
श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रियों एवं अधिकारियों के साथ ब्लैक फंगस रोग के संबंध में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस ‘म्यूकॉरमाइकोसिस की प्राथमिक अवस्था में ही पहचान कर हर मरीज का उपचार करें। इस कार्य को जन-आंदोलन का रूप दिया जाए तथा हर जिले में इसकी जाँच की व्यवस्था हो। इस कार्य में निजी चिकित्सकों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।