नयी दिल्ली, 26 फरवरी । वायु सेना ने पुलवामा आतंकवादी हमले के एक पखवाड़े के भीतर ही आज तड़के बड़ी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर जबरदस्त बमबारी की जिसमें आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद का सबसे बड़ा शिविर नेस्तनाबूद हो गया और बड़ी संख्या में आतंकवादी मारे गये।
वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े के प्रमुख विमान मिराज-2000 ने इस मिशन को अंजाम दिया। तड़के साढे तीन बजे 10 से 12 मिराज विमानों ने अलग-अलग वायु सेना स्टेशनों से उडान भरी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट में करीब 20 मिनट तक कई जगहों पर 1000 किलोग्राम के बमों से भारी बमबारी की जिसमें कई आतंकवादी शिविर तबाह हो गये और 200 से 250 आतंकवादी ढेर हो गये। पाकिस्तानी वायु सेना को जब तक इसकी खबर लगती भारतीय विमान मिशन पूरा कर लौट आये।
यह पहला मौका है जब वायु सेना ने सीमा पार कर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की है। लगभग ढाई वर्ष पहले सेना ने उरी हमले के बाद आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त करने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कार्रवाई की थी। लेजर निर्देशित बम गिराने में माहिर मिराज विमानों ने 1999 की कारगिल लड़ाई के दौरान भी सटीक बमबारी कर पाकिस्तान के दांत खट्टे किये थे।
विदेश सचिव विजय गोखले ने वायु सेना की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान से जैश ए मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया था लेकिन उसने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि हमें पुख्ता जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में आत्मघाती आतंकवादी हमलों की साजिश रच रहा था और इसके लिए फिदायिन जिहादियों को प्रशिक्षित कर रहा था। आसन्न खतरे को देखते हुये मंगलवार तड़के “आत्मरक्षा के लिए असैन्य” कार्रवाई की गयी जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया।
भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को तड़के सीमापार पाकिस्तान स्थित बालाकोट में आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के ठिकाने को निशाना बनाया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गए ।
इस अभियान में मारे गए आतंकियों में जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का रिश्तेदार युसूफ अजहर शामिल है। विदेश सचिव विजय गोखले ने यह जानकारी दी।
साथ ही गोखले ने यह भी कहा कि भारत सरकार आतंकवाद रूपी बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विदेश सचिव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि 12 दिन पहले पुलवामा हमले को अंजाम देने के बाद जैश ए मोहम्मद भारत में एक और आत्मघाती आतंकी हमला करने की साजिश रच रहा है।
उन्होंने कहा कि इस जानकारी के बाद सीमा के दूसरी ओर जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर गैर-सैन्य एकतरफा हमले किए गए।
गोखले ने बताया कि भारतीय वायु सेना के आज सुबह चलाये गए अभियान में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर को निशाना बनाया गया। इस अभियान में बड़ी संख्या में जैश के आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गए । इस शिविर का नेतृत्व मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था, जो जैश प्रमुख मसूद अजहर का रिश्तेदार था।
उन्होंने कहा कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद भारत में और आत्मघाती आतंकी हमले की साजिश रच रहा था। फिदायीन जिहादियों को इस काम के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था। ऐसे में हमने यह कार्रवाई की ।
गोखले ने कहा कि हमने पाक को आतंकी हमले के सबूत कई बार दिए लेकिन पाकिस्तान ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की । यह ऐहतियातन उठाया गया कदम और गैर सैन्य कार्रवाई थी जिसका मकसद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था । हमने जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जो घने जंगल में पहाड़ियों पर थे और नागरिक इलाकों से दूर थे ।
उन्होंने कहा कि इन आतंकी शिविरों में इतने बड़े पैमाने पर जेहादियों को प्रशिक्षण देना बिना पाकिस्तानी प्राधिकार की जानकारी के संभव नहीं था । पाकिस्तान को बार बार इन आतंकी ठिकानों के बारे में जानकारी दी गई और कार्रवाई करने को कहा गया । लेकिन वह इंकार करता रहा ।
विदेश सचिव ने कहा कि आसन्न खतरे को देखते हुए, एकतरफा कार्रवाई ‘‘अत्यंत आवश्यक’’ थी ।
गोखले ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने 2004 के संकल्प पर अमल करेगा कि वह भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिये अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा ।
विदेश सचिव ने कहा कि भारत आतंकवाद से निपटने के लिए सभी कदम उठाने को दृढ़तापूर्वक प्रतिबद्ध है । भारत की पाकिस्तान से अपेक्षा है कि वह जैश ए मोहम्मद सहित सभी आतंकी शिविरों को नष्ट करेगा ।
भारतीय वायु सेना के आज के अभियान के बारे में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अवगत कराया।
कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की।
वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को तड़के सीमापार स्थित आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के ठिकाने पर बड़ा एकतरफा हमला किया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, शीर्ष कमांडर और जिहादी मारे गए ।
विदेश सचिव ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद के बालाकोट में मौजूद सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर खुफिया सूचनाओं के बाद की गई यह कार्रवाई जरूरी थी क्योंकि आतंकी संगठन भारत में और आत्मघाती हमले करने की साजिश रच रहा था।
