श्रीनगर, 15 फरवरी । केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यहां कहा कि सरकार पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर काम कर रहे लोगों की सुरक्षा पर पुनर्विचार करेगी। उनका परोक्ष इशारा अलगाववादी नेताओं की तरफ था।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने की पृष्ठभूमि में उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के बाद गृह मंत्री ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के काफिले गुजरने के दौरान आम नागरिकों की आवाजाही पर पाबंदी रहेगी।
सिंह ने हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं समेत अलगाववादियों का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान और उसकी जासूसी एजेंसी आईएसआई से धन पा रहे लोगों को दी गयी सुरक्षा पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
सिंह ने कश्मीर के अपने एक दिन के दौरे के समापन पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसे तत्व और ताकतें हैं जो पाकिस्तान और आईएसआई से धन लेते हैं। मैंने संबंधित अधिकारियों से उनकी सुरक्षा पर पुनर्विचार करने को कहा है।’’
गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ तत्वों के तार आईएसआई और आतंकवादी संगठन से जुड़े हैं, लेकिन सरकार उनकी सोच को परास्त करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोग जम्मू कश्मीर की जनता और राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खेल रहे हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई निर्णायक दौर में है और मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इसमें जीतेंगे।’’
पिछले तीन दशक में राज्य में सुरक्षा बलों पर हुए सबसे भयावह आतंकी हमले के बाद पहुंचे गृह मंत्री ने यहां एक अस्पताल में इलाज करा रहे घायल जवानों का हालचाल जाना।
सिंह ने कहा कि फैसला किया गया है कि सुरक्षा बलों के बड़े काफिले जब गुजरेंगे तो असैन्य यातायात कुछ समय के लिए रोका जाएगा
उन्होंने कहा, ‘‘इससे असुविधा हो सकती है और इसके लिए मैं अफसोस जताता हूं लेकिन जवानों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है।’’
सिंह ने कहा कि उन्होंने सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है।’’
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के शोक-संतप्त परिवारों के साथ हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘मैंने सभी राज्य सरकारों से शोक-संतप्त परिवारों को अधिक से अधिक मदद देने को कहा है।’’
जब गृह मंत्री से पूछा गया कि क्या सुरक्षा में चूक की वजह से हमला हुआ, तो उन्होंने कहा कि घटना की जांच की जा रही है।
शुक्रवार को जम्मू में भड़की हिंसा पर गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य प्रशासन ने ऐसे तत्वों के साथ पूरी ताकत से निपटने को कहा है जो सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं।
जम्मू में सेना को बुलाया गया:
जम्मू वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की ओर से पुलवामा आतंकी हमले के खिलाफ आज दिन भर के बंद के दौरान भड़की हिंसा को काबू करने के लिए जम्मू जिला प्रशासन की अपील पर सेना ने प्रभावित क्षेत्रों में माेर्चा संभाला और संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया।
रक्षा प्रवक्ता ने यहां कहा, “प्रशासन की मांग पर सेना को मदद के लिए बुलाया गया और सेना ने तुरंत हरकत में आकर प्रभावित क्षेत्रों में मोर्चा संभाल लिया । गुर्जर नगर, जानीपुर, शहीदी चौक, तालाब खटिका और अन्य क्षेत्रों में टाइगर डिवीजन और व्हाइट नाइट कोर को तैनात किया गया।”
उन्होंने बताया कि सेना की टुकड़ियों ने फ्लैग मार्च किया और स्थिति पर निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर तथा सेना के यूएवी को भी लगाया गया। जम्मू कश्मीर पुलिस, नागरिक प्रशासन (संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय) और सेना ने स्थिति को नियंत्रण करने के लिए समन्वित प्रयास किए ।
प्रवक्ता ने कहा कि पुलवामा हमले के विरोध में जम्मू वाणिज्य एवं उद्योग मंडल ’ के आह्वान पर जम्मू में पूर्ण रूप से बंद रहा। विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा बड़े पैमाने में निकाले गये जुलूस में बंद का समर्थन किया। इस दौरान शहर के प्रमुख हिस्सों में हिंसा भड़क गई। हिंसा के दौरान विभिन्न गुटों के बीच पथराव और वाहनों में आगजनी हुई।
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