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इटावा सफारी पार्क एशियन शेरों के लिए बन गया है उनकी आबो-हवा के अनुकूल Attack News

इटावा,14 फरवरी । उत्तर प्रदेश में चंबल के बीहड़ो की बदनाम छवि को बदलने के लिए स्थापित किए गये इटावा सफारी पार्क की आबो हवा एशियन शेरों को रास आने लगी है।

सफारी पार्क के निदेशक पी.पी. सिंह ने बताया कि शेरनी जेसिका का गत 15 जनवरी को जन्मा तीसरा शावक काफी सेहतमंद और उसका वजन भी पूर्व के दो शावको से जयादा है। उन्होंने बताया कि शावक के जन्म के बाद कई दिनों तक शेरनी ने सफारी के डाक्टरों एवं कीपरों को उसके पास नहीं जाने दिया।

उन्होंने बताया कि कल मंगलवार को पार्क के अधिकारियों की टीम ने शावक के पास जाकर कुछ फोटोग्राफ लिये हैं और उसका वजन भी कराया जो चार किलो का है।

उन्होंने बताया कि शावक की सेहत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। जेसिका का यह तीसरा शावक भी नर है। उन्होंने बताया कि इस शेरनी ने 6 अक्तूबर 2016 को दो नर शावकों को जन्म दिया था जो अब पार्क में अठकेलियां करने लगे हैं और इन दोनों को शेरनी से अलग रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि सफारी में अब शेरों का कुनबा बढ़ने लगा है जिसके चलते लायन सफारी दर्शकों के लिए खुलने के आसार भी बढ़ रहे हैं।attacknews.in

उन्होंने कहा कि तीसरे शावक के सेहतमंद होने से सफारी में प्रसन्नता का माहौल है और इसे वर्ष 2018 में सबसे बड़ा तोहफा मान कर सफारी अफसर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरणर (सीजेडए) के नियमों के मुताबिक लायन सफारी को जनता के लिए तभी खोला जा सकता है जब वहां कम से कम दस शावक हों। फिलहाल तीन शावक हैं। इसी महीने इनकी संख्या और बढ़ने वाली है।

श्री सिंह ने बताया कि जेसिका के पहले पैदा हुए दो शावकों के नाम शिंबा और सुल्तान हैं जो एक साल से अधिक उम्र के हो गए हैं लेकिन अभी 15 जनवरी को पैदा हुए शावक का नाम नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह अधिक वजन और भारी शरीर के होने के कारण सफारी प्रशासन उसके नाम को किसी पहलवान के नाम पर रखने का मन बना रहा है फिर भी सफारी प्रशासन लखनऊ से अधिकारियो के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।attacknews.in

उन्होंने बताया कि पार्क में जेसिका के अलावा जुलाई और अगस्त 2015 में शेरनी हीर एवं ग्रीष्मा ने पांच शावकों को जन्म दिया था। दुर्भाग्य से इनकी मृत्यु हो गई थी1 इनमें से हीर के दो शावको की मौत तो जन्म के साथ ही हो गई थी जबकि कुछ दिनों बाद ग्रीष्म के भी तीन शावको की भी मृत्यु हो गई।

गौरतलब है कि सफारी में वर्ष 2012 गुजरात से एक शेर एवं तीन शेरनी लाए गए थे जिनकी संख्या अब बढकर सात हो गई है।attacknews.in

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Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

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