नयी दिल्ली, 12 मार्च। कश्मीर घाटी में पथराव को बढ़ावा देने और सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ समर्थन जुटाने में कथित तौर पर संलिप्त रहे फोटो पत्रकार कामरान यूसुफ को आज यहां की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी। एनआईए ने उन्हें इन आरोपों में सितम्बर में गिरफ्तार किया था।
विस्तृत ब्यौरा दिए बगैर एनआईए अधिकारियों ने पुष्टि की कि यूसुफ को जमानत दे दी गई है।
एजेंसी ने पथराव करने और सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ सोशल मीडिया के मार्फत समर्थन जुटाने में कथित तौर पर संलिप्त रहने के लिए उन्हें पांच सितम्बर को गिरफ्तार किया था।
एनआईए के मुताबिक यूसुफ कथित तौर पर पथराव की घटनाओं में शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने युवकों के समूह को संगठित किया जो आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करते थे ।
एनआईए ने अपने आरोपपत्र में‘‘ एक पत्रकार के नैतिक दायित्वों’’ को सूचीबद्ध किया था ताकि उसके दावे के मुताबिक इसे अनुचित व्यवहार करार दिया जा सके।
एनआईए ने इस वर्ष19 जनवरी को उनके और नौ अन्य के खिलाफ दायर आरोपपत्र में कहा था, ‘‘ अगर वह पेशे से वास्तव में पत्रकार होते तो वह एक पत्रकार का नैतिक कर्तव्य निभाते जिसका काम अपने क्षेत्र में गतिविधियों( अच्छे या बुरे) को कवर करना है। उन्होंने कभी भी विकास कार्यों, किसी अस्पताल, स्कूल भवन, सड़क, पुल के उद्घाटन को कवर नहीं किया या राजनीतिक दलों के बयान या भारत सरकार के बयान को कवर नहीं किया।’’
जम्मू- कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मामले में गौर करने के लिए कहा था।attacknews.in