फैजाबाद 6 दिसम्बर।हासिम अंसारी के बेटे इक़बाल अंसारी ने एक न्यूज़ चैनेल से बात चीत में कई चीजों को साफ़ कर दिया है.
उन्होंने कहा कि मैं राम विरोधी नहीं हूं. अयोध्या में एक राम मंदिर नहीं हजारों राम मंदिर बने, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं हुई. मेरा तो बस यही कहना है कि बाबरी मस्जिद हमारी है और उसी हक़ की लड़ाई कई वर्षों तक मेरे वालिद लड़ते रहे और उनके गुजर जाने के बाद अब मैं लड़ रहा हूं.
बाबरी विध्वंस के 25 साल पूरे होने पर इकबाल अंसारी ने कहा, “मैं राम विरोधी नहीं हूं. न ही मेरे वालिद साहब थे. मेरे वालिद और महंत ज्ञानदास की दोस्ती कितनी मजबूत थी ये सभी जानते हैं. लड़ाई सिर्फ हक़ की है. जिस जगह पर रामलला विराजमान हैं, वहां मस्जिद थी. इसके सबूत हमारे पास हैं और वही लड़ाई हम लड़ रहे हैं.”
वहीं अंसारी कोर्ट में मामले को सुलझाने के लिए तैयार है. मेरे वालिद और ज्ञानदास जब भी इस मसले का हल निकालने की पहल की विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों इस पर सियासत शुरू कर दी. बात आगे बढ़ने से पहले ही बयानबाजी और राजनीति शुरू हो गई. नारे लगने लगे बाबरी मस्जिद अयोध्या में नहीं बनने देंगे. हमारी लड़ाई भी इसी हक की है. वहां मस्जिद ही थी. इसके सबूत हमारे पास है और हमने कोर्ट में दिया भी है. अब कोर्ट का जो भी फैसला होगा वह हमें मंजूर होगा.
इकबाल अंसारी कहते हैं कि अब वे राम मंदिर और मस्जिद के नाम पर अयोध्या में दंगा नहीं चाहते. वे कहते हैं कि उस मुद्दे पर काफी सियासत हो चुकी है. अब यही चाहते हैं कि कोर्ट का फैसला जो भी हो आ जाए और मामला खत्म हो।attacknews.in