JNU में हिंसा भड़काकर छात्र संघ अध्यक्ष आइशी कैसे हो गई हिंसा की शिकार, दिल्ली पुलिस ने 9 ओर छात्रों को हिंसा करने वालोँ के रूप मे पहचान सामने रखी attacknews.in

नयी दिल्ली,10 जनवरी । जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में हिंसा की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत 10 छात्रों की पहचान की है।

अपराध शाखा के उपायुक्त डाॅ जाॅय तिर्की ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में अब तक की जांच में मिले अहम सुरागों की जानकारी दी। डॉ तिर्की की अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) जेएनयू हिंसा की जांच कर रही है।

श्री तिर्की ने बताया कि हिंसा में शामिल 10 छात्रों की पहचान की गयी है जिनमें जेएनयू छात्र अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहचान किए गए छात्रों को अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है, लेकिन जल्दी ही उनसे पूछताछ शुरू की जायेगी। पहचान किए गए छात्रों को नोटिस भेजा गया है और उनसे स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।

हिंसा में शामिल जिन 10 छात्रों की पहचान की गई है, उनमें आइशी घोष के अलावा चुनचुन कुमार पूर्व छात्र है जो जेएनयू परिसर में ही रहता है। इसके अलावा माही मांडवी हॉस्टल के छात्र पंकज मिश्रा, सजेता ताल्लुकदार, वास्कर विजय, पंकज कुमार, बी ए तृतीय वर्ष छात्र प्रिया रंजन, डोलन सावंत, विकास पटेल और वाट्सऐप ग्रुप यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट का ऐडमिन योगेंद्र भारद्वाज शामिल है।

डॉ तिर्की ने बताया कि हिंसा का विवाद का केंद्र आनलाइन पंजीकरण था जिसके विरोध में वामपंथ से जुड़े छात्र थे। उन्होंने सिलसिलेवार ब्यौरा देेते हुए बताया कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच पंजीकरण रोकने का प्रयास किया गया। सर्वर को नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने इस दौरान पेरियार और साबरमती हाॅस्टल में हुई हिंसा की जानकारी भी दी।

खरे ने जेएनयू विद्यार्थियों से आन्दोलन वापस लेने की अपील की:

इधर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने शुक्रवार को जवाहलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों से आंदोलन वापस लेने की अपील की।

श्री खरे ने यहां जेएनयू के कुल‍पति प्रो. एम. जगदीश कुमार, विश्‍वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा छात्र संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की और इस दौरान छात्रों से आन्दोलन वापस लेने का अनुरोध किया।

विद्यार्थियों को सेवा और उपयोगिता शुल्‍क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा,,मंत्रालय ने यूजीसी से इन शुल्‍कों को वहन करने के लिए कहा:-

श्री खरे ने नई दिल्‍ली के शास्‍त्री भवन में सवेरे साढ़े 11 बजे जवाहलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय के कुल‍पति प्रो. एम. जगदीश कुमार और विश्‍वविद्यालय के रेक्‍टरों तथा रजिस्‍ट्रार के साथ बैठक की। बाद में उन्‍होंने अपराह्न साढ़े तीन बजे जवाहलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय छात्र संघ की अध्‍यक्ष सुश्री आइशी घोष के नेतृत्‍व में जेएनयू के विद्यार्थियों के शिष्‍टमंडल से भी बातचीत की।

विश्‍वविद्यालय के अधिकारियों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव को बताया कि मंत्रालय के  10 और 11 दिसंबर, 2019 के चर्चा रिकॉर्ड के अनुसार लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए  प्रशासन सभी कदम उठा रहा है।

प्रो. जगदीश कुमार ने यह भी बताया कि 9 जनवरी, 2020 को जेएनयू द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें स्‍पष्‍ट किया गया है कि विद्यार्थियों से छात्रावास के निवासियों के लिए सेवा और उपयोगिता शुल्‍क नहीं लिए जा रहे हैं। यूजीसी से इन शुल्‍कों को वहन करने का अनुरोध किया गया है। विद्यार्थियों को यह बात मंत्रालय के सचिव के साथ हुई बातचीत में भी बताई गई है।

मानव संसाधन विकास सचिव ने यूजीसी के अध्‍यक्ष डॉ. डी.पी. सिंह से भी बातचीत की। मंत्रालय ने यूजीसी से इस संबंध में आवश्‍यक धन उपलब्‍ध कराने को कहा है।

इन घटनाओं के मद्देनजर श्री अमित खरे ने विद्यार्थियों से आंदोलन वापस लेने की अपील की।

जेएनयू शिक्षक संघ ने हिंसा मामले में पुलिस की ओर से की गयी संवाददाता सम्मेलन पर निराश व्यक्त की गयी। शिक्षक संघ ने एक बयान जारी कर कहा कि पांच जनवरी की शाम को नकाबपोश हमलावरों के हमले में छात्र और शिक्षक घायल हुए थे लेकिन पुलिस ने पूरे मामले को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने एक बार फिर कहा कि रविवार को जो घटना हुई उसके लिए कुलपति तथा प्रशासनिक अधिकार जिम्मेदार हैं।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जेएनयू में गत दिनों हुई हिंसा की अबतक की जांच में नौ लोगों की पहचान की गयी है। पहचान किये गये लोगों को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा ताकि इससे जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा सके।

उन्होंने कहा कि जेएनयू हिंसा की जांच से संबंधित कई तरह गलत जानकारियां अलग अलग माध्यमों से लोगों को परोसी जा रही थी इसलिए फिलहाल जांच जहां तक बढी है उसके बारे में मीडिया को जानकारी देने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि मामला एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय का और वहां के छात्रों से जुड़ा है इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले गंभीरता से हर पहलुओं की जांच की जा रही है।

जेएनयू हिंसा की जांच का नेतृत्व करने वाले अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त जॉय टिर्की ने कहा कि रविवार की हिंसा से पहले भी कई घटनायें हुई जिसको लेकर दो मामले भी दर्ज किये गये हैं। जेएनयू छात्रसंघ जिसमें खासकर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आईसा), ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) तथा डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडरेशन (डीएसएफ) की ओर से बढी हुई फीस को वापस लेने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा था। प्रशासन की ओर से एक जनवरी से पांच जनवरी अगले सेमेस्टर में दाखिला लेने के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि घोषित की गयी लेकिन इन वामपंथी छात्र संगठनों की ओर से रजिस्ट्रेशन का विरोध किया गया। इन छात्रों ने मांग की थी कि पहले बढी हुई फीस को वापस लिया जाए उसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू करने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इन संगठन के छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को धमकाया जा रहा था।

पुलिस उपायुक्त ने कहा कि इन वाम संगठन के छात्रोें ने तीन जनवरी को पहली बार रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में व्यवधान उत्पन्न किया और उसके बाद चार जनवरी को कुछ छात्र रजिस्ट्रेशन सेंटर पर सर्वर रूम में घुसकर तोड़फोड़ की जिससे सर्वर क्षतिग्रस्त हो गया। इस मामले में प्रशासन की शिकायत पर पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

उन्होंने कहा कि कैम्पस में विवाद लगातार बढ़ता गया और पांच जनवरी को पेरियार तथा साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया। जेएनयू में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप (यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट) भी बनाए गए थे। दोनों होस्टलों में कुछ खास कमरों को ही निशाना बनाया गया। हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं लेकिन वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है। इस संबंध में कुछ छात्रों, शिक्षकों, हॉस्टल वार्डेन तथा अन्य चश्मदीदों से भी बातचीत करके आरोपियों की पहचान की गयी है।

श्री टिर्की ने कहा कि हिंसा में जिन छात्रों की पहचान हुई है उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, शिवपूजन मंडल, डोलन, सुचेता तालुकदार, वसकर विजय और आईशी घोष के नाम शामिल हैं।

गौरतलब है कि रविवार रात को जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों पर हमला किया था। इसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष और भूगोल की जानीमानी प्रोफेसर सुचित्रा सेन समेत करीब 34 लोग घायल हो गए थे।