इंदौर 14 सितम्बर। दाऊदी बोहरा समुदाय के मौजूदा सर्वोच्च धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन मोहर्रम के मौके पर ‘वाज़’ यानी प्रवचन देने, मध्यप्रदेश के इंदौर आए ।
राज्य सरकार ने सैयदना को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है. सैयदना से मिलने प्ररधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंदौर पहुंचे, गाड़ी में जूते उतारे मस्जिद में जाने से पहले वजू किया. सैयदना ने भी वाज़ रोका और प्रधानमंत्री को गले लगाया।
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों सैयदना के बगल में कुर्सी पर बैठे. फिर प्रधानमंत्री ने कहा ‘अशरा मुबारक के इस पवित्र अवसर पर भी आपने मुझे यहां आने का मौका दिया, इसके लिए बहुत आभार. मुझे बताया गया है कि टेक्नालॉजी के माध्यम से देश और दुनिया के अलग-अलग सेंटर्स से भी समाज के लोग जुड़े हैं, आप सभी का भी मैं अभिनंदन करता हूं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सम्पूर्ण भाषण:
His Holiness, डॉ. सैय्दना मुफद्दल सैफुद्दीन साहिब, मध्य प्रदेश केजनप्रिय मुख्यमंत्री, श्रीमान शिवराज सिंह जी चौहान, और यहां मौजूद दाऊदी बोहरा समाज के सभी मेरे परिवारजन।
आप सभी के बीच में आना हमेशा मुझे एक प्रेरक अवसर बना देता है, एक नया अनुभव देता है।
अशरा मुबारक के इस पवित्र अवसर पर भी आपने मुझे यहां आने का मौका दिया, इसके लिए मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूं।
मुझे बताया गया है कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से देश और दुनिया के अलग-अलग सभी सेंटर्स में भी हमारे समाज के लोग अभी हमारे साथ जुड़े हुए हैं। दूर-दूर टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए आप सभी को भी मैं आज यहां से नमन करता हूं।
साथियो, इमाम हुसैन के पवित्र संदेश को आपने अपने जीवन में उतारा है, और सदियों से देश और दुनिया तक पैग़ाम पहुंचाया है। इमाम हुसैन अमन और इंसाफ के लिए शहीद हो गए। उन्होंने अन्याय और अहंकार के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की थी। उनकी यह सीख जितनी तब महत्वपूर्ण थी, उससे भी अधिक आज की दुनिया के लिए ये अहम है। इन परम्पराओं को मुखरता से प्रसारित करने की आवश्यकता है। और मुझे प्रसन्नता है कि सैय्दना साहब, बोहरा समाज का एक-एक जन, इस मिशन से जुटा हुआ है।
साथियो, हम पूरे विश्व को एक परिवार मानने वाले, ‘’वसुधैव कुटुम्बकम’’, हम वो लोग जो सबको साथ लेकर चलने की परम्परा को जी करके दिखाने वाले लोग हैं। हमारे समाज की, हमारे विरासत की यही शक्ति है जो हमें दुनिया के दूसरे देशों से अलग पहचान पैदा करती है।
मुझे खुशी है कि बोहरा समाज पूरे विश्व को भारत की इस ताकत से परिचित करा रहा है।दुनिया में कहीं पर भी जाई, वो मुझे मिल जाई के कैम छो।
हमें अपने अतीत पर गर्व है। वर्तमान पर विश्वास है और उज्ज्वल भविष्य के आत्मविश्वास के साथ संकल्प भी है। मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, शांति और विकास के लिए हमारे समाज का जो योगदान है, उसकी बातें मैं लोगों को अवश्य करता हूं।
