खरगोन-बड़वानी 17 मार्च। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में संकट प्रबंधन समूह की बैठक में जिले में भगोरिया के आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
जिला कलेक्टर अनुग्रहा पी की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना के फिर से पैर पसार लेने के चलते भगोरिया आयोजन नहीं होगा। सिर्फ पूर्व की तरह हाट बाजार लगाए जा सकेंगे और इसमें मनोरंजन के साधन झूले ,नाटक तमाशे तथा तंबू लगाकर इनामी प्रतियोगिता जैसे स्थान या दुकानें भी प्रतिबंधित रहेंगे।
संकट प्रबंधन समूह में इस बात पर भी सहमति जताई कि महाराष्ट्र से आने वाले व्यापारियों को हाट बाजार में प्रतिबंधित जायेगा।
हाट बाजार में भगोरिया को लेकर प्रत्येक थाने व ग्राम पंचायत स्तर पर गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित कर पृथक से बैठक आयोजित कर भगोरिया के प्रतिबंधात्मक संबंधी निर्देशों से अवगत कराया जाएगा।
इस प्रतिबंध से जिले में 60 से अधिक भगोरिया हाट पर असर पड़ेगा।
उधर, दूसरी और पड़ोसी जिले बड़वानी में जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने आदिवासी संगठनों के निवेदन तथा कोरोना के मद्देनजर भगोरिया हाट बाजारों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
किंतु 2 दिन बाद ही जनप्रतिनिधियों तथा अन्य आदिवासी संगठनों के निवेदन पर इस प्रतिबंध को हटा लिया था।
जिला कलेक्टर के प्रतिबंध हटाने के आदेश पर कुछ आदिवासी संगठनों ने विरोध जताया है।
आदिवासी मुक्ति संगठन के महासचिव गजानंद ब्राह्मणे ने कहा कि कलेक्टर के प्रतिबंध हटा लेने के निर्णय के विरुद्ध उन्होंने इंदौर उच्च न्यायालय में याचिका लगाई है जिस पर 19 मार्च को सुनवाई होना है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न बाजार लगाने के प्रबंध का नियंत्रण का अधिकार ग्राम पंचायत को है और हम विभिन्न ग्राम सभाएं आयोजित कर भगोरिया नहीं लगाए जाने के लिए प्रस्ताव पारित करके भेज रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के पटेल, पुजारा, वारती आदि लोगों की बैठक भी आयोजित की जा रही है।
उधर, निमाड़ रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक तिलक सिंह ने आज सायं कहा है कि उन्होंने बड़वानी तथा खरगोन जिलों में जिला दंडाधिकारी के विभिन्न शासकीय आदेश व संकट प्रबंधन समूह के निर्णय की अवहेलना करने पर वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।