उज्जैन 31 अक्टूबर।राज्यपाल श्री ओमप्रकाश कोहली ने कहा है कि कालिदास जीवन की समग्रता के कवि थे, प्रकृति की सुन्दरता का अदभुत चित्रण करते थे। ऐसे राष्ट्र कवि पर भारत को नाज है।
श्री कोहली ने कहा कि महाकवि ने आज से दो हजार पूर्व उज्जैन की भूमि पर महाकाल की आराधना की थी। कालिदास का उज्जैन से गहरा सम्बन्ध रहा। राज्यपाल श्री कोहली आज उज्जैन में कालिदास समारोह के उदघाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
श्री ओमप्रकाश कोहली ने समारोह में सुप्रसिद्ध रंगकर्मी श्री रामगोपाल बजाज को रंगकर्म के लिये राष्ट्रीय कालिदास अलंकरण से सम्मानित किया। श्री बजाज को दो लाख रूपये की धनराशि का चैक, प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर अलंकृत किया गया। राज्यपाल ने इस अवसर पर श्री रेवाप्रसाद द्विवेदी एवं श्री सदाशिव कुमार द्विवेदी के ग्रंथ ‘कालिदास शब्दानुकोष’ का विमोचन भी किया।
सारस्वत अतिथि श्री रेवाप्रसाद द्विवेदी ने कविगुरू कालिदास के साहित्य में संस्कृत भाषा के समावेश पर प्रकाश डाला।
समारोह में संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने अतिथियों एवं कला-सेवियों का आभार व्यक्त किया।
समारोह में सारस्वत अतिथि श्री रेवाप्रसाद द्विवेदी, ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, विधायक डॉ. मोहन यादव, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पाण्डे, संभागायुक्त श्री एम.बी. ओझा, कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक श्री आनन्द सिन्हा सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
हस्तशिल्प मेले का उदघाटन
राज्यपाल श्री ओमप्रकाश कोहली ने कालिदास अकादमी परिसर में हस्तशिल्प मेले का उदघाटन किया। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा, विधायक डॉ. मोहन यादव एवं अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।