श्रीनगर, 22 जनवरी । जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों के घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान हुए आतंकवादियों से मुठभेड़ में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कथित भाई समेत तीन आतंकवादी मारे गये।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों के छिपे होने की खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने मिलकर आज सुबह शोपियां जिले के हफशेरमल इलाके में घेराबंदी तथा तलाश अभियान शुरू किया।
सुरक्षा बल जब एक विशेष क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे तो वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर स्वचालित हथियार से गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी जिसमें तीन आतंकवादी मारे गये।
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि आतंकी ठिकाने पर और अधिक आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना है।
उन्होंने बताया कि मारे गये आतंकवादियों में एक की पहचान शमसुल हक के रूप में की गयी है जो 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी इनामुल हक का भाई है। श्री हक फिलहाल पूर्वाेत्तर में पदस्थापित हैं।
शमसुल ने जाकुरा स्थित सरकारी कॉलेज से बीयूएमएस कर रहा था। वह मई 2018 से लापता है। हालांकि जुलाई 2018 में सोशल मीडिया पर एके-47 राइफल हाथ में लहराता उसका एक चित्र वायरल हुआ।
राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य ने ट्विटर पर लिखा, “शाेपियां में आज मुठभेड़ में मारे गये तीन आतंकवादियों में आईपीएस अधिकारी का भाई शमसुल भी शामिल है। मुझे याद है कि शमसुल को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए उसके भाई, परिवार के अन्य सदस्यों तथा राज्य पुलिस ने कितने प्रयास किये लेकिन आज उसका दुखद अंत हुआ।”
पत्रकार हुए घायल:
शोपियां जिले में आतंकवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे घेराबंदी और तलाश अभियान में बाधा पहुंचाने पर प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गोलियां छोड़ने पर तीन फोटो पत्रकार, एक रिपोर्टर सहित कई अन्य लोग घायल हो गये।
कश्मीर नेशनल टेलीविजन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (केएनटीजेए) ने पत्रकारों पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने यह आरोप लगाये कि पत्रकार शोपियां के घटनास्थल पर प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ को कवर कर रहे थे।
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