श्रीनगर, 14 फरवरी । जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें कम से कम 20 जवान शहीद हो गये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है।
पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है। उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।
हताहतों की संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है।
विस्फोट में कई लोग घायल हो गये। धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास बिखरे क्षत-विक्षत शवों को देखा जा सकता है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की घटना श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर अवंतिपुरा इलाके में हुई।
दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में गुरुवार को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहन पर अत्याधुनिक विस्फोटक उपकरण (आईईडी) के इस्तेमाल से किये गये आतंकवादी हमले में यह जवान शहीद हो गये ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर जा रहे सीआरपीएफ के वाहन को निशाना बनाकर गोरीपोरा के निकट इस विस्फोट को अंजाम दिया।
इस हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान मौके पर ही शहीद हो गये और कई अन्य घायल हो गये। हमले से वाहन पूरी तरह नष्ट हो गया। घायल जवानों को सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसे के बाद सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गये और इलाके की घेराबंदी कर दी गयी है।
कश्मीर में आतंकवाद के सफाए के लिए चलाये जा रहे ऑपरेशन ऑलआउट से बौखलाए आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा में सुरक्षाबलों के खिलाफ बड़े हमले को अंजाम दिया ।
सीआरपीएफ के काफिले को पहले फिदायीन हमले में उड़ाया गया और उसके बाद आतंकियों ने बस पर जबरदस्त फायरिंग शुरू कर दी।
आतंकियों ने उस बस को निशाना बनाया जिसमें सबसे ज्यादा जवान सवार थे. आईईडी से हुआ धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और शहीद जवानों के अंग सड़कों पर बिखर गए.
बताया जा रहा है कि 70 गाड़ियों का सीआरपीएफ का यह पूरा मूवमेंट जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रहा था।
18 सितंबर 2016 को उरी में आतंकियों के बेस कैंप पर हुए हमले के बाद यह जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
उरी हमले में 18 जवान मारे गए थे जिसके बाद भारतीय सेना ने ठीक 10 दिन बाद 29 सितंबर को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर 50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था.
काफिले में चल रहे थे 2400 जवान
गौरतलब है कि खुफिया विभाग ने एक हफ्ते पहले ही सुरक्षाबलों के खिलाफ इस तरह के हमले की आशंका जताई थी और कहा था कि आतंकी काफिले के रास्ते में आईईडी ब्लास्ट कर सकते हैं.
रिपोट् के मुताबिक सीआरपीएफ की तीन बटालियन का मूवमेंट हो रहा था जिस दौरान आतंकियों ने हमला बोला. बताया जा रहा है कि इन तीनों बटालियनों में करीब 2400 सीआरपीएफ के जवान शामिल थे. सीआरपीएफ के एक बटालियन में 800 जवान होते हैं।
घटना के बाद डीजी सीआरपीएफ प्रयागराज से श्रीनगर रवाना हो गए हैं. घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आईईडी धमाके के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है.।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो काफिले में सीआपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2400 से अधिक जवान सवार थे. आतंकियों ने सुरक्षाबलों की एक गाड़ी को निशाना बनाया है।
बता दें कि कुलगाम में रविवार सुबह सुरक्षाबलों ने 5 आतंकियों को मार गिराया था. इससे पहले 6 फरवरी को पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को मार गिराया गया था. मारा गया आतंकी लश्कर का जिला कमांडर था. 30 जनवरी को कुलगाम जिले में आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर ग्रेनेड से हमला किया था जिसमें 3 नागरिक घायल हो गए थे. अधिकारी ने बताया था, ‘लेकिन आतंकवादियों का निशाना चूक गया और ग्रेनेड सड़क पर जा गिरा जिससे तीन राहगीर घायल हो गए.’
वहीं 26 जनवरी को श्रीनगर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकवादी मारे गए थे. दोनों आतंकवादी श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र खोनमोह इलाके में मारे गए थे. उन्होंने गणतंत्र दिवस समारोह को बाधित करने की योजना बनाई थी।
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