साथियो, शांति, सद्भाव, सत्याग्रह और राष्ट्रभक्ति के प्रति बोहरा समाज की भूमिका हमेशा-हमेशा महत्वपूर्ण रही है। अपने देश से, अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण की सीख खुद सैय्दनासाहब अपने प्रवचनों के माध्यम से देते रहे हैं, और अभी भी ज्यादा समय उन्होंनेजितना भी बोले, हमें यही सीख दी कि हमें देश के लिए, समाज के लिए, नियमों के लिए, कानून के लिए, कैसे जीना चाहिए।
इससे पहले पूज्य सैय्दनाताहिर सैफूद्दीन साहेब ने भी गांधीजी के साथ मिलकर इन मूल्यों को स्थापित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
मैंने कहीं पढ़ा था कि दोनों महापुरुषों की मुलाकात ट्रेन में सफर करते समय हुई थी। इसके बाद महात्मा गांधी और उनके बीच निर्रत्स, हमेशा, निरंतर संपर्क बना रहा, और हर बड़ी घटना या आंदोलन को लेकर दोनों के बीच में विचार-विमर्श होता था, विवाद होता था।
हम सबको पता है दांडी यात्रा के दौरान, जो हिन्दुस्तान की आजादी का एक स्वर्णिम पृष्ठ है, दांडी यात्रा। दांडी यात्रा के दौरान पूज्य बापू महात्मा गांधी,सैय्दना साहब के घर सैफी विला में ठहरे थे। गांधीजी की मित्रता और उनके मूल्यों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए सैय्दना ताहिर सैफूद्दीन साहेब ने इस सैफी विला को आज़ादी के बाद राष्ट्र को समर्पित कर दिया। आज वही सैफी विला देश की युवा पीढ़ी को प्रेरित कर रहा है।
साथियो, बोहरा समाज के साथ मेरा भी रिश्ता बहुत पुराना है, और अभीसैय्दना साहब ने जो वर्णन किया, मैं सचमुच में एक प्रकार से परिवार का सदस्य बन गया। हमेशा, हमेशा, यानी एक अपनापन महसूस करना, कभी उनके पास चले जाना; ये मेरा एक सहज अपनापन मैं महूसस करता था। आज भी मेरे दरवाजे आपके परिवारजनों के लिए हमेशा खुले रहते हैं। और मेरा सौभाग्य है कि आपका स्नेह, आपके पूरे परिवार का स्नेह मुझ पर अपरम्पार रहा है, हमेशा रहा है।
आज भी, अभी जन्मदिन तो आना बाकी है, लेकिन आप सबसे पहले और इस पवित्र मंच से आपने मुझे आशीर्वाद दिए, और आर्शीवाद भी राष्ट्र कल्याण के लिए मुझे अधिक शक्ति प्रदान करने वाले दिए; ये बहुत बड़ी बात होती है; ये बहुत बड़ी बात होती है। और इसलिए भी मैं आपका हृदय से आभारी हूं।
गुजरात का शायद ही कोई गांव हो, शायद; जहां बोहरा व्यापारी समाज का कोई प्रतिनिधि वहां न मिले। मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री रहा, तब कदम-कदम पर बोहरा समाज ने साथ दिया। आपका यही अपनापन मुझे आज यहां खींच लाया है। मुझे याद है कि किस प्रकार सैय्यदना साहब से मैंने, जो एक बार सैय्यदना साहेब पाटन से वापिस आ रहे थे; उनको सूरत जाना था, समय नहीं था तो मैं एयरपोर्ट पर चला गया। क्योंकि मैंने कहा मैं ऐसे थोड़़े ही जाने दूंगा। आप नहीं आएंगे तो मैं आऊंगा। और उन्होंने मुझे इतना समय हम एयरपोर्ट पर बैठे रहे, इतना प्यार किया जैसे एक छोटे बच्चे को करते हैं। और वहां बातों-बातों में मैंने गुजरात में पानी के संकट की चर्चा की, चैक डैम बनाने की चर्चा की; और मुझे आज बड़े संतोष के साथ कहना है कि इतनी सी, हल्की–फुल्की बात-चीतों को सैय्दना साहेब ने उस उम्र, और वो करीब ninety seven, ninety eight तो पार कर चुके होंगे उस समय, शायद ninety five plus होंगे, क्योंकि कई वर्ष हो गए। लेकिन जाते ही उन्होंने मिशन मोड में इस काम को हाथ में लिया और गुजरात में अनेक जगह पर आपके प्रयासों से अनेक गांवों को चैक डैम से वर्षा का पानी संग्रह का बड़ा अभियान सफलतापूर्वक चलाया गया, जो गांवों को पानी मिला।
