नईदिल्ली/जम्मू/ श्रीनगर, 17 फरवरी । कश्मीर में रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार रात कश्मीर घाटी में हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण रहने के कारण सेवा फिर से शुरू कर दी गई है।
अधिकारियों ने अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा,श्रीनगर और बडगाम जिलों में शनिवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था जबकि उत्तरी कश्मीर के बारामूला, कुपवाड़ा और बांदीपोरा जिलों में नेटवर्क की गति कम कर दी गई थी।
जम्मू में कर्फ्यू:
जम्मू में पुलवामा आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों के शहीद हाेने की घटना के विरोध में शुक्रवार को आयोजित बंद के दौरान भड़की हिंसा के बाद लागू कर्फ्यू तीसरे दिन रविवार को भी जारी रहा।
रविवार को अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। स्थिति सामान्य एवं शांतिपूर्ण है, लेकिन जिला प्रशासन ने पूरे शहर में एहतियातन कर्फ्यू जारी रखने का निर्णय लिया है।
जम्मू के उपायुक्त रमेश कुमार ने कहा,“जम्मू में बगैर किसी ढ़ील के कर्फ्यू लगातार तीसरे दिन रविवार को भी जारी रहा। सेना ने संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया।”
उन्होंने कहा कि दोपहर बाद स्थिति की समीक्षा करने के बाद दिन में कर्फ्यू में ढ़ील देने के बारे में कोई निर्णय लिया गया । स्थिति की फिलहाल निगरानी की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपने घरों के अंदर ही रहने तथा बाहर नहीं निकलने की अपील की जा रही है।
उन्होंने लोगों से अफवाह फैलाने वालों पर विश्वास नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि आम लाेग किसी प्रकार की सूचना देेने या पाबंदियों के संबंध में कोई जानकारी देना चाहते हैं तो वे उपायुक्त कार्यालय नियंत्रण कक्ष को 0191-2520542 और 0191-2571912 पर संपर्क कर सकते हैं।
गौरतलब है कि जवानों के शहीद होने के गुस्से में शुक्रवार को यहां हिंसक प्रदर्शनकारियों ने 35 वाहनों को आग के हवाले कर दिया तथा 100 से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद प्रशासन को पूरे शहर में कर्फ्यू लागू करना पड़ा।
इस बीच जम्मू मुस्लिम सिविल सोसायटी ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द्र तथा शांति बनाये रखने की अपील की है।
CRPF की एडवाइजरी:
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर सोशल मीडिया में चल रही फर्जी तस्वीरों और पोस्टों को साझा नहीं करने का आग्रह किया है और कहा है कि कश्मीरी छात्रों को प्रताड़ित करने की खबरें गलत हैं।
सीआरपीएफ ने रविवार को ट्वीटर पर जारी एक परामर्श कहा कि कुछ उपद्रवी पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की फर्जी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पर फैला रहे हैं। ऐसी तस्वीरों को साझा या पसंद नहीं किया जाना चाहिए।
सीआरपीएफ ने कहा, “ ऐसा ध्यान में आया है कि कुछ उपद्रवी घृणा फैलाने के लिए शहीदों के क्षत विक्षत अंगों की फर्जी तस्वीरें सोशल मीडिया पर फैलाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन हम एक एकजुट हैं। ”
सीआरपीएफ ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कश्मीरी छात्रों को प्रताडित करने की खबरें पूरी तरह से फर्जी हैं। ये खबरें कुछ उपद्रवी सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं। इनका मकसद केवल घृणा फैलाना है जिन्हें रोका जाना चाहिए।
परामर्श में कहा गया है कि ऐसी तस्वीरें या पोस्ट साझा नहीं की जानी चाहिए। ऐसी तस्वीर और पोस्ट की सूचना ‘वेबप्रो एट सीआरपीएफ डाट गोव डाट इन’ पर दी जा सकती है।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के क्षत – विक्षत शवों की सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही ‘फर्जी तस्वीरों’ के खिलाफ सीआरपीएफ ने रविवार को लोगों को आगाह किया।
सीआरपीएफ ने कहा, ‘‘ यह संज्ञान में आया है कि सोशल मीडिया पर कुछ शरारती तत्व हमारे शहीदों के क्षत – विक्षत शवों की फर्जी तस्वीरें नफरत पैदा करने के लिए साझा कर रहे हैं, जबकि हम एकजुट हैं।’
सीआरपीएफ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल सीआरपीएफइंडिया पर कहा, ‘‘ कृपया इस तरह की तस्वीरें और पोस्ट सर्कुलेट/शेयर/लाइक न करें।’
सुरक्षाबल ने इस तरह की किसी भी विषय-वस्तु की सूचना‘‘वेबपीआरओऐटसीआरपीएफडॉटजीओवीडॉटइन’’ पर देने को कहा है।
अधिकारियों ने बताया कि क्षत विक्षत शवों की तस्वीरें साझा की जा रही है और इस बारे में सुरक्षाबल को जानकारी मिली है, इसके बाद यह परामर्श जारी किया गया।
वहीं सुरक्षाबल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ कश्मीर के छात्रों की प्रताड़ना की कुछ फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर शरारती तत्व साझा कर रहे हैं। सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने शिकायतों की जांच की और उन्हें गलत पाया।
attacknews.in