श्रीनगर,/ नईदिल्ली एक मार्च । जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार को हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक अधिकारी समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गये। पास में ही संघर्ष में एक नागरिक भी मारा गया।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने कुपवाड़ा जिले के बाबागुंड इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया था।
उन्होंने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
अधिकारियों ने बताया कि दिन में कई बार बीच-बीच में गोलीबारी बंद हुई लेकिन जैसे ही सुरक्षाकर्मी एक घर की ओर बढ़े तो आतंकवादियों ने फिर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इसी घर में आतंकवादी छिपे हुए थे।
आतंकियों ने सुरक्षा बल के जवानों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
इसमें नौ सुरक्षाकर्मी घायल हो गये जिनमें से पांच की मृत्यु हो गयी।
अधिकारियों के अनुसार मारे गये लोगों में सीआरपीएफ के एक निरीक्षक और एक जवान, सेना के दो जवान तथा एक पुलिसकर्मी शामिल हैं।
मुठभेड़ स्थल के पास ही युवाओं के एक समूह और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई।
इसमें वसीम अहमद मीर नामक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे ‘मृत’ घोषित कर दिया।
उन्होंने कहा कि अंतिम खबर आने तक अभियान जारी था।
जमात ए इस्लामी पर प्रतिबंध:
नयी दिल्ली से खबर है कि, पुलवामा हमले के बाद जम्मू- कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने वाले संगठनों और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई में जुटी केन्द्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर (जेईआई -जे एंड के) पर प्रतिबंध लगाकर वास्तव में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेन्स की कमर तोड़ी है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने जेईआई -जे एंड के पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को गुरूवार को मंजूर किया था। सरकार को संगठन की गैर कानूनी गतिविधियों का पता चलने के बाद यह प्रतिबंध गैर कानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम 1967 की धारा 3 (1) के तहत लगाया गया है। जेईआई पर प्रतिबंध लगाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर में सक्रिय सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन के गठन के लिए जिम्मेदार है यही नहीं उसके कुछ कार्यकर्ता हिज्बुल में भर्ती होते रहे हैं। हिज्बुल को जेईआई की आतंकवादी शाखा माना जाता है।
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