भारत में आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार “कोविशील्ड” और “कोवैक्सीन” करने जा रही है भारत में किसी भी टीके लिए अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण attacknews.in

पुणे/हैदराबाद , तीन जनवरी ।सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) आदर पूनावाला ने रविवार को कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ आगामी सप्ताहों में टीकाकरण के लिए तैयार है।

भारत के दवा नियामक द्वारा कोविशील्ड के सीमित आपात इस्तेमाल को मंजूरी दिए जाने के तत्काल बाद पूनावाला ने यह बयान दिया।

पूनावाला ने ट्वीट किया, ‘‘सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने टीके के भंडारण के लिए जो जोखिम उठाए, अंतत: उनका फल मिल रहा है। भारत का पहला कोविड-19 टीका ‘कोविशील्ड’ आगामी सप्ताह में टीकाकरण के लिए स्वीकृत, सुरक्षित, प्रभावी और तैयार है।’’

उन्होंने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन समेत उन सभी लोगों और संस्थाओं को धन्यवाद दिया, जिन्होंने टीका विकसित करने में सहयोग दिया।

भारत बायोटेक’ ने कोविड-19 टीके के परीक्षण के लिए 23,000 प्रतिभागियों को शामिल किया

हैदराबाद,से खबर है कि ,‘भारत बायोटेक’ ने कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 26,000 प्रतिभागियों को शामिल करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए 23,000 प्रतिभागियों का सफलतापूर्वक पंजीकरण कर लिया है।

टीका निर्माता ‘भारत बॉयोटेक’ ने शनिवार रात एक बयान में कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण का मानव पर क्लीनिकल परीक्षण नवंबर के मध्य में आरंभ हो गया था, जिसे 26,000 प्रतिभागियों पर किए जाने का लक्ष्य रख गया है।

उसने कहा कि यह कोविड-19 टीके लिए देश में तीसरे चरण का पहला और एकमात्र अध्ययन है और यह भारत में किसी भी टीके लिए तीसरे चरण का अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण है।

भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एल्ला ने प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका जोश देश और दुनिया का मनोबल बढ़ाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में 26,000 प्रतिभागियों पर तीसरे चरण का परीक्षण करने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में सहयोग कर रहे सभी मुख्य जांचकर्ताओं, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मियों और अस्पतालों का शुक्रिया अदा करते हैं। हम कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए 26,000 प्रतिभागियों के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’

इस टीके के पहले और दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षणों में करीब 1,000 लोगों ने भाग लिया था।

इस टीके को ‘भारत बायोटेक’ भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)- भारतीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ मिलकर विकसित कर रहा है।