इतना ही नहीं, आज से कुछ वर्ष पहले मैंने एक कार्यक्रम में कुपोषण, उसके विषय में, गुजरात में उसके खिलाफ लड़़ाई लड़ने के लिए बोहरा समाज से सहयोग मांगा था। जन-जागरण अभियान चलाने के लिए आग्रह किया था। इसको भी बोहरा समाज ने, सैय्दना साहब ने हाथों-हाथ लिया और भीषण समस्या को दूर करने में गुजरात की सहायता की।
संयोग देखिए, इस बार जब दाऊदी बोहरा समाज अशरा मुबारक के पावन, पवित्र अवसर पर जुटा रहा है, तब देश में, हम पूरे देश मेंपोषण माह मनाया जा रहा है।न्यूट्रेशन मिशन के तहत चलाया जा रहा है। एक-एक शिशु, एक-एक माता को सुरक्षित करने का यह अभियान आज देशभर में चल रहा है।
आप सभी, हर बच्चे की शिक्षा, उसके पोषण, उसके स्वास्थ्य को ले करके जो कार्य करते रहे हैं, उसने समाज को सशक्त करने का काम किया है। और मुझे जानकारी दी गई है कि प्रोजेक्ट राइसके माध्यम से आप भी महाराष्ट्र समेत देश के दूसरे हिस्सों में बच्चों को पोषक आहार देने का अभियान चला रहे हैं। आपका ये प्रयास निश्चित रूप से देश के भविष्य को स्वस्थ और सशक्त बनाने में मदद करेगा।
साथियों, पोषण और स्वास्थ्य को लेकर दाऊदी बोहरा समाज हमेशा जागरूक रहा है। फैज़ अल मवेद और थाली, कम्युनिटी किचन के माध्यम से आपसे सुनिश्चित कर रहे हैं कि समाज का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए। इतना ही नहीं, देश के गरीब को, मध्यम वर्ग को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए आप दर्जनों अस्पताल चला रहे हैं। यूनिवर्सल हेल्थ केयर के प्रति आपकी ये सोच देश को, समाज को शक्ति देती रही है और भविष्य में भी और मजबूत करेगी।
आप सभी ये भी जानते हैं कि देश में स्वास्थ्य को पहली बार सरकार ने इतनी प्राथमिकता दी है। Affordable health care, preventive health care को बढ़ावा दिया जा रहा है। क्वालिटी अस्पतालो, हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर्स का जाल बिछाया जा रहा है। जन-औषधि केंद्रों पर सस्ती दवाएं उपलब्ध की जा रही हैं। मुफ्त डायालिसिस की सुविधाएं दी गई हैं, heart और knee surgery के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमतों में भारी कमी की गई है। अब आयुष्मान भारत देश के करीब-करीब 50 करोड़ गरीब भाई-बहनों के लिए संजीवनी बन करके आया है।
ये छोटा कार्यक्रम नहीं है। अमेरिका, कनाडा मैक्सिको की जितनी संख्या है, उससे ज्यादा लोगों के लिए आयुष्मान भारत का कार्यक्रम हम हिन्दुस्तान में लागू करने जा रहे हैं।
पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, करीब-करीब उतने लोगों को हिन्दुस्तान के अंदर हेल्थ के लिए आयुष्मान भारत की योजना लागू हो रही है। कितना बड़ा काम, कितने लोगों की भलाई के लिए काम; इसकी आप कल्पना कर सकते हैं।
एक साल में पांच लाख रुपये तक का हर परिवार को मुफ्त इलाज, ये छोटा निर्णय नहीं है। 50 करोड़ लोगों का हर परिवार का पांच लाख रुपये का सालाना तक का पूरा खर्चा, उसके इलाज का पूरा जिम्मा सुनिश्चित करने वाली ये आयुष्मान योजना का इन दिनों trial अभी already चल रहा है, और 25 सितम्बर, जबकि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म-जयंती है, उसे देशभर में लागू किया जाएगा।
साथियों, पोषण और स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ गरीबों, जरूरतमंदों के लिए घर देने का जो बीड़ा आपने उठाया है, वो भी सराहनीय है। मुझे बताया गया है कि लगभग 11 हजार लोगों को आपके प्रयासों से अपना घर मिल चुका है। सरकार ने भी 2022 तक देश के हर बेघर ग़रीब भाई-बहन को पक्का घर देने का लक्ष्य रखा है।
आपको ये जानकर खुशी होगी कि अब तक एक करोड़ से अधिक भाई-बहनों को उनके घर की चाबी सौंपी जा चुकी है, यानी घोषणा नहीं, उनको घर की चाबी मिल गई। और बाकी घरों पर काम तेज गति से पूर्णता की तरफ आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी आपका सहयोग सरकार के प्रयासों को एक और ताकत देता है। कभी-कभी समाज की शक्ति और सरकार की शक्ति मिलती है तो परिणाम अनेको गुना ज्यादा आता है। सिर्फ डबल होता है, ऐसा नहीं है, अनेकों गुना ज्यादा अच्छा होता है। देश के जनमानस के जीवन को सरल बनाने के लिए, जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए हम लगातार कोशिश करते रहते हैं, आगे बढ़ाते रहते हैं।
साथियों, गरीब और मध्यम वर्ग से जुड़ा एक और विषय है जिस पर सरकार ने बल दिया है। वो विषय है स्वच्छता का। स्वच्छ भारत अभियान शुरू भले ही सरकार ने किया हो, लेकिन आज इस अभियान को देश की सवा सौ करोड़ जनता खुद हो करके आगे बढ़ा रही है। गांव-गांव, गली-गली में स्वच्छता के प्रति एक अभूतपूर्व आग्रह पैदा हुआ है।
चार वर्ष पहले तक जहां देश के 40 प्रतिशत घरों में; मैं प्रधानमंत्री बना उससे पहले हमारे देश में सिर्फ 40 प्रतिशत घरों में ही टॉयलेट थे। हमारी माताओं-बहनों को कितनी तकलीफ होती होगी, इसका हम अंदाज कर सकते हैं। घरों में टॉयलेट की संख्या जब आया था मैं 40 प्रतिशत थी, इतने कम समय में अब वो 90 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। और मुझे विश्वास है बहुत ही जल्द पूरा देश खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने की तरफ सफलतापूर्वक आगे बढ़ेगा।
आज हम जिस इंदौर शहर में जुटे हैं। ये तो स्वच्छता के इस आंदोलन का अगुआ है, लीडर बन गया है।इंदौर निरंतर स्वच्छता के पैमाने पर देशभर में नंबर वन रहा है और इसलिए मैं इंदौर के सभी नागरिकों को, यहां के चुने हुए प्रतिनिधियों को, यहां के कारपोरेशन के व्यवस्थापकों को, यहां की राज्य सरकार को, यहां के मुख्यमंत्री शिवराजजी को, उनकी पूरी टीम को, हृदयपूर्वक बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।
इंदौर ही नहीं भोपाल ने भी इस बार कमाल कर दिया है। एक प्रकार से पूरे मध्यप्रदेश के मेरे युवा साथी, एक-एक जन, इस आंदोलन को गति दे रहे हैं। स्वच्छता और पर्यावरण की पवित्रता सुनिश्चित करने में आपके समाज के योगदान से भी देश भलीभांति परिचित है।सैय्दना साहब तो खुद स्वच्छता और पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति आग्रही है ही हैं। और मुझे याद है कि बड़े सैय्दना साहब की जन्म शताब्दी, और उस कार्यक्रम में मुझे बुलाया था।
