उत्तर प्रदेश में जलनिगम नियुक्ति घोटाले में आरोपी पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा सांसद आजम खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज attacknews.in

लखनऊ 12 जून । समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान की मुश्किलें थमने का नाम नही ले रही है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ ने उत्तर प्रदेश में जलनिगम नियुक्ति धांधली मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा सांसद की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

25 अप्रैल 2018 को इस मामले में आजम खां के विरूद्ध लखनऊ के एसआईटी थाने में आईपीसी की धारा,409,420,120 बी और 201 के तहत केस दर्ज हुआ था ।

अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।

गौरतलब है कि जल निगम में 1300 पदों पर नियुक्तियों से जुड़े धांधली के मामले में लखनऊ खंडपीठ ने आजम खान की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई की थी।

इसके बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था ।

यह फैसला न्यायमूर्ति राजीव सिंह की पीठ ने मोहम्मद आजम खान की याचिका पर दिया है।

बेंच के समक्ष इस याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई थी ।

आजम की इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और लखनऊ पीठ के वरिष्ठ अधिवक्ता आई बी सिंह तथा सहयोगी अधिवक्ता नदीम मुर्तज़ाने दलीले पेश की थी ।

याचिका में आजम खान को जमानत देने की मांग की गई थी।

याचिका का विरोध करते हुए सरकारी अधिवक्ता का कहना था कि रामपुर जिले के दो आपराधिक मुकदमों में आजम खान पहले से न्यायिक हिरासत में जेल में है।

18 अप्रैल 2020 को इस मामले में सक्षम न्यायालय द्वारा उनके विरूद्ध बी वारंट जारी किया जा चुका है।

19 नवंबर 2020 को यह वारंट सीतापुर जेल में आजम खान को प्राप्त भी करा दिया गया है।

सरकारी वकील ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया ।