मध्यप्रदेश में कोविड-19 के 1322 नए मामले
भोपाल, 21 मार्च । मध्यप्रदेश में रविवार को कोविड-19 के 1322 नए मामले सामने आए जिससे प्रदेश में इस वायरस से अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 2,75,727 हो गयी।
राज्य में पिछले 24 घंटे में इस बीमारी से तीन और व्यक्तियों की मौत हुई है। राज्य में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,906 हो गयी है।
यह जानकारी मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने दी।
अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में रविवार को कोविड-19 के 326 नये मामले इंदौर में आये, जबकि भोपाल में 382 एवं जबलपुर में 108 नये मामले सामने आये।
अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कुल 2,75,727 संक्रमितों में से अब तक 2,63,821 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गये हैं और 8,000 मरीजों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
उन्होंने कहा कि रविवार को 663 रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
लॉकडाउन के कारण भोपाल, इंदौर और जबलपुर में सन्नाटा पसरा
इधर वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ने के कारण आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के इलावा इंदौर और जबलपुर में 32 घंटे के लॉकडाउन के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा । सिर्फ चिकित्सा और अन्य अत्यावश्यक सेवाओं को लॉकडाउन के प्रभाव से मुक्त रखा गया है।
मध्य प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा के आदेश के अनुसार इन तीन शहरों में यह लॉकडाउन शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा। इस साल मध्य प्रदेश में यह पहला लॉकडाउन है।
सप्ताह के बाकी दिनों में भोपाल एवं इंदौर में बुधवार से रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक रात्रिकालीन कर्फ्यू भी लगाया गया है, जबकि आठ अन्य शहरों जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल एवं खरगोन में बुधवार रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक दुकानें एवं अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद किये गये हैं। यह आगामी आदेश तक जारी रहेगा।
भोपाल में 196 दिनों बाद पूरा लॉकडाउन लगाया गया है। पिछले साल कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन में पेट्रोल पंप, किराने की दुकानें, दूध के बूथ एवं सब्जी बाजार खुले रहे थे।
इन तीनों शहरों में शनिवार की रात्रि दस बजे से लॉकडाउन प्रारंभ हुआ , जो सोमवार सुबह छह बजे तक लागू रहेगा। आज सुबह से ही भोपाल की सड़कें खाली हैं। जगह जगह पुलिस जवान तैनात किए गए , जो अनावश्यक घर से बाहर निकलने वालों को रोकने और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने के लिए तैयार थे।
सुबह निर्धारित समय पर सिर्फ दुग्ध स्टॉल खुले रहे। इसके अलावा सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। पेट्रोल पंप भी बंद रखे गए । प्रशासन और पुलिस का अमला लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए प्रतिबद्ध नजर आया। इसी तरह का माहाैल कमोवेश इंदौर और जबलपुर में भी रहा। हालाकि पहले से निर्धारित राज्य लोक सेवा आयोग से संबंधित परीक्षा निर्विघ्न रूप से आयोजित करने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए ।
दोनों स्थानों से प्राप्त समाचार के अनुसार लॉकडाउन के कारण लोग घरों में ही ठहरे हुए रहे । घर के लिए आवश्यक सामान लगभग सभी लोगों ने शुक्रवार और शनिवार को ही जुटा लिया था।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन कोरोना मामलों की समीक्षा कर सभी मातहत अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे । उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि कोरोना पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए मॉस्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग आवश्यक है और इनका सभी नागरिक सख्ती से पालन करें।
राज्य के स्वास्थ्य संचालनालय की ओर से कल रात जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार 5़ 2 प्रतिशत संक्रमण की दर से 1308 नए मामले मध्यप्रदेश में आए और इस दौरान दो लोगों की मृत्यु हुयी। इनमें सबसे अधिक मामले भोपाल जिले में 345, इंदौर में 317 और जबलपुर में 116 शामिल हैं। इन शहरों में सक्रिय मामलों की संख्या क्रमश: 2066, 1747 और 476 हो गयी है। राज्य में वर्तमान में सभी 52 जिलों में सक्रिय मामले हैं और इनकी कुल संख्या 7344 हो गयी है। लगभग दो माह पहले सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 2000 के अंदर आ गयी थी।
इसके अलावा राज्य में 16 जनवरी से प्रारंभ हुए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत अब तक 20 लाख से अधिक नागरिकों को निर्धारित मापदंड के अनुरूप टीका लगाया जा चुका है।
राज्य में काेरोना संक्रमण का पहला मामला 20 मार्च को जबलपुर में और भोपाल में 21 मार्च को सामने आया था। इसके बाद यह संक्रमण तेजी से फैलता गया और इसने सभी जिलों को अपनी चपेट में ले लिया।
इंदौर में 4 संक्रमित अभ्यर्थी पहुंचे एमपीपीएससी की मुख्य परीक्षा देने
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा भर्ती मुख्य परीक्षा-2019 (एमपीपीएससी) को देने आज 4 कोरोना संक्रमित अभ्यर्थी भी परीक्षा केंद्रों पर पहुंचे ।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमित अभ्यर्थियों के लिए शहर के शासकीय जीजा बाई महाविद्यालय के एक कमरे में परीक्षा केंद्र बनाया गया। यहां इनकी परीक्षा स्वास्थ्यकर्मियों की निगरानी में कराई गई । इन्हें परीक्षा केंद्रों तक लाने ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस तैनात की गई । इसी के साथ दो डॉक्टर सहित छह स्वास्थकर्मी किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए यहां तैनात किये गए । परीक्षा निर्धारित समय सुबह 10 बजे शुरू हुई ।
इसके अलावा जिले के शेष 12 केंद्रों पर भी परीक्षा प्रारंभ हो चुकी है।