पता नहीं और लोग कैसे जन्म शताब्दियां मनाते हैं या जन्म दिन मनाते हैं? उस दिन हम लोगों ने, आपको भी याद है sparrow बचाने के लिए, हैं अपनी चकली बचाने के लिए आंदोलन खड़ा कर दिया। हरेक को एक बॉक्स दिया गया जिसके अंदर वो अपना घोंसला बनाएं। ये पर्यावरण की रक्षा नहीं तो क्या है जी? ये हमारे संस्कार हैं, और उन्होंने मन की पवित्रता को हमारे वातावरण की स्वच्छता और शुद्धता से जोड़ा है।
मुझे बताया गया है और अभी सैय्दना साहेब ने यही कहा- स्वच्छता दिल की और मन की भी करनी है। मुझे बताया गया है कि इंदौर की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए अशरा मुबारक के इस पूरे आयोजन को पर्यावरण और स्वच्छता के संदेश के साथ जोड़ा गया है।
यहां प्लास्टिक बैग पूरी तरह बैन किए गए हैं, इस पूरे आयोजन को जीरो wasteयानि कचरे से रहित बनाने का प्रण लिया गया है। यहां रोजाना करीब दस टन कचरे को recycle कर fertilizer में बदलने का काम किया जा रहा है और फिर इसको मुफ्त में किसानों में बांटा जा रहा है।
इन सब कार्यों से आप सभी पर्यावरण की सेवा तो कर ही रहे हैं, waste to energy का सरकार को जो vision है, उसको भी आप बल दे रहे हैं। साथ ही किसान भाई-बहनों के लिए भी आपका ये कदम लाभकारी होने वाला है। मेरा तो देशभर के स्वच्छाग्रहियों से आग्रह है कि इस तरह आयोजनों से सबक लेकर स्वच्छता से जुड़े जो हमारे आगे के कार्यक्रम हैं, उनमें भी waste to energy पर बल दिया जाए।
कल, 15 सितम्बर से स्वच्छता ही सेवा- 2 अक्टूबर तक, गांधी जयंती तक- स्वच्छता ही सेवा, ये पखवाड़ा शुरू हो रहा है। इस दौरान भी हम ये प्रयोग देशभर में कर सकते हैं। ये कार्यक्रम पिछले साल की तरह ही महात्मा गांधी जी जयंती यानी 2 अक्टूबर तक चलेगा।
मैं कल खुद देश के स्वच्छाग्रहियों से समाज में स्वच्छता के प्रति जन-जागरण करने वाले देश के सभी धर्मगुरूओं, सभी कलाकार, सभी खिलाड़ी उद्यमी, समाज के जितने भी अग्रिम कोटि के लोग हैं, उन सबके साथ कल सुबह 9.30 बजे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बातचीत करने वाला हूं और उसके बाद दुनिया का एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड बनेगा। एक साथ करोड़ों लोग कल स्वच्छता का काम करने वाले हैं।
इतना ही नहीं, 2 अक्टूबर से महात्मा गांधी की डेढ़ सौंवीं जन्म-जयंती के कार्यक्रम शुरू होने वाले हैं और सैय्दना साहेब ने भी हमें पूज्य बापू की 150वीं जन्म जयंती के लिए संदेश दिया है। अगले दो वर्षों तक चलने वाले इन कार्यक्रमों के दौरान स्वच्छता समेत बापू के बताए रास्ते पर चलने के लिए देश और दुनिया को प्रोत्साहित करेंगे।
आज यहां इंदौर में, आप सभी के बीच में दाऊदी बोहरा समाज को और मध्य प्रदेश के मेरे भाई-बहनों को स्वच्छता के इस अभियान से जुड़ने का मैं न्यौता भी देने आया हूं।
साथियो, आज इस अवसर पर मैं भी आप सभी की एक और विषय पर प्रशंसा करना चाहता हूं। आप में से अधिकतर व्यापार और कारोबार से जुड़े हुए हैं। नियम, कायदे से काम कैसे किया जाता है, अनुशासन में रहते हुए व्यापार को आगे कैसे बढ़ाया जाता है; आपने इस मामले में आदर्श स्थापित किया है और अभी सैय्दना साहब ने हमको वही सीख दी। बार-बार सीख यही दी जाती है। ये छोटी बात नहीं है। दाऊदी बोहरा समाज दुनिया में जहां-जहां भी बसा, इन मूल्यों से उसने अपनी एक अलग पहचान बनाई है, एक नई इज्जत बनाई है।
