नयी दिल्ली, 20 नवंबर ।जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के पदाधिकारियों और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के बीच बुधवार को एक बैठक हुई जिसमें शुल्क वृद्धि के मुद्दे पर प्रदर्शन के मद्देनजर परिसर में सामान्य स्थिति बहाल करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
सूत्रों ने बताया कि बैठक सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई और छात्रसंघ के पदाधिकारियों तथा विभिन्न स्कूलों के छात्र काउंसिलरों ने इसमें हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया कि जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने हॉस्टल शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की मांग की और यह भी कहा कि जब तब उच्चाधिकार प्राप्त समिति अपनी रिपोर्ट सौंपती है, तब तक शुल्क वृद्धि को निलंबित रखा जाए।
जेएनयू के छात्र हॉस्टल शुल्क बढ़ाने, ड्रेस कोड और आने-जाने का समय निर्धारित करने के प्रावधान वाली हॉस्टल नियमावली के खिलाफ तीन सप्ताह से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
समिति ने आज दिन के उत्तरार्ध में विश्वविद्यालय के हॉस्टल अध्यक्षों से भी मुलाकात की ।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा सोमवार को गठित की गई समिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष वीएस चौहान, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे और यूजीसी के सचिव रजनीश जैन शामिल हैं।
जेएनयू ने आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने: प्रशासनिक ब्लॉक के 100 मीटर के दायरे में धरना नहीं देने के अदालत के आदेश का उल्लंघन करने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर छात्रों और दिल्ली पुलिस के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की है।
छात्रों ने छात्रावास के शुल्क में वृद्धि के खिलाफ 18 नवंबर को विरोध-प्रदर्शन जारी रखा जिसके कारण दिल्ली के कई हिस्सों में तनाव की स्थिति बनी रही। छात्रों की पुलिस से झड़पें भी हुई।