श्रीनगर/इस्लामाबाद ,21 अक्टूबर। जम्मू- कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने आतंकवादियाें को प्रश्रय देने और उनकी आर्थिक सहायता करने के मामले में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वह नहीं सुधरा तो भारत उसकी सीमा में घुसकर आतंकी शिविरों को नष्ट करने में संकोच नहीं करेगा।
गौरतलब है कि रविवार काे उत्तर कश्मीर के केरन और तंगधार सेक्टरों में पाकिस्तान की और से संघर्षविराम के उल्लंघन के बाद भारतीय सैनिकों की कार्रवाई में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में तीन आतंकी शिविर नष्ट हो गए और छह से 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इसी के एक दिन बाद श्री मलिक का यह चेतावनी भरा बयान आया है।
पाक सेना ने पीओके में आतंकवादी शिविर ध्वस्त करने के भारत के दावे का किया खंडन:
इधर इस्लामाबाद, में पाकिस्तान सेना ने अपने देश के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कम से कम तीन आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने के भारतीय सेना के दावे को ‘‘झूठा’’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि भारत अपने दावों को ‘‘सही साबित’’ करने के लिए किसी भी विदेशी राजनयिक या मीडिया को घटनास्थल पर ला सकता है।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने रविवार को कहा था कि जम्मू कश्मीर के तंगधार और केरन सेक्टर के दूसरी तरफ भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में छह से 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और तीन आतंकवादी शिविर नष्ट कर दिये गए।
इसके बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आधी रात को ट्वीट करके भारतीय सेना प्रमुख के दावे पर निराशा जताते हुए कहा, ‘‘भारतीय सेना प्रमुख का यह बयान निराशाजनक है क्योंकि वह बहुत जिम्मेदारी वाले पद पर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निशाना बनाने की बात छोड़िए, वहां कोई शिविर ही नहीं है। पाकिस्तान में भारतीय दूतावास का स्वागत है कि वह किसी भी विदेशी राजनयिक/मीडिया को लाकर इस बात को ‘साबित’ कर सकता है।’’
उन्होंने कहा ‘‘ वरिष्ठ भारतीय सैन्य नेतृत्व के, खासकर पुलवामा की घटना के बाद से झूठे दावों की प्रवृत्ति क्षेत्र में शांति के लिए नुकसानदेह है।’’
गफूर ने कहा, ‘‘भारतीय सेना निहित घरेलू हितों को साधने के लिए इस प्रकार के झूठे दावे कर रही है। यह पेशेवर सैन्य लोकाचार के खिलाफ है।’’
पाकिस्तान ने पीओके में भारतीय सेना की ओर से आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने की रिपोर्ट को खारिज किया:
इधर 20 अक्टूबर को पाकिस्तान ने उन खबरों को खारिज कर दिया था जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में कम से कम चार आतंकवादी शिविरों को भारतीय सेना की ओर से निशाना बनाए जाने का दावा किया गया था। पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के इस ‘‘झूठ’’ को बेनकाब करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों के राजनयिकों के वहां के दौरे की व्यवस्था कर सकता है।
भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने रविवार को पीओके में कम से कम चार आतंकवादी शिविरों और पाकिस्तान सेना की चौकियों को निशाना बनाते हुए भारी हथियारों से गोलाबारी की थी।
उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में तंगधार से लगती नियंत्रण रेखा (एलओसी)के इलाके में की गई कार्रवाई में पांच पाकिस्तान सैनिकों की मौत हो गई थी।
ऐसी खबरें हैं कि भारतीय सेना की गोलाबारी में कम से कम 40 आतंकवादी भी मारे गए और पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा।
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि , ‘‘ पाकिस्तान एलओसी के नजदीक कथित लांचिंग पैड को भारत द्वारा निशाना बनाने संबंधी भारतीय मीडिया की खबर को साफ तौर पर खारिज करता है।’’
विदेश विभाग ने कहा कि पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद के पांचों सदस्यों से अपील की है कि वे भारत से आतंकवादी लांचिंग पैड के बारे में जानकारी देने को कहें।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने भी भारतीय मीडिया की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाने को लेकर गलत दावा किए जा रहे हैं।
इस बीच, पाकिस्तान ने भारतीय उप उच्चायुक्त गौरव आहलूवालिया को तलब कर भारतीय सेना की ओर से नियंत्रण रेखा पार जुरा, शाहकोट और नौशेरी सेक्टरों में कथित तौर पर की गई गोलाबारी की निंदा की। पाकिस्तान ने दावा किया कि इस गोलाबारी में उसके पांच नागरिक मारे गए।