ईमानदारी, सच्चाई और निष्ठा के साथ व्यापार से कैसे जीवन चलता है इसका उदाहरण आप सबने अपने आचरण के द्वारा प्रस्थापित किया है। देश का व्यापारी और कारोबारी, वो अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। वो देश में रोजगार के अवसर पैदा करने वाली महत्वपूर्ण इकाई है। उसको जितना प्रोत्साहन संभव हो, वर्तमान भारत की सरकार और जहां-जहां राज्यों में हमको सेवा करने का मौका मिला है, ये हमारी प्राथमिकता है, हम दे रहे हैं।
लेकिन ये भी सच है कि पांचों उंगलियां एक समान नहीं होतीं है। हमारे बीच से ही ऐसे लोग निकलते हैं जो छल को ही कारोबार मानते हैं। बीते चार वर्षों में सरकार ये साफ संदेश देने में सफल हुई है कि जो भी हो, वो नियमों के दायरे में ही होना चाहिए। जीएसटी, insolvency and bankruptcy code जैसे अनेक कानूनों के माध्यम से ईमानदार कारोबारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। और इसका सबसे ज्यादा फायदा कोई उठा रहा है तो मेरा बोहरा समाज उठा रहा है।
ये एक बड़ा कारण है कि चार वर्ष के भीतर-भीतर देश भर, दुनिया भर के निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। आज स्थिति ये है कि Make In India के तहत मोबाइल फोन हो, गाड़ियां हो या फिर दूसरे सामान, रिकॉर्ड उत्पादन आज हमारे यहां हो रहा है। रिकॉर्ड स्तर पर निवेश हो रहा है। इसी का परिणाम है कि पिछले क्वार्टर में आठ प्रतिशत से अधिक की विकास दर आप सभी के प्रयास से, सवा सौ करोड़ देशवासियों के श्रम से देश ने हासिल की है जो दुनिया की बड़ी इकोनॉमी में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली है।
अब दहाई की विकास दर पर देश की नजर है और जिस गति से हम आगे बढ़ रहे हैं वहां तमाम चुनौतियों के बावजूद देश की ताकत है, देश पहुंच सकता है और मेरा भी विश्वास है।
साथियों, दुनियाभर में भारत के प्रति सद्भावना बनाने में आप सभी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। दुनिया में जिस प्रकार प्राचीन भारत की चमक थी आज न्यू इंडिया को वो सम्मान देने का सौभाग्य हम सबको मिला है।
देश के नव-निर्माण के लिए हम निरंतर मिल करके आगे बढ़ते रहेंगे। इसी विश्वास के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं। आप सभी का एक बार फिर बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। सैय्दना साहेब का, उनके सभी परिवारजनों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और मुझे निरंतर प्रेम, स्नेह, आशीर्वाद, आप सबकी तरफ से मिलता रहा है। आपके आशीर्वाद, ये मेरी अमानत हैं, ये मेरी शक्ति हैं; जो शक्ति मेरे लिए नहीं है, सिर्फ और सिर्फ सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए है। ये आशीर्वाद, ये शक्ति, ये सामर्थ्य, मैं देशवासियों के चरणों में समर्पित करते हुए मैं फिर एक बार आप सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं।
धन्यवाद।attacknews.in