नईदिल्ली 28 मई । मानसून इस बार केरल की धरती पर शुभ मुहूर्त में आया है। ज्योतिषियों की माने तो मानसून पहले दक्षिण भारत के राज्यों में जमकर बरसेगा फिर उत्तर भारत को भिगोएगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने की सारी स्थितियां अनुकूल बनी हुई है। पहले स्काइमेट ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि मानसून 28 मई को केरल में प्रवेश करेगा । विशाखा नक्षत्र में इंद्र देव की पूजा का विशेष विधान होता है। इस नक्षत्र कॉल में इंद्र देव की कृपा का बरसना देश के लिए शुभ संकेत है।
सोमवार ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी को विशाखा नक्षत्र काल में शुभ के चौघड़िए के दौरान केरला के दक्षिणी पश्चिमी तट पर मानसून की बारिश शुरू हो गयी है।
मौसम संबंधी विश्लेषण व पूर्वानुमान जारी करने वाली निजी कंपनी स्काइमेट ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून ने आज केरल में दस्तक दे दी। इसके साथ देश में दक्षिण पश्चिम मानसूनी बरसात का मौसम शुरू हो गया है।
स्काइमेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जतिन सिंह ने कहा , ” केरल में मानसून जैसी स्थितियां है और हम कह सकते हैं वार्षिक वर्षा के मौसम का आगाज हो गया है। जल्द ही तमिलनाडू, कर्नाटक, आंध्रा में मानसून के बादल बरसेंगे।
आगे बढ़ने के लिए भी अनुकूल स्थितियां
भारतीय मौसम विभाग की माने तो मानसून के अागे बढ़ने के लिए भी अनुकूल स्थितयां बनी हुई है। उत्तर भारत पूरी तरह से भीषण गर्मी के कारण आग के गोले में बदल चुका है। यहां भी एक वैक्यूम बन चुका है। यह वैक्यूम नम हवाओं को तेजी से अपनी तरफ खीचेगा और बरसात होगी। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जो मानसून को तेजी से आगे पहुंचाएंगे।
प्री मानसून की बरसात होगी
मानसून के भारत में प्रवेश करते ही यह आगे बढ़ेगा। इस बीच राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्री मानसून की बरसात होगी जिससे गर्मी का असर कम होगा। राजस्थान में मानसून के आगमन की तारीख 20 जून है और यह गुजरात के अरब सागर से राजस्थान में प्रवेश करता है।
इस तरह मानसून ने दी दस्तक:
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल के तट पर दस्तक दे दी है। इसके साथ ही देश में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। जल्द ही केरल तट पर दस्तक देगा। मौसम से जुड़ी भविष्यवाणी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने कहा, ”केरल के ऊपर मानसून आने जैसी स्थिति बन चुकी है। इस लिहाज से हम कह सकते हैं कि देश में बारिश के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। मानसून 28 मई को ही केरल पहुंच गया है।’
स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पलवत ने कहा कि केरल के सभी मौसम केंद्रों पर बीते दो दिन से बारिश रिकॉर्ड की गई है। हवा की गति भी मौसम के मुताबिक है, ऐसे में लगता है कि मानसून केरल पहुंच चुका है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय अंडमान व निकोबार के मायाबन्दर क्षेत्र तक पहुँच गई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अरब सागर में बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र मॉनसून को तेज़ी से आगे बढ़ाएंगे तथा अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी के भी कई इलाकों में यह जल्द प्रगति करेगा।
दोनों सिस्टमों की सक्रियता को देखते हुए इस बात की संभावना है कि मॉनसून अगले 24 घंटों के भीतर केरल पहुँच जाएगा। स्काइमेट ने अपने अनुमान में 28 मई को मॉनसून के केरल पहुँचने की संभावना जताई थी। इसमें दो दिन का एरर मार्जिन भी बताया गया था। इस अनुमान के सच होने की प्रबल संभावना है। केरल पहुँचने के साथ ही मॉनसून दक्षिणी अरब सागर के कुछ भागों, कोमोरिन क्षेत्र, लक्षद्वीप के कुछ और हिस्सों, दक्षिणी तमिलनाडु, अंडमान सागर के बचे हुए हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी भागों तक पहुँच सकता है।मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय अंडमान व निकोबार के मायाबन्दर क्षेत्र तक पहुँच गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अरब सागर में बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र मॉनसून को तेज़ी से आगे बढ़ाएंगे तथा अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी के भी कई इलाकों में यह जल्द प्रगति करेगा। दोनों सिस्टमों की सक्रियता को देखते हुए इस बात की संभावना है कि मॉनसून अगले 24 घंटों के भीतर केरल पहुँच जाएगा।
स्काइमेट ने अपने अनुमान में 28 मई को मॉनसून के केरल पहुँचने की संभावना जताई थी। इसमें दो दिन का एरर मार्जिन भी बताया गया था। इस अनुमान के सच होने की प्रबल संभावना है। केरल पहुँचने के साथ ही मॉनसून दक्षिणी अरब सागर के कुछ भागों, कोमोरिन क्षेत्र, लक्षद्वीप के कुछ और हिस्सों, दक्षिणी तमिलनाडु, अंडमान सागर के बचे हुए हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी भागों तक पहुँच सकता है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय अंडमान व निकोबार के मायाबन्दर क्षेत्र तक पहुँच गई है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अरब सागर में बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र और बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र मॉनसून को तेज़ी से आगे बढ़ाएंगे तथा अरब सागर से लेकर बंगाल की खाड़ी के भी कई इलाकों में यह जल्द प्रगति करेगा।
दोनों सिस्टमों की सक्रियता को देखते हुए इस बात की संभावना है कि मॉनसून अगले 24 घंटों के भीतर केरल पहुँच जाएगा।
स्काइमेट ने अपने अनुमान में 28 मई को मॉनसून के केरल पहुँचने की संभावना जताई थी। इसमें दो दिन का एरर मार्जिन भी बताया गया था। इस अनुमान के सच होने की प्रबल संभावना है। केरल पहुँचने के साथ ही मॉनसून दक्षिणी अरब सागर के कुछ भागों, कोमोरिन क्षेत्र, लक्षद्वीप के कुछ और हिस्सों, दक्षिणी तमिलनाडु, अंडमान सागर के बचे हुए हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्वी भागों तक पहुँच सकता है।
मॉनसून की उत्तरी सीमा यानि एनएलएम इस समय अंडमान व निकोबार के मायाबन्दर क्षेत्र तक पहुँच गई है।
मौसम विभाग के अनुसार 29 तक आएगा
मौसम विभाग (आईएमडी) के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर मत्युंजय महापात्रा ने कहा कि सोमवार सुबह जारी हुए बुलेटिन में बताया गया है कि मानसून अगले 24 घंटे में केरल पहुंचेगा। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि दक्षिण अरब सागर में मानसून की स्थित मजबूत है। मंगलवार सुबह तक इसके मालदीव, केरल के तटीय इलाके, तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी और अंडमान-निकोबार के ऊपर छा जाने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने सोमवार को कहा कि मानसून के अगले 24 घंटे यानी मंगलवार तक केरल तट से टकराने का अनुमान है। केरल में आमतौर पर मानसून आने की तारीख 1 या 2 जून होती है। तभी से देश में बारिश का मौसम शुरू होता है।attacknews.in