भोपाल,01 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में आज दो विधायकाें ने वर्चुअल तरीके से सदन की कार्यवाही में शामिल होकर सरकार से सवाल जवाब किये।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा और डॉक्टर अशोक मर्सकोले विधानसभा की कार्यवाही में मंडला जिले से ही वर्चुअल (वीडियो कान्फ्रेंसिंग) तरीके से शामिल हुए। इस तरह विधानसभा के इतिहास में आज नया अध्याय जुड़ गया।
श्री पट्टा ने मंडला जिले के सिझोरा में स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पदस्थ व्याख्याता अजय शर्मा की पदस्थापना के बारे में सवाल उठाते हुए कहा कि वे वहां नियम विरुद्ध तरीके से बने हुए हैं। उन्होंने व्याख्याता और उन्हें पदस्थ करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध मंत्री से किया।
जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने सदस्य के पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि व्याख्याता ने अदालत से स्थगन लिया हुआ है। विभाग स्थगन हटवाने के लिए आवश्यक कदम उठाकर संपूर्ण मामले का परीक्षण कराएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रश्नकाल में ही कांग्रेस विधायक डॉ मर्सकाेले ने मंडला जिले में बस्ती विकास योजना के तहत धनराशि आवंटन का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि धनराशि के उपयोग के संबंध में जनप्रतिनिधियों की राय काे तवज्जाे नहीं दी जाती है। मंत्री मीना सिंह ने आश्वासन दिया कि उन्होंने जो भी बात उठायी है, उसका परीक्षण कराके समाधान निकाला जाएगा।
इस तरह सदस्य के ऑनलाइन कार्यवाही में शामिल होने पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई देते हुए कहा कि आज नया अध्याय जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विशेष प्रकरण में पूर्व अनुमति के बाद किया गया है।
प्रश्नकाल में ही सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहादुर सिंह चौहान ने उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले दो विद्यालयों में नियमों काे दरकिनार कर कार्य करने का आरोप लगाते हुए उनकी मान्यता निरस्त करने की मांग की। उन्होंने इस संबंध में अनेक सवाल उठाते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मांग की कि इस मामले में गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों को आज ही निलंबित किया जाए। काफी देर तक चले सवाल जवाब के बीच मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस मामले में जांच और प्रक्रिया पूरी कर मान्यता रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि कोरोना कॉल में मध्यप्रदेश में किसी भी स्कूल को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का अधिकार है। स्कूल विद्यार्थियों से अन्य कोई फीस नहीं वसूल सकते हैं। ये आदेश पहले से ही सभी जिलों में दिए गए हैं और आज फिर सभी जिलों के लिए जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई स्कूल अन्य फीस वसूलता है तो इसकी शिकायत संबंधित कलेक्टर को की जाए और वे संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। ये आदेश सीबीएसई और एमपी बोर्ड से संबंधित स्कूलों पर मान्य हैं।
प्रश्नकाल में ही कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह बघेल ने धार जिले के डही विकासखंड के अधीन आने वाले बड़दा गांव में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन निर्माण का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसका भूमिपूजन किया था, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह ने बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच ने लिखकर दिया है और उनकी अनुशंसा के आधार पर गांव में उस स्थान पर नया स्कूल भवन बनाया जाएगा, जहां पहले से स्कूल संचालित है। जहां पर भूमिपूजन हुआ था, वह स्थान गांव से तीन किलोमीटर दूर स्थित है और स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा के मद्देनजर पूर्व स्थान पर ही भवन बनाने का निर्णय हुआ है।