नयी दिल्ली, 13 मई । चुनाव प्रचार में बढ़ रही कटुता और अभद्र भाषा के इस्तेमाल के लिये पूरी तरह कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री के लिए ‘चोर’ शब्द का उपयोग किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कोई व्यक्ति नहीं होता, यह एक संस्था है और कांग्रेस ने इस संस्था की गरिमा कम की है।
यहां अपने निवास पर एक साक्षात्कार में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व अध्यक्ष सिंह ने एक बार फिर दोहराया कि इन लोकसभा चुनावों में भाजपा को 2014 से भी बड़ी जीत हासिल होगी और राजग को दो तिहाई बहुमत मिलेगा । उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के पक्ष में लहर है और पार्टी वहां 42 में से 30 सीट जीत सकती है ।
पिछले चार दशकों में उत्तर प्रदेश और केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे वरिष्ठ नेता सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा..बसपा कोई चुनौती नहीं है और पश्चिम बंगाल में भाजपा बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है ।
लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों की ओर से कटुता बढ़ाने वाले बयान और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर राजनाथ सिंह ने कहा ‘‘ऐसा नहीं होना चाहिए। कांग्रेस ने इसकी शुरूआत की।’’
राजनाथ सिंह :67: ने चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा उच्च मानदंड बनाये रखने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर चुनाव प्रचार अभियान को निम्न स्तर पर ले जाने और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को कम करने का आरोप लगाया ।
यह कहे जाने पर कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के खिलाफ भी ‘चोर’ शब्द का इस्तेमाल हुआ था, राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारा लगाया होगा, लेकिन किसी राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष प्रधानमंत्री को चोर कहे, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री तो प्रधानमंत्री होता है ।’’
सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति पद व्यक्तिगत नहीं होते, ये संस्था होते हैं और लोकतंत्र में ध्यान रखना चाहिए कि संस्थाओं की गरिमा कम न हो ।
गृह मंत्री ने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी :कांग्रेस: के अध्यक्ष :राहुल गांधी: ने ‘चौकीदार चोर है’ कहा जिसके लिये उन्हें उच्चतम न्यायालय में माफी मांगनी पड़ी ।
गौरतलब है कि राफेल लड़ाकू विमान प्रकरण से संबंधित एक मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणी में शीर्ष अदालत का गलत हवाला देने के सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आठ मई को शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी थी।
लोकसभा चुनाव के संभावित परिणाम और भाजपा को मिलने वाली सीटों की संख्या के बारे में पूछने पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ मैं आश्वस्त हूं कि 2014 की तुलना में इस बार भाजपा को ज्यादा सीटें मिलेंगी और राजग को दो तिहाई बहुमत मिलेगा। ’’
भाजपा को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में क्या राजग में वाईएसआर कांग्रेस, बीजद, टीआरएस जैसे छोटे दलों को साथ जोड़ा जायेगा ? इस पर राजनाथ ने कहा, ‘‘ हम सभी दलों को साथ लेकर चलेंगे लेकिन राजग को दो तिहाई बहुमत मिलेगा ।’’
उत्तरप्रदेश में सपा..बसपा की चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिये कोई चुनौती नहीं है । सपा..बसपा का गठबंधन केवल (नरेंद्र) मोदी को रोकने के लिये बना है, इसलिये आम आदमी के बीच इनकी साख गिरी है ।’’
राजनाथ ने कहा, ‘‘ इनकी सोच नकारात्मक है। ऐसे में सकारात्मक परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती । मैं मानता हूं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा जीतेगी । पिछली बार हमें 73 सीटें मिली थीं। कोशिश होगी कि इस बार संख्या 72 कतई न हो । भाजपा को शानदार सफलता मिलेगी। ’’
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश में भाजपा नीत गठबंधन को 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जिसमें से भाजपा को 71 सीट मिली थी ।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने जाति एवं पंथ से परे हटकर सामाजिक कल्याण की योजनाओं को जमीन पर उतारा है जिसका फायदा नीचे तक पहुंचा है ।
यह पूछे जाने पर कि अगर भाजपा 272 के जादुई अंक को नहीं हासिल कर पाती है तब क्या वे क्षेत्रीय दलों के सहयोग से प्रधानमंत्री पद के लिए आमसहमति के उम्मीदवार होंगे, राजनाथ ने कहा कि उन्होंने कभी किसी पद की लालसा नहीं की और पार्टी के निर्णय का पालन किया ।
सिंह ने जोर दिया कि नरेन्द्र मोदी के अलावा किसी और के प्रधानमंत्री बनने का कोई सवाल ही नहीं है । ‘‘ मोदी जी युवा है, ऊर्जावान हैं, दूरदर्शी हैं और इसलिये उनके उत्तराधिकारी का कोई सवाल ही नहीं है । ’’
पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, ‘‘ हम वहां बड़ी जीत दर्ज करने जा रहे हैं । अप्रत्याशित परिणाम आयेंगे । वहां 30 सीटें भी मिल सकती हैं । पश्चिम बंगाल में भाजपा की लहर है ।’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि पार्टी केरल में भी खाता खोलेगी ।
चुनाव में बालाकोट हवाई हमले की पृष्ठभूमि में राष्ट्रवाद को मुख्य मुद्दा बनाये जाने के बारे में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रवाद हमारे लिये चुनावी मुद्दा नहीं बल्कि हमारी प्राथमिकता है ।
उन्होंने कहा कि सेना के जवानों ने शौर्य और पराक्रम किया है तो प्रशंसा करना क्या अपराध है ? केवल चुनाव के दौरान ही हम ऐसा नहीं कर रहे बल्कि पहले भी शौर्यगान करते रहे हैं ।
यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस बालाकोट अभियान के लिये नरेन्द्र मोदी के बजाए सेना को श्रेय देती है तो इसमें गलत क्या है, राजनाथ ने कहा ‘‘ 1971 में इंदिरा गांधी ने भी पाकिस्तान के दो टुकड़े किये थे, ऐसा करने का काम सेना ने ही किया था, उनकी तारीफ हुई थी । विपक्ष के नेता के तौर पर अटल जी ने संसद में इसकी प्रशंसा की थी । तो इस बार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है तो श्रेय मोदीजी को क्यों न मिले । ’’ भाजपा नेता ने इस बात से इंकार किया कि उनकी पार्टी ने किसी की राष्ट्रभक्ति पर सवाल उठाया है । उन्होंने साथ ही कहा कि सेना कुछ पराक्रम करती है तो यहां भी लोगों को खुशी होनी चाहिए, गौरव की अनुभूति होनी चाहिए ।
भाजपा नेता ने विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में पार्टी की पराजय को तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि इन राज्यों में भी लोकसभा चुनाव में अच्छे परिणाम आयेंगे ।
भाजपा अध्यक्ष पद पर अमित शाह का कार्यकाल समाप्त होने पर क्या राजनाथ इस पद के इच्छुक होंगे ? इस पर उन्होंने कहा कि वह दो बार पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं, लेकिन कभी कोई निजी इच्छा नहीं रही। राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने आज तक कभी पार्टी से कुछ नहीं मांगा, यहां तक कि कभी टिकट भी नहीं मांगा। उनका कहना था, “पार्टी ने जो आदेश दिया, उसका मैने पालन किया।”
उनसे इन अटकलों के बारे में पूछा गया कि अगर राजग की सरकार बनती है तो क्या अमित शाह गृह मंत्री और राजनाथ स्पीकर बन सकते हैं?, इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ने जवाब दिया ‘‘ हमारे यहां जो पार्टी तय करती है, वही होता है । ’’
वादे पूरे न करने के विपक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा ‘‘सच यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है । ’’
इन चुनावों में उम्मीदवारों का महत्व न होने और सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव लड़े जाने संबंधी सवाल पर राजनाथ ने कहा ‘‘उनके :मोदी के: नेतृत्व में जो काम हुए उसके आधार पर वोट मांग रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी हम अटलजी के नाम पर वोट मांगते रहे हैं ।’’
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