गौरतलब है कि 12 दिन पहले जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए आत्मघाती हमले में बल के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली थी।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को मंगलवार को तड़के चलाए गए अभियान के बारे में बताया।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमले कश्मीर के पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में स्थित बालाकोट में किए गए या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में किए गए। गोखले ने यह भी नहीं बताया कि यह हमला कैसे किया गया। साथ ही उन्होंने सूत्रों द्वारा पूर्व में दी जा रही इस खबर की पुष्टि भी नहीं की कि अभियान में बम गिराने के लिए मिराज विमानों का इस्तेमाल किया गया।
विदेश सचिव ने संवाददाताओं को बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि 12 दिन पहले पुलवामा हमले को अंजाम देने के बाद जैश ए मोहम्मद भारत में और आत्मघाती आतंकी हमले करने की साजिश रच रहा है। इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गोखले ने कहा कि आसन्न खतरे को देखते हुए, एकतरफा कार्रवाई ‘‘अत्यंत आवश्यक’’ थी ।
उन्होंने कहा कि इस जानकारी के बाद सीमा के दूसरी ओर जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर हमले किए गए।
पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे मीडिया को संबोधित कर रहे गोखले ने कहा कि कुछ समय पहले अभियान चलाया गया और विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा की जा रही है।
उन्होंने बताया ‘‘अभिायन में बहुत बड़ी संख्या में जैश के आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और जिहारी मारे गए जिन्हें फिदायीन हमलों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था।’’
एक बयान पढ़ते हुए गोखले ने बताया कि यह आतंकी शिविर बालाकोट में घने जंगल में, एक पहाड़ी पर, नागरिक बहुल इलाकों से दूर था और इसकी अगुवाई मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी कर रहा था जो जैश ए मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर का रिश्तेदार था।
बयान में यह नहीं कहा गया है कि क्या मरने वाले आतंकियों में यूसुफ अजहर भी शामिल है।
विदेश सचिव ने कहा ‘‘भारत सरकार आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने की खातिर दृढ़ एवं पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ’’
उन्होंने कहा ‘‘उन्होंने कहा कि नागरिकों को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे, इसके लिए हमने इस लक्ष्य को चुना ।’’
गोखले ने कहा ‘‘भारत की पाकिस्तान से अपेक्षा है कि वह जैश ए मोहम्मद सहित सभी आतंकी शिविरों को नष्ट करेगा ।’’
उन्होंने कहा ‘‘भारत पाकिस्तान से बार बार अनुरोध करता रहा है कि जिहादियों को प्रशिक्षण तथा हथियार मुहैया कराए जाने के लिए वह जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करे। लेकिन पाकिस्तान ने अपने यहां मौजूद आतंकियों की अवसंरचना को नष्ट करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए।’’
इससे पहले, सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर, पाकिस्तानी हिस्से में, आतंकी शिविरों पर बम गिराए। उन्होंने कहा कि जेट विमानों ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी में स्थित आतंकी शिविरों पर बम गिराए।
बहरहाल, इन खबरों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। गोखले ने मिराज 2000 जेट विमानों का जिक्र नहीं किया लेकिन कहा कि बालाकोट में केवल एक ही शिविर को निशाना बनाया गया।
बयान में गोखले ने कहा कि जैश ए मोहम्मद पिछले दो दशक से पाकिस्तान में सक्रिय है। इसका मुख्यालय पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में है।
उन्होंने कहा कि जैश ए मोहम्मद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है। यह गुट दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले और जनवरी 2016 में पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हुए हमले सहित कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है।
विदेश सचिव ने कहा ‘‘पाकिस्तान को समय समय पर उसके यहां और कश्मीर के, पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में मौजूद आतंकी शिविरों, प्रशिक्षण शिविरों के ठिकानों की जानकारी दी गई। लेकिन पाकिस्तान उनकी मौजूदगी से इंकार करता रहा। ’’
उन्होंने कहा कि इन आतंकी शिविरों में इतने बड़े पैमाने पर जेहादियों को प्रशिक्षण देना बिना पाकिस्तानी प्राधिकार की जानकारी के संभव नहीं था । पाकिस्तान को बार बार इन आतंकी ठिकानों के बारे में जानकारी दी गई और कार्रवाई करने को कहा गया । लेकिन वह इंकार करता रहा ।
गोखले ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अपने 2004 के संकल्प पर अमल करेगा कि वह भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिये अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा ।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को किए गए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पाक स्थित आतंकी गुट जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली
वायु सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और इमरान सरकार ने हड़बड़ी में बैठकों के दौर शुरू कर दिये। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने कहा कि भारतीय विमानों ने तड़के वायु सीमा का उल्लंघन कर हमारे क्षेत्रों में घुसपैठ की लेकिन पाकिस्तानी विमानों ने समय रहते हुए कदम उठाया जिससे वे हड़बड़ी में खुले क्षेत्र में बम गिराकर चले गये और इस कार्रवाई में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।
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