लंदन, 21 मार्च । भारतीय नागरिकों के प्रत्यर्पण के कुछ हाई-प्रोफाइल और साथ ही कम चर्चित मामलों पर एक नयी किताब में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि भारत में कानून से बचकर भागने वाले लोगों के लिए ब्रिटेन सुरक्षित पनाहगाह क्यों है।
‘एस्केप्ड : ट्रू स्टोरीज ऑफ इंडियन फ्यूजिटिव्स इन लंदन’ नाम की किताब का सोमवार को विमोचन हुआ। इसमें ऐसे 12 मामलों का उल्लेख किया गया है जिनमें भारत में वांछित कथित अपराधियों पर कर्ज न चुकाने से लेकर हत्या तक के मुकदमे चल रहे हैं।
यह किताब लंदन के पत्रकारों और अध्ययनकर्ताओं दानिश तथा रूही खान ने लिखी है। इस किताब में किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामलों का भी जिक्र है जिन पर भारत में धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोप लगे हैं। साथ ही इसमें पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी रवि शंकरन तथा संगीतकार नदीम सैफी समेत कुछ ऐतिहासिक मामलों का भी उल्लेख है।
दानिश खान ने कहा, ‘‘इन 12 मामलों को व्यक्तियों के खिलाफ लगे आरोपों की महत्ता के तौर पर चुना गया है क्योंकि उनके मामलों की सुनवाई में दिलचस्प दलीलें रखी गईं और रोचक फैसले सुनाए गए।’’
लंदन में पत्रकार के तौर पर हाल के अदालती मामलों की रिपोर्टिंग करने वाले दंपति ने कहा कि उन्होंने अपने खुद के विचार और की गई रिपोर्टिंग के बारे में लिखा है। साथ ही उन्होंने ब्रिटिश अभिलेखों, अखबारों के पुराने रिकॉर्ड और संसदीय रिपोर्टों को खंगाला।
प्रत्यर्पण के कुछ पुराने मामलों में दाऊद इब्राहिम, इकबाल मिर्ची का भी जिक्र है जिन्होंने उस समय लंदन में पैर जमाए जब अंडरवर्ल्ड डॉन के लिए पश्चिम एशिया पसंदीदा स्थान था और यह उनके लिए सही साबित हुआ क्योंकि वह भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ लड़ाई जीत गए।
लेखकों ने कहा कि उन्होंने किताब में इस पर प्रकाश डालने की कोशिश की है कि कैसे मिर्ची ने बंबई के मोहल्लों से उठकर लंदन में अपना साम्राज्य खड़ा किया।