जम्मू, श्रीनगर, मथुरा, 15 फरवरी । जम्मू-कश्मीर के अवंतीपोरा में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 37 जवानों के शहीद होने के बाद शुक्रवार को यहां पाकिस्तान के विरोध में बंद एवं हिसंक प्रदर्शनों के दौरान पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों के घायल होने, कई वाहनों के क्षतिग्रस्त होने तथा कुछ को आग के हवाले किये जाने के बाद जिला प्रशासन को पूरे शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
जम्मूू में पूरी तरह बंद है और हिंसक झड़पों के दौरान 12 से अधिक वाहनों में आग लगा दी गयी। शुरुआती जानकारी के अनसार यहां प्रदर्शनकारियों ने 50 से अधिक वाहनों को क्षतिग्रस्त किया और 12 से अधिक वाहनों में आग लगा दी। इसके बाद प्रशासन ने छह थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया और स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। बंद का आह्वान चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने किया है जिसका ट्रांसपोर्ट कर्मी, छोटे व्यवसायी, जम्मू बार एसोसिएशन, टीम जम्मू तथा विभिन्न राजनीतिक दलों ने इसका समर्थन किया है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने हमले के विरोध में रैली निकाली तथा ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाये।
प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारेबाजी की तथा सीआरपीएफ काफिले पर किये गये नृशंस हमले की कड़ी भर्त्सना की। तिरंगा फहराते प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंसक भीड़ ने कई वाहनों काे क्षतिग्रस्त कर दिया तथा आग लगा दी। इसके बाद हिंसक झड़पें भी शुरू हो गयीं।
इस बीच, स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाता देख जिला प्रशासन ने पीरमिठा, निओवाबाद, शहर, बख्शी नगर, पक्का डांगा और जानीपुरा समेत उत्तर कश्मीर के छह थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया।
जम्मू के विभिन्न इलाकों में हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
अफवाह फैलने से रोकने तथा असामाजिक तत्वों के प्रयासाें को नाकाम करने के उद्देश्य से मोबाइल फोन इंटरनेट सेवा पर आंशिक रूप से रोक लगा दी गयी है।
जम्मू में पिछले चार दिनों से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने के कारण कश्मीर जाने वाले फंसे यात्री पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी कर रहे थे। इन घटनाओं से कॉलेज छात्र भी भड़के।
पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी और शांति भंग करने का प्रयास करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
मथुरा में सुरक्षा बढ़ाई:
कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों की बस पर हुए आंतकी हमले के बाद मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान, रिफाइनरी तथा अन्य संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया, “मथुरा के कृष्ण जन्मस्थान परिसर स्थित सभी मंदिरों व शाही ईदगाह, तेलशोधक कारखाने तथा वृन्दावन, गोवर्धन व बरसाना के अधिकाधिक भीड़ वाले सभी मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।’’
उन्होंने बताया कि जनपद में सभी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धर्मशाला, होटल, गेस्टहाउस आदि सभी सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। कोई भी अवांछित व संदिग्ध दिखने पर पुलिस को सूचना देने की ताकीद की गई है।’’
इससे पूर्व एसएसपी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों एवं पुलिस के जवानों ने जिला मुख्यालय पर कश्मीर में मारे गए जवानों की शहादत पर दो मिनट का मौन रखकर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
गृहमंत्री ने शहीद जवान को कंधा दिया:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में बृहस्पतिवार को शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद एक शहीद जवान को कंधा दिया।
दिल्ली से श्रीनगर पहुंचते ही गृह मंत्री ने श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की जहां 40 सीआरपीएफ जवानों की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटे ताबूतों में रखी गयीं।
समारोह में उपस्थित एक अधिकारी ने बताया कि सिंह ने एक शहीद सीआरपीएफ जवान को कंधा भी दिया । इसके बाद पार्थिव देह को विमान से जम्मू कश्मीर से ले जाया गया।
गृह मंत्री सिंह, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, गृह सचिव राजीव गौबा, सीआरपीएफ महानिदेशक आर आर भटनागर, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और अन्य लोगों ने शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की।
सिंह ने कहा, ‘‘राष्ट्र हमारे बहादुर सीआरपीएफ जवानों के सर्वेाच्च बलिदान को नहीं भूलेगा। मैंने पुलवामा के शहीदों को अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दे दी है। बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।’’
अधिकारी के अनुसार जब तक ताबूतों को श्रीनगर हवाईअड्डे जा रहे ट्रक में रखा गया तब तक उपस्थित सभी गणमान्य लोग मौन खड़े रहे।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये और पांच घायल हो गये।
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