संयुक्त राष्ट्र, चार मई । जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग में सफलता मिलने के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मुद्दे पर लंबित वैश्विक सम्मेलन आयोजित कराने का आह्वान किया है।
दुनियाभर में प्रार्थनास्थलों पर हो रहे हमले को देखते हुए इस सम्मेलन की मांग की गई है।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन (सीसीआईटी) आयोजित करने को लेकर एक मसौदा दस्तावेज संयुक्त राष्ट्र में 1986 में पेश किया था लेकिन यह लागू नहीं हो सका क्योंकि सदस्य राष्ट्रों के बीच आतंकवाद की परिभाषा को लेकर एक राय नहीं बन पाई थी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने श्रीलंका में ईस्टर संडे के हमले में मारे गए लोगों की याद में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक खाका का जल्द तैयार होना श्रीलंका में आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रार्थनास्थलों और मनोरंजन स्थलों पर नृशंस और कायराना हमले ने विभिन्न देशों के सैकड़ों नागरिकों के निर्दोष लोगों की जान ले ली। यह इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवाद सिर्फ आजीविका के साधन और लोगों की जिंदगियां ही नहीं बर्बाद करता है बल्कि समाज को छिन्न-भिन्न करता, देश को अस्थिर करता है और डर के वास्ते ही डर पैदा कर मानवीय विश्वास को तोड़ता है।’’
अकबरूद्दीन ने इस दौरान यह सम्मेलन आयोजित कराने के संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के स्थायी दूत अमृत रोहन पेरेरा के प्रयास का भी जिक्र किया।
यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के स्थायी मिशन और महासभा की अध्यक्ष द्वारा सह-आयोजित किया गया था।
अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘ उनके देश के पीड़ितों को श्रद्धांजिल देने के तौर पर हम कोशिश कर सकते हैं कि इस खतरे से निपटने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय खाका तैयार किया जाए।’’
भारत की यह मांग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के एक दिन बाद आई है। अजहर का वैश्विक आतंकवादी घोषित होना भारत के लिए बड़ी जीत है।
संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका के स्थायी दूत अमृत रोहन पेरेरा ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए कानूनी खाका अंगीकार किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ दिखाने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों ने श्रीलंका में हुए हमले में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। इस हमले में 250 लोगों की मौत हो गई और 500 घायल हो गए।
संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने इस आयोजन में कहा कि यह दुखदायक है कि दुनियाभर में चर्च, मस्जिद, सिनागार्ज और अन्य प्रार्थनास्थल ‘हत्या स्थल और भय का स्थल’ बन रहे हैं।
अमीना ने कहा कि दुनिया में असहिष्णुता, नस्लवाद का खतरनाक स्तर पर सामना कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र की अध्यक्ष मारिया फर्नांन्डा एसपिनोजा ने कहा कि श्रीलंका में प्रार्थना कर रहे लोगों, परिवारों और कर्मचारियों और छुट्टियां मनाए जा रहे लोगों पर हमला होने की वजह से समुदायों के बीच डर पैदा हो गया है।
श्रीलंका से पहले न्यूजीलैंड में 15 मार्च को श्वेत वर्चस्ववाद में विश्वास करने वाले एक व्यक्ति ने न्यूजीलैंड में दो मस्जिदों में गोलीबारी की थी, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई।
attacknews.in