श्रीनगर 23 जून। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने के बाद सेना ने आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन ऑलआउट अभियान तेज कर दिया है। घाटी में आतंकियों के जनाजे पर रोक लगाने के लिए अब सुरक्षा एजेंसियों ने फैसला लिया है कि आतंकियों को मार गिराने के बाद वह खुद इन्हें दफनाएगी।
घाटी में सक्रिय आतंकी तंजीमों में स्थानीय युवाओं को शामिल होने से रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने अब मुठभेड़ के बाद आतंकियों का शव खुद दफनाने का फैसला लिया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्थानीय युवाओं को आतंक की धारा में जाने से रोकने के लिए गृह मंत्रालय से मिली एक अडवाइजरी के बाद यह फैसला लिया गया है।
बता दें कि सेना द्वारा आतंकियों को मार गिराने के बाद उनके जनाजे में कई स्थानीय युवाओं के आतंकी संगठन के शामिल होने की बात सामने आ चुकी है। आतंकियों के जनाजे में शामिल होने के दौरान भीड़ के कारण इनके खिलाफ ऑपरेशन नहीं किया जा सका है। आतंकियों के शव को आईएस और पाकिस्तानी झंडों में लपेटकर दफनाने की तस्वीरें सामने आने के बाद कई बार यह मांग उठ चुकी है कि सार्वजनिक रूप से निकलने वाले इन जनाजों को रोका जाए।
शुक्रवार को मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट जारी होने के बाद मुठभेड़ में ढेर होने पर इनके शव को परिवार को ना सौंपने का फैसला भी इसी दिशा में पहला कदम माना जा रहा है और आने वाले वक्त में ऐसे ही कई बड़े फैसले किए जा सकते हैं।
पूर्व में राज्य के डीजीपी एसपी वैद ने भी यह कहा था कि जनाजे में इकठ्ठा होने वाली भीड़ को रोकने के लिए पुलिस कुछ रणनीतियों का निर्धारण कर रही है, जिससे कि कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखा जा सके।attacknews.in