श्रीनगर/नईदिल्ली , तीन मई ।जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकवादियाें के साथ मुठभेड़ के दौरान रविवार को सेना के दो अधिकारियों समेत पांच जवान शहीद हो गये। शहीद हुए जवानों में सेना का एक कर्नल, एक मेजर और दो सैनिकों के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक अधिकारी भी शामिल है। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी भी मारे गए हैं।
उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा क्षेत्र के एक गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए तथा दो आतंकवादी भी मारे गए।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने रविवार को कहा, ‘‘यह सूचित करते हुए दुख हो रहा है कि कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद और जम्मू कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक शकील काजी समेत पांच बहादुर सुरक्षाकर्मी कर्तव्य पालन करते हुए शहीद हो गए।’’
उन्होंने बताया कि कर्नल और उनकी टीम ने आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए नागरिकों को बहादुरी से मुक्त करा लिया। मुठभेड़ में दो आतंकवादी भी मारे गए।
सेना ने बताया कि कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा के चंगीमुल्ला इलाके में एक मकान में आतंकवादियों द्वारा कुछ नागरिकों को बंधक बनाए जाने की खुफिया सूचना मिलने के बाद सेना तथा जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया था।
इसने बताया कि पांच सैन्य और पुलिस कर्मियों की टीम नागरिकों को छुड़ाने के लिए आतंकवादियों के कब्जे वाले इलाके में घुसी और नागरिकों को सफलतापूर्वक बचा लिया।
सेना ने बताया कि हालांकि इस प्रक्रिया के दौरान आतंकवादियों ने टीम पर भारी गोलीबारी की और इसके बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए तथा पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घुसपैठ करने वाले एक समूह को लेने के लिए हंदवाड़ा पहुंचे थे।
कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद के अलावा मुठभेड़ में नायक राजेश और लांस नायक दिनेश भी शहीद हो गए।
कर्नल शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर थे तथा उन्हें कश्मीर में दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका था।
अधिकारियों ने बताया कि यहां एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा जिसके बाद कर्नल शर्मा के पार्थिव शरीर को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ले जाया जाएगा तथा मेजर सूद के पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ ले जाया जाएगा।
सशस्त्र सेनाओं को शहीदों के साहस पर गर्व : जनरल रावत
चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने जम्मू कश्मीर के हंदवारा में आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए शहीद हुए सैन्यकर्मियों तथा एक पुलिसकर्मी के साहस और हिम्मत की सराहना करते हुए कहा कि सशस्त्र सेनाओं को उनपर गर्व है।
जनरल रावत ने आज यहां एक वक्तव्य में कहा हंदवारा आपरेशन देश और उसके लोगों की सुरक्षा के प्रति सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि कमांडिंग अफसर ने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए मोर्चा संभाला और सर्वोच्च बलिदान दिया। यह सेना के खुद से पहले सेवा के लक्ष्य का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाओं को इन सभी शहीदों की हिम्मत और साहस पर गर्व है कि उन्होंने आतंकवादियों का सफाया कर दिया। सेनाएं उन्हें सलाम करती है और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार देर शाम इस अभियान में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना का एक कर्नल, एक मेजर , दो जवान और जम्मू कश्मीर पुलिस का एक उप निरीक्षक शहीद हो गये थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है।
जवानों ने अपने कर्त्तव्यों का पालन करते हुए यह सर्वोच्च बलिदान ऐसे समय में दिया है जब सेना वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में जुटे कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि हंदवाड़ा के चंजमुल्ला के समीप एक मकान में कुछ लोगों को आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाकर रखे जाने संबंधी खुफिया सूचना के आधार पर राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने शनिवार की शाम संयुक्त रूप से अभियान छेड़ा था। सुरक्षा बल के जवान लक्षित ठिकाने पर पहुंचे और वहां मौजूद लोगों को बचाया। इसी दौरान आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी गोलियां चलाई जिसके साथ ही मुठभेड़ शुरू हो गयी।
मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारी, दो जवान और पुलिस के एक उप निरीक्षक शहीद हो गये। शहीदाें में कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, राष्ट्रीय राइफल्स की 21वीं बटालियन के नायक राजेश और लांस नायक दिनेश तथा पुलिस उपनिरीक्षक शकील काजी शामिल हैं। सुरक्षा बलों की कार्रवाई में दो आतंकवादी भी मारे गए हैं। मारे गए आतंकवादियों में लश्कर का एक शीर्ष कमांडर भी शामिल है।
इस मुठभेड़ के साथ ही लॉकडाउन के लागू होने से लेकर अब तक 20 सुरक्षाकर्मी अपने जीवन का बलिदान दे चुके हैं जबकि इस दौरान 35 आतंकवादी भी मारे गए हैं।
इससे पहले वर्ष 2000 में हंदवाड़ा में हुए एक विस्फोट में राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के एक कर्नल और एक अन्य अधिकारी शहीद हो